यूपी चुनाव की तैयारी में लगे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने एबीपी न्यूज़ गंगा के साथ बातचीत में गठबंधन को लेकर कई बातें कहीं। इसके साथ ही बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं उन दोनों ही नेताओं की इज्जत करता हूं।

उनसे पूछा गया कि क्या कारण रहा कि दलित समाज के बहुत सारे नेता बने लेकिन बाद में उन्होंने उस समाज को छोड़ दिया? आजाद ने इसके जवाब में कहा कि गरीबों की बात करते हुए खुद तो लोग अमीर हो जाते हैं और गरीब गरीब ही रह जाता है। जो व्यक्ति निजी स्वार्थ के लिए लड़ेगा, वह बदल जाएगा।

आजाद ने अपना दल बनानेकारण बताया कि हमने एक विचारधारा के लिए इस दल को खड़ा किया है। अगर मुझे किसी पद की लालसा होती तो किसी और पार्टी से चुनाव लड़ता। उन्होंने कहा कि जिसे अपनी जिंदगी की परवाह नहीं है वह किसी चीज की क्या परवाह करेगा। मुझे बहुत अवसर है लेकिन मैं बाबा साहब अंबेडकर और काशीराम के विचारों को मरने नहीं देना चाहता हूं।

जब आप बीमार थे तो प्रियंका गांधी आपको देखने भी आई थी, उनसे गठबंधन को लेकर कोई बातचीत हुई है? इस सवाल पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उनसे बातचीत होती रहती है। मुझे देखने आईं इसको लेकर मैं उनको धन्यवाद कहता हूं। एक भाई की तरह वह मुझे देखने आई और मेरी मदद की।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आजाद ने कहा कि मेरी और उनकी मुलाकात पर कई नेताओं ने टिप्पणी की। मैं राजनीतिक रूप से मजबूर था, नहीं तो उन्हें कोई कुछ अपशब्द कह दे तो मुझसे टकराना पड़ेगा। क्योंकि मैं उन्हें बहन मानता हूं। मैं मायावती को बुआ और प्रियंका गांधी को बहन मानता हूं। मैं दोनों लोगों का बेहद सम्मान करता हूं। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से गठबंधन को लेकर कहा है कि उनसे हमारी कोई मुलाकात नहीं हुई है।