विपक्षी दलों के नेताओं ने 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर संसद भवन परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के आगे धरना दिया। राहुल गांधी इस धरने में शामिल होने पहुंचे तो शिवसेना के सांसद संजय़ राउत उनसे कहते दिखा- आप आए बहार आई। एक वीडियो में उन्हें ये कहते साफ सुना गया।
संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में अशोभनीय आचरण को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए सांसदों के हक में विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला। राहुल गांधी, निलंबित सांसद, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य नेता इस मार्च में शामिल हुए।
राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं। सदन में विपक्ष जो चर्चा करना चाहता है, सरकार वह चर्चा नहीं होने देती। विपक्षी सदस्य अपनी आवाज उठाते हैं तो सरकार उनको डराकर-धमकाकर निलंबित कर देती है। विपक्ष की आवाज कुचली जा रही है। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन चार ऐसे मुद्दे हैं जिनका सरकार नाम तक नहीं लेने नहीं देती। प्रधानमंत्री मोदी सदन में आते तक नहीं हैं।
“आप आए, बहार आयी!” says #SanjayRaut to #RahulGandhi as the latter joins the suspended Rajya Sabha MPs’ protest inside #Parliament pic.twitter.com/fh6XTJ4tfY
— Poulomi Saha (@PoulomiMSaha) December 14, 2021
संजय राउत ने कहा कि यह सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं, बल्कि यह किसानों के आंदोलन के लिए यह सांसदों का सबसे बड़ा बलिदान है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और न्याय शब्दों को यह सरकार सुनना ही नहीं चाहती है। आज तक हमारे लोकतांत्रिक इतिहास में यह नहीं देखा गया। इसके खिलाफ हम लड़ेंगे।
ध्यान रहे कि पिछले 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद से ये सांसद संसद की कार्यवाही के दौरान प्रतिदिन सुबह से शाम तक संसद परिसर में धरना दे रहे हैं।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।