समाजवादी पार्टी के मुखिया उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक (BJP MP Subrata Pathak) के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। इन दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। अखिलेश ने बीजेपी सांसद को पान खाने की सलाह दी तो सुब्रत पाठक ने ट्वीट के जरिए उन्हें वोदका छोड़ देने की सलाह दी। इन दोनों के बीच हुई जुबानी जंग पर सोशल मीडिया यूजर्स (Social Media Users) ने भी कमेंट (Comment) किए।
अखिलेश यादव ने कही थी ऐसी बात
मैनपुरी उपचुनाव के नतीजे आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने सुब्रत पाठक पर कहा, “वह मुंह में खैनी भरे रहते हैं। उन्हें खैनी खाना छोड़ देना चाहिए।” इसके साथ उन्होंने कहा कि वह सांसद होते हुए कन्नौज का विकास नहीं करना चाहते हैं, मुंह में मसाला भर लेंगे तो विकास की बात क्या करेंगे? सपा प्रमुख ने चुटकी लेते हुए कहा कि सुब्रत पाठक की बहुत रिश्तेदारी है इटावा में, रिश्तेदार भी जानते होंगे कि सपा ने वहां कितना विकास कराया है।
सुब्रत पाठक ने किया पलटवार
अखिलेश यादव के बयान पर सुब्रत पाठक ने ट्वीट के जरिए पलटवार किया। उन्होंने लिखा, “पान का प्रयोग हिंदुओं की पूजा में होता है। इसमें सुपारी, कत्था, इलायची और कन्नौज के पवित्र फूलों के इत्र पड़े होते हैं। अच्छा हो कि अखिलेश यादव वोदका पीना छोड़ दें ताकि उनकी बुद्धि ठीक रहे। अखिलेश के जीवन के बहुत से किस्से कन्नौज में आज भी लोगों को मालूम हैं।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं
अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक के बयान पर को सोशल मीडिया यूजर्स चुटकी लेते हुए कमेंट कर रहे हैं तो वही कुछ लोगों ने अपने – अपने नेताओं के समर्थन में प्रतिक्रिया दी है। विनीत सिंह चौहान नाम के ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि एक चुने हुए सांसद के लिए अखिलेश यादव की ऐसी भाषा बिल्कुल भी सही नहीं है लेकिन राजपाट चला गया है, उसके बाद भी अहंकार थमने का नाम नहीं ले रहा है। शरद यादव नाम के एक यूजर ने लिखा, “विकास और रोजगार पर ध्यान देने के बजाय नेता एक दूसरे पर निजी हमला कर रहे, ऐसे यूपी का भविष्य बेहतर बना पाएंगे?”
रविंद्र शुक्ला नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि मैनपुरी में सपा की भारी जीत देखकर कन्नौज के सांसद की हालत खराब हो रही है तो इस तरह के बयान दे रहे हैं। शुभम त्रिपाठी नाम के ट्विटर हैंडल से कमेंट आया, “अभी तो 2024 के लोकसभा चुनाव दूर हैं, अभी से ही बीजेपी सांसद को चक्कर आने लगे हैं।” राजेंद्र त्रिपाठी नाम के एक यूजर ने पूछा कि क्या अखिलेश यादव हिंदू नहीं हैं? बीजेपी ने ही केवल हिंदू बनने का ठेका ले रखा है।