बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह में रह रही लड़कियों के साथ याैन शोषण की घटना पर पटना में शुरू हुई राजनीति दिल्ली पहुंच चुकी है। इसके बहाने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर भाजपा के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सभी नेता भले ही आश्रयगृह में रह रही लड़कियों के साथ हमदर्दी जता रहे हैं लेकिन इसके बहाने वे अपने विरोधी पर हमला बोलने में किसी तरह का कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर की घटना के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक धरना का आयोजन किया। कहा कि, “एक आवाज़ ऐसी उठाई जाए जिसका शोर आने वाली पीढ़ियों की आत्माओं को झकझोरती रहे। हमारी आने वाली नस्लें ये ना कहें कि हमारे पूर्वज कायर और नामर्द थे। साथ ही उन्होंने लोगों से इस धरने में शामिल होने की अपील की।” उनके इस अपील पर रिट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “दिल्ली के लोगों से अपील है कि हमारी बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए जंतर मंतर पर जरूर आएं।”

अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने उनके उपर कटाक्ष किया। कहा, “धन्य है आप केजरीवाल जी, बहन बेटियो की इज्जत अब आरजेडी बचाएगी? किसी भी बिहार की महिला से पूछ के देखो क्या हाल था लालू के शासनकाल में। 8 बजे के बाद महिला घर से नही निकल सकती थी, डर का क्या माहौल था बिहार में।मुज्जफरपुर की घटना का जो समर्थन करे वो तो इंसान कहलाने लायक ही नही है। जो भी दोषी हो किसी पार्टी का हो, किसी नेता की औलाद हो या रिश्तेदार उसे तो चौराहे पर फांसी होनी चाहिए। लेकिन लालू राज में बिहार को महिलायो के लिए नरक बनाने वाले महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं।”

वहीं, दूसरी ओर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तेजस्वी के धरने के समर्थन करते हुए भाजपा और जदयू पर निशाना साधा है। लिखा कि, “बिहार के सत्ताधारियों के शेल्टर होम में बच्चियों से बलात्कार ने ‘बेटी बचाओ’ के नारे को भी जुमला बना दिया है। अब तो इनके समर्थक भी विरोध में हैं और ये सोचकर ‘शर्मसार’ भी कि वो अब तक कैसे लोगों का साथ दे रहे थे। जेडीयू-भाजपा की सरकार को नैतिकता के नाम पर तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए।”