हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट्स से पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह पर हमला बोल सवाल पूछे हैं। अपनी उपलब्धियां गिनाकर उन्होंने पंजाब से पूछा है कि किसान विरोधी कौन है। दरअसल पंजाब सीएम अमरिंदर ने खट्टर पर किसान विरोधी होने का आरोप जड़ा था। उनका गुस्सा करनाल में हुए प्रकरण को लेकर था। खट्टर ने इसके पलटवार में पहले चंडीगढ़ में प्रेस के जरिए अमरिंदर पर वार किया और फिर ट्वीट्स की झड़ी लगाकर उन्हें माकूल जवाब दिया।
अमरिंदर सिंह ने अशांत माहौल के लिए भाजपा को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि संकट इतना गंभीर नहीं होता अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा ने किसानों की चिंताओं पर ध्यान दिया होता। उन्होंने कहा कि खट्टर के किसान विरोधी एजेंडे का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पंजाब पर आंदोलन की जिम्मेदारी डालकर प्रदर्शनकारी किसानों पर आपराधिक हमले का बचाव करने की कोशिश की।
एसडीएम की सफाई से सरकार संतुष्ट
खट्टर बोले-हर साल बढ़ जाते हैं बेरोजगार
उन्होंने कहा- क्या आपको दिखाई नहीं देता कि आपके अपने राज्य के किसान आपसे नाराज हैं? उन्होंने कहा कि किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए पंजाब या किसी अन्य राज्य से उकसावे की जरूरत नहीं है। पंजाब को दोष देने के बजाय कृषि कानूनों को निरस्त करें। अमरिंदर का ये भी कहना था कि किसानों का गुस्सा चुनावों के दौरान बीजेपी को भारी पड़ने वाला है।
Dear @capt_amarinder ji,
1. Haryana procures 10 crops at MSP – paddy, wheat, mustard, bajra, gram, moong, maize, ground nut, sun flower, cotton and makes the MSP payment directly into the account of the farmer. How many crops does Punjab buy from the farmer at MSP?— Manohar Lal (मोदी का परिवार) (@mlkhattar) August 30, 2021
खट्टर ने उनका जवाब देने के लिए अपनी सरकार की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया। खट्टर ने कहा कि हम 10 फसलें एमएसपी पर खरीद रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में गेहूं व धान ही खरीदा जा रहा है। एक के बाद एक करके सात ट्वीट खट्टर ने किए। इसमें अमरिंदर को टैग किया गया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा किसानों को 12 फीसदी ब्याज फसल के लेट होने पर करता है तो उन्हें 5000 प्रति एकड़ का मुआवजा धान की सीधी बुआई पर करता है। गन्ने के दामों पर भी खट्टर ने पंजाब सीएम को घेरा। उनका कहना था कि गन्ने के दामों के मामले में हरियाणा अनुकरणीय है।
चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में खट्टर ने कहा कि पूर्व सरकारों में भौतिक विकास हुआ लेकिन ई गवर्नेंस विकास पर जोर नहीं रहे। हमने हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर पर भी जोर दिया। अब सेवा का अधिकार कानून और पारदर्शी होगा। एक सितंबर से ऑटो अपील पोर्टल भी शुरू हो जाएगा। इसके बाद अधिकारियों को छोटा-बड़ा काम तय समय में करना होगा। लोगों को अफसर अब घुमा नहीं सकेंगे। तय समयावधि में काम न होने पर अपील अपने आप अगले उच्च अधिकारी के पास पहुंच जाएगी।
गौरतलब है कि करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज होने के बाद से हरियाणा सरकार पंजाब और किसानों के निशाने पर है। एक तरफ पंजाब सरकार उसकी आलोचना कर रही है तो किसानों ने करनाल में महापंचायत करके खट्टर सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है।
