कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान किया है कि उनकी पार्टी 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी। कांग्रेस के इस फैसले को बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी नाटकबाजी करार दिया है।
मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, ‘कांग्रेस जब सत्ता में होती है व इनके अच्छे दिन होते हैं तो इनको दलित, पिछड़े व महिलाएं आदि याद नहीं आतीं, किन्तु अब जब इनके बुरे दिन नहीं हट रहे हैं तो पंजाब में दलित की तरह यूपी में इनको महिलाएं याद आई हैं व उन्हें 40 प्रतिशत टिकट देने की घोषणा इनकी कोरी चुनावी नाटकबाजी है।’
बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस से सवाल किया कि ‘महिलाओं के प्रति कांग्रेस की चिंता अगर इतनी ही वाजिब व ईमानदार होती तो केंद्र में इनकी सरकार ने संसद व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून क्यों नहीं बनाया? कांग्रेस का स्वभाव है ’कहना कुछ व करना कुछ’ जो इनकी नीयत व नीति पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है।’
मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘यूपी व देश में महिलाओं की आधी आबादी है तथा इनका हित व कल्याण ही नहीं बल्कि इनकी सुरक्षा, आदर-सम्मान के प्रति ठोस व ईमानदार प्रयास सतत प्रक्रिया, जिसके प्रति मजबूत इच्छाशक्ति जरूरी, जो कांग्रेस व भाजपा आदि में देखने को नहीं मिलती है जबकि बीएसपी ने ऐसा करके दिखा दिया है।’
मायावती के ट्वीट पर कई कांग्रेस नेता उन्हें जवाब देते दिखे। कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने लिखा कि बयान वीर BSP की बहनजी, ज़रा भाजपा का चश्मा उतरा कर देखिये, पहले आपको कांग्रेस द्वारा पंजाब में एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने पर आपत्ति हुई, अब आपको महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी आपत्ति हो रही है? हम तो अब तक BJP को ही दलित/महिला विरोधी समझते थे।
कांग्रेस नेता नितिन अग्रवाल ने लिखा कि बहन जी, आप भी कर लो ना नाटकबाजी, किसने रोका आपको? कांग्रेस नेता ललन कुमार लिखते हैं कि हिम्मत है तो यह कदम आप भी उठाइए। मगर आप नहीं कर पाएंगी ऐसा। क्योंकि करोड़ों रुपए में टिकट बेचना आपकी कमाई का एकमात्र साधन है।कांग्रेस नेता चिरंजीव राव लिखते हैं कि मायावती जी का ट्विटर अकाउंट जो भी चलाता हैं वह शायद भूल गया सत्ता में भाजपा हैं और उन्हें डर कांग्रेस से लग रहा हैं। हम पहले से ही कहते थे बसपा भाजपा की बी- टीम है।