US Woman Hardest Cultural Adjustment Viral Video: कई बार क्लचरल डिफरेंस हैरान करने वाले हो सकते हैं। कई लोग जो एक देश से दूसरे देश जाते हैं, उन्हें वहां के कल्चर हैरान करने वाला लगते हैं और उन्हें उसके अनुसार एडजस्ट होने में वक्त लगता है। ऐसा ही कुछ हुए अमेरिकी इंप्लूएंसर क्रिस्टन फिशर के साथ जो तीन साल पहले भारत आई हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो में बताया कि उन्हें सबसे कठिन क्लचरल डिफरेंस क्या लगा – डिनर पार्टियों के लिए भारत का प्वॉइंट ऑफ व्यू।
भारतीय डिनर रीति-रिवाजों ने हैरान कर दिया
अमेरिका में डिनर में पहुंचने पर तुरंत खाना परोसे जाने की आदी क्रिस्टन ने कबूल किया कि भारतीय डिनर रीति-रिवाजों ने उन्हें हैरान कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा भूखी बैठी रहती हूं और हर बार सोचती रहती हूं कि खाना कब परोसा जाएगा।”
यह भी पढ़ें – रजाई-कम्बल में कवर लगाने का देसी जुगाड़ VIRAL, वीडियो देख यूजर्स बोले – ये आईडिया इंडिया से बाहर नहीं जाना चाहिए
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद रहती है कि उनके देश में जिस तरह आम तौर पर पहुंचने पर गर्म भोजन तैयार रहता है, उसी तरह यहां भी होगा। क्रिस्टन ने बताया कि भारत में, भोजन से पहले बातचीत करने को प्राथमिकता दी जाती है।
अपने वीडियो में उन्होंने शेयर किया, “अमेरिका में, बातचीत भोजन के बाद होती है, लेकिन भारत में, ये पहले होती है। इमेजिन कीजिए कि मुझे कितना आश्चर्य होता होगा जब मेहमान समय पर नहीं आते या तुरंत खाना खाना नहीं चाहते।”
यह भी पढ़ें – ‘क्यूट के चक्कर में भूत बना दिया…’, काजल से बच्चे का किया ऐसा मेकअप, VIDEO देखकर यूजर्स ने दिया मजेदार रिएक्शन
अपने अनुभव को याद करते हुए, क्रिस्टन ने बताया कि वो एक बार रात 11 बजे एक दोस्त की डिनर पार्टी से निकलीं, लेकिन उन्हें पता चला कि भोजन परोसा ही नहीं गया था। उन्होंने कहा, “वे पूछ रहे थे कि मैं इतनी जल्दी क्यों जा रही हूं, और मैं सोच रही थी कि देर हो चुकी है, और मुझे अब बेड पर जाना चाहिए। मैं ऐसी डिनर पार्टियों से घर आकर सोने से पहले खाने के लिए सैंडविच भी बनाती हूं।”
इस भारतीय कल्चर से जूझना पड़ता है हर बार
2021 से अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रही क्रिस्टन ने बताया कि कैसे वो भारतीय कल्चर को अपनाने की कोशिश करती हैं, लेकिन इस मामले में उन्हें हर बार जूझना पड़ता है। उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैं अभी भी इसे समझ नहीं पा रही हूं। क्या खाना ठंडा नहीं हो जाएगा? या मुझे अपने मेहमानों का आनंद लेने के बजाय पूरे समय रसोई में खाना बनाना होगा।”
क्रिस्टन द्वारा पोस्ट किया गया ये वीडियो देखते ही देखते इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया। सोशल मीडिया यूजर्स ने कल्चरल डिफरेंस पर क्रिस्टन के इस साफ प्वाइंट ऑफ व्यू पर अपनी राय शेयर की है। एक यूजर ने वीडियो के कमेंट सेक्शन में लिखा, “हां, हम देर से डिनर परोसते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम अपने मेहमानों को तब तक भूखा छोड़ देते हैं। हम अपने आतिथ्य के लिए जाने जाते हैं और इसलिए हम लगभग हमेशा अपने मेहमानों को स्नैक्स और सॉफ्ट ड्रिंक या अन्य पेय पदार्थ परोसते हैं। ये स्टार्टर के रूप में भी काम आते हैं। हमारे स्नैक्स बहुत स्वादिष्ट और तृप्त करने वाले होते हैं। इस तरह हम अपने मेहमानों को, जिसमें आमतौर पर बच्चे और उनके माता-पिता शामिल होते हैं, डिनर परोसे जाने तक खुश रखते हैं।”
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, “आम तौर पर, हम अपने मेहमानों को शाम 7 से 7:30 बजे के आसपास पानी, चाय, अन्य ड्रिंक्स और स्नैक्स देते हैं। कुछ बातचीत के बाद हम लगभग 8:30 से 9 बजे खाना परोसते हैं। फिर बाद में कुछ और बातचीत के बाद हम डिसर्ट, आइसक्रीम या कॉफी/चाय परोसते हैं। मौसम या पसंद के अनुसार। लगभग 11 से 11:30 बजे मेहमान अपने घर चले जाते हैं… ये दूरी पर निर्भर करता है। चूंकि भारत में इतनी देर से निकलना बहुत सुरक्षित नहीं है, इसलिए आप समय एडजस्ट कर सकते हैं।”