केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी हुई हैं। अपनी पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने के अनुप्रिया जनसभाएं करती नजर आ रही हैं। इसके साथ ही वह दावा भी कर रही हैं कि इस चुनाव में उनकी पार्टी एक बड़े आकार में उभरकर आएगी। गठबंधन को लेकर अनुप्रिया पटेल का कहना है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, अभी हमारी पार्टी बीजेपी के साथ बातचीत कर रही है।
हाल में ही एबीपी न्यूज़ के एक इंटरव्यू में अनुप्रिया पटेल से पूछा गया था कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी यूपी चुनाव में एंट्री मार दी है, उन्हें चुनौती के रूप में देखती हैं? इसके जवाब में अनुप्रिया ने कहा था कि उनका ट्रैक रिकॉर्ड ही यही है कि किसी भी राज्य में चुनाव होता है तो वह वहां पहुंच जाते हैं। वह मुस्लिम समुदाय के साथ बड़े-बड़े वादे भी करते हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अनुप्रिया ने कहा था कि मैं उनसे इतना ही कहना चाहूंगी कि अगर वह किसी भी राज्य की राजनीति के लिए गंभीर हैं तो अपनी पार्टी को लेकर आए और 5 साल संघर्ष करें। चुनाव के ठीक पहले इस तरह से प्रकट होने वाले लोगों को जनता भी गंभीरता से नहीं लेती है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कभी आपसे संपर्क नहीं किया?
अनुप्रिया पटेल ने बताया था कि जहां तक संपर्क की बात है तो सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता एक-दूसरे से बातचीत करते हैं। जहां तक प्रियंका गांधी की बात है कि वह यूपी चुनाव में सक्रिय नजर आ रही हैं… मुझे लगता है कि उन्हें अपनी पार्टी को मजबूती देनी चाहिए। उनका जो संगठन कमजोर हुआ है उसे मेहनत करके फिर से बनाने की कोशिश करें।
कांग्रेस कितनी बड़ी चुनौती मानती हैं आप? इसके जवाब में अनुप्रिया ने कहा था, ‘ 2017 विधानसभा चुनाव में 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उस में से 9 सीटों पर हमने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस पार्टी की स्थिति यूपी में इतनी अच्छी नहीं है जितनी कभी किसी जमाने में हुआ करती थी। आज उनके विधायकों की संख्या अपना दल के विधायकों से भी कम है।’ उन्होंने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि इनकी पार्टी को मंथन करने की जरूरत है।