12 जून को प्रयागराज में हिंसा और पत्थरबाजी के आरोपी जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चला तो बेटी आफरीन फातिमा एक बार फिर सुर्खियों में आ गईं। सोशल मीडिया पर लोगों ने आफरीन के समर्थन और विरोध में ट्वीट करने लगे। इसी बीच आफरीन का एक पुराना वीडियो सामने आया, जिसमें वह कह रही हैं कि हम (मुलसमान) ना तो सरकार पर भरोसा कर सकते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर!

वायरल हो रहे वीडियो में आफरीन फातिमा CAA-NRC का जिक्र करते हुए कह रही हैं कि ‘आज हम CAA और NRC का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं लेकिन सिर्फ उसके खिलाफ नहीं उतरे हैं। हमें यह महसूस हो रहा है कि ना हम सरकार पर भरोसा कर सकते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा कर सकते हैं।’

वीडियो में आफरीन फातिमा कह रही हैं कि ‘ये वही सुप्रीम कोर्ट है, जिसने अफजल गुरु को फांसी की सजा दी, जिनका संसद भवन पर हमला करने में कोई हाथ नहीं था। ये वही सुप्रीम कोर्ट है जो पहले बोलता है कि बाबरी मस्जिद के अन्दर कोई मंदिर नहीं था, ताला तोड़ना गलत था, मस्जिद गिराना गलत था और बाद में मंदिर बनाने का फैसला देता है।’ 

इतना ही नहीं आफरीन फातिमा के कई पुराने वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह सरकार और कोर्ट पर सवाल खड़े कर रही हैं। आफरीन फातिमा के वायरल वीडियो पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुणाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अरे यार सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ हमसे भी उम्मीद छोड़ो। जिस जगह दिल लगता है उस देश में जाओ भाई।’

अनूप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ना सरकार पर भरोसा न कोर्ट पर, रहना फिर भी यहीं है !! क्या कर सकते हैं अब तुम्हारे लिए बहन।’ अनिल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इन्हे वैसे तो भारत के ना संविधान में विश्वास है ना ही सुप्रीम कोर्ट पर। जब इनके ऊपर कार्यवाही होगी तो यही लोग सबसे पहले दुहाई देते हैं कि इस देश का संविधान खतरे में है और देश में कानून व्यस्था चलेगी, ना की तानाशाही।’

हिमांशु मिश्रा ने लिखा कि ‘सही तो बोल रही है, इसे न्याय चाहिए, वो भारत में नहीं मिलेगा। अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार या पाकिस्तान में गरीब सरकार इसे अच्छे से न्याय देगी। आफरीन, आप एक काम करो, अरब देशों से न्याय मांगों। वहां कुछ न कुछ जरूर मिल जाएगा।’ सुर्यांशी नाम की यूजर ने लिखा कि ‘जो लड़की कल तक कह रही थी कि हम सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते, सुप्रीम कोर्ट को अफजल गुरु का कातिल बता रही थी। वही आज कह रही है कि हमारा घर गिराने से पहले कोर्ट में फैसला आना चाहिए था।’

ऐसा कहा जा रहा है कि आफरीन फातिमा ही अपने पिता को राय दिया करती थीं। पुलिस अब आफरीन पर भी नजर बनाए हुए हैं कि कहीं प्रयागराज में हुए प्रदर्शन में उसका हाथ तो नहीं है। वहीं जावेद के घर पर हुई कार्रवाई को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया है। परिजनों ने दावा किया है कि जिस घर को तोड़ा गया, वो जावेद के नाम पर नहीं था बल्कि उनकी पत्नी के नाम पर था।