Microsoft ने मंगलवार (9 दिसंबर) को भारत में 17.5 बिलियन डॉलर की निवेश योजना का ऐलान किया। दिग्गज टेक कंपनी ने कहा कि वह आने वाले चार सालों में भारत में अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लाउड कंप्यूटिंग क्षमता का विस्तार करने के लिए 17.5 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है।
यह निवेश एशिया में उसका अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। और यह उस 3 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त है जिसकी घोषणा कंपनी ने इस साल की शुरुआत में की थी। Microsoft ने स्पष्ट किया है कि वह साल 2026 के आखिर तक उस राशि को खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
गौर करने वाली बात है कि माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद यह ऐलान किया। कंपनी ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि बैठक के दौरान दोनों लीडर्स ने देश की AI रोडमैप और विकास संबंधी प्राथमिकताओं पर चर्चा की। अपने इंडिया AI टूर के तहत नडेला आने वाले कुछ दिनों में नई दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई में आयोजित कार्यक्रमों में भी संबोधित करने वाले हैं।
गौर करने वाली बात है कि माइक्रोसॉफ्ट भारत में दो दशकों से ज्यादा से काम कर रहा है। देशभर के 10 शहरों में कंपनी के 22,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। अपने प्रतिस्पर्धियों की तरह, Windows निर्माता पर भी यह दबाव बढ़ रहा है कि AI में लगाए जा रहे अरबों डॉलर जल्द ही मुनाफे के रूप में दिखाई देने लगें।
17.5 बिलियन डॉलर की यह राशि 2030 तक दो करोड़ भारतीयों को AI में स्किल देने में इस्तेमाल होगी। इसके अलावा कंपनी के बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम, नोएडा और अन्य शहरों में चल रहे ऑपेरशन को भी सपोर्ट देने में काम आएगी।
हैदराबाद में कंपनी का डाटा सेंटर हब, जिसमें तीन अवेलेबिलिटी ज़ोन शामिल हैं। और जिनका कुल साइज़ दो ईडन गार्डन्स स्टेडियम जितना है। इस हब का आधिकारिक उद्घाटन 2026 के मिड में होना तय है। निवेश की एक हिस्सेदारी चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में मौजूद उसके ऑपरेशनल डाटा सेंटर हब को एक्सपेंड करने में भी लगाई जाएगी।
Microsoft ने यह भी कहा कि वह श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ मिलकर ई-श्रम पोर्टल और राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) प्लेटफॉर्म में एडवांस्ड AI क्षमताओं को इंटिग्रेट करने पर काम कर रही है। OpenAI सर्विस द्वारा सपोर्टेड इन नई AI सुविधाओं में बहुभाषी अनुवाद, AI-सहायता प्राप्त नौकरी मिलान, कौशल और मांग रुझानों के लिए पूर्वानुमान विश्लेषण और ऑटोमेटेड रिज्यूमे बनाना शामिल हैं।
सरकारी प्लेटफॉर्म पर Microsoft के AI इंटिग्रेटशन को कुछ भारतीय AI स्टार्टअप्स ने अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी। जबकि केंद्र ने स्थानीय कंपनियों जैसे Sarvam और Tech Mahindra को ₹10,300 करोड़ के India AI मिशन के तहत स्वायत्त AI मॉडल बनाने के लिए शामिल किया है।
