इन दिनों दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर चर्चा जोरों पर है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत अच्छी कर दी है तो वहीं बीजेपी का आरोप है कि स्कूलों की हालत बदतर हो गई है। इसी को लेकर एक कार्यक्रम कर रहे एंकर सुशांत सिन्हा ने कहा कि कायदे से तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिक्षा मॉडल की खबर न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी चाहिए थी। उनकी इस बात पर कई तरह के रिएक्शन आने लगे।
एंकर ने कही ऐसी बात
एंकर सुशांत सिन्हा ने अपने लाइव शो में बताया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए दो बड़ी योजनाएं लेकर आए थे। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा का असर ऐसा हुआ कि आप जब सुनेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे। एंकर ने कहा, ‘ दिल्ली का शिक्षा मॉडल तो घूम रहा है लेकिन गुजरात का शिक्षा मॉडल आपने अभी तक सुना ही नहीं होगा।’
एंकर ने बताएं शिक्षा के मोदी मॉडल
उन्होंने कहा कि आपको यह नहीं पता होगा क्योंकि न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे नहीं छापा था। उन्होंने दावा किया कि सन् 2000 और 2001 में गुजरात में एक से पांच तक के बच्चों का ड्रॉप आउट 21 प्रतिशत था। एंकर ने आगे अपने शो में दावा किया कि इस ड्रॉपआउट को नरेंद्र मोदी सन् 2010 से 2011 के बीच में 2% लेकर आ गए थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुजरात में उनकी सरकार में 13% लड़कियों की साक्षरता भी बढ़ी थी।
एंकर ने शेयर किया वीडियो
शो के वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर कर एंकर ने लिखा कि कायदे से न्यूयॉर्क टाइम्स में नरेंद्र मोदी का एजुकेशन मॉडल छपना चाहिए था लेकिन छपा नहीं। एंकर द्वारा किए गए दावे पर कुछ लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया है। उनके द्वारा शेयर किए गए वीडियो पर अब तक 1 हजार से अधिक लोगों ने कमेंट किया है तो वही 9 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।
लोगों के रिएक्शन
चंदन सिंह नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि मोदी का मुकाबला केजरीवाल सौ जन्म तक नहीं कर पाएंगे। अपूर्व वाजपेई ने कमेंट किया – छपना तो बहुत कुछ चाहिए था लेकिन छपा नहीं। संजय जायसवाल नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि मोदी जी का ‘फूट डालो और राज करो’ मॉडल है, जो बाकायदा छप भी रहा है। अनिल चौहान नाम की एक यूजर ने एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर कर लिखा कि यह हालत है गुजरात की, सिर्फ एक एक टीचर के भरोसे 700 से ज्यादा स्कूल चलाए जा रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि हाल में ही न्यूयॉर्क टाइम्स में केजरीवाल के शिक्षा मॉडल को लेकर खबर छपी थी। जिस पर बीजेपी द्वारा कई तरह के सवाल उठाए गए थे।