चिलचिलाती धूप और गर्मी का सेहत पर हर तरह से बुरा असर पड़ता है, मगर इस मौसम में आंखों की देखभाल की जरूरत खास तौर पर अधिक होती है। इस मौसम में गर्म और धूलभरी हवाएं चलती हैं, जो आंखों को संक्रमित कर सकती हैं। धूप का तीखापन आंखों की रेटिना को प्रभावित करता है, जिससे देखने की क्षमता कमजोर हो सकती है। शहरों में धूल-धुएं वाली हवा आंखों में घुस कर कई तरह की परेशानियां पैदा कर सकती है। इससे आंखों में खुजली होनी शुरू हो जाती है।
लोग इससे राहत पाने के लिए आमतौर पर आंखों को मलते हैं, जिससे संक्रमण और रेटिना पर बुरा असर पड़ने की संभावना रहती है। धूप से एकदम छाए में पहुंचने पर आंखों से पानी गिरना शुरू हो जाता है। इससे आंखों में सूखापन आता है। ऐसे में आंखों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसके लिए सामान्य सावधानियां बरतें, तो आंखों की परेशानियों से बचे रह सकते हैं।
धूप का चश्मा
गर्मी का मौसम आंखों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। वायु प्रदूषण के कारण होने वाले नुकसान से बचाने के लिए धूप का चश्मा सबसे कारगर उपाय होता है। जब भी घर से बाहर निकलें, धूप का चश्मा पहन कर ही निकलें। इससे एक तो धूप की तेज चमक का आंखों की रेटिना पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। दूसरे, धूल, धुएं और बाहरी बैक्टीरिया, विषाणुओं के प्रकोप से भी बचाव होगा। जब भी धूप में निकलें, तो छतरी का भी उपयोग करें। इससे सिर और आंखों पर सीधी धूप से बचाव होगा। गर्मी में पैदा होने वाली कुछ समस्याएं आम हैं।
आंखें लाल होना
गर्मियों में आंखों के लाल होने यानी कंजक्टिवाइटिस की समस्या बढ़ जाती है। यह एक संक्रामक रोग है, जो गंदे हाथों से छूने या इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति का तौलिया आदि इस्तेमाल करने से फैलता है। अगर इस समस्या से बचने का यही उपाय है कि साफ-सफाई का खास खयाल रखें। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं। दूसरे व्यक्ति के तौलिए, रूमाल, बेडशीट, तकिए के कवर इस्तेमाल न करें। बार-बार हाथ और आंखों को धोते रहें।
खुजली
गर्मियों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे आंखों में एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है। एलर्जी होने पर आंखों में खुजली होती रहती है। इससे बचाव का उपाय यही है कि ऐसे स्थान पर जाने से बचें, जहां धूल और प्रदूषण अधिक हो। जब भी घर से बाहर निकलें, धूप का चश्मा लगाएं, ताकि आंखों की खुजली से बचे रह सकें। दिन में दो-तीन बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं, ताकि धूल-मिट्टी निकल जाए।
सूखापन
गर्म और सूखे मौसम के कारण आंखों में सूखेपन की समस्या हो जाती है, क्योंकि आंखों की अश्रु झिल्ली तेजी से सूख जाती है, जिससे आंखों में जलन और खुजली होती है। जिन लोगों को पहले से ही यह समस्या है, उनमें और बढ़ जाती है।
- आंखों में आई ड्राप का इस्तेमाल करें। रात को सोने से पहले गुलाब जल डालने से भी आंखों की गंदगी बाहर निकल जाती और उन्हें आराम मिलता है।
- एअर कंडीशनर के सामने मुंह करके बैठने से बचें। इसकी ठंडी हवा आंखों की पुतलियों को प्रभावित करती है।
- पानी और दूसरे तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से आंखों को सामान्य रूप से काम करने में सहायता मिलती है। निर्जलीकरण के कारण अश्रु ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में आंसुओं का निर्माण नहीं कर पाती हैं, जो हमारी आंखों में नमी बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। आंखों में सूखेपन के कारण आंखों से संबंधित दूसरी समस्याएं भी हो जाती हैं। पानी के अलावा रसीले फल और सब्जियां, जैसे तरबूज, खरबूजा, खीरा आदि का सेवन करें।
गर्मियों में पसीना अधिक आता है, इसलिए रोगाणुओं और बैक्टीरिया के संपर्क का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर गंदे हाथों से आंखों को रगड़ेंगे, तो रोगाणु आंखों के संपर्क में आ जाएंगे। इसके कारण एलर्जी और संक्रमण हो सकता है। इसलिए साफ-सफाई का खयाल रखें और हाथ थोड़े से भी गंदे हों तो उन्हें तुरंत धो लें।
पौष्टिक आहार
आंखों को स्वस्थ रखने में हमारा खानपान भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंखों की कोशिकाओं और रेटिना को मजबूती प्रदान करने में ल्युटेन तथा जैक्सांथिन नामक दो तत्त्वों की अहम भूमिका है। हरी सब्जियों और फलों में यह तत्त्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आंखों के स्वास्थ्य के लिए हरी सब्जियों, फलों के साथ दुग्ध उत्पाद भी अच्छी मात्रा में खाएं।
अच्छी नींद लें
छह से आठ घंटे की आरामदायक नींद लें। यह आपकी आंखों को प्राकृतिक तरीके से तरोताजा रखने में सहायता करती हैं।
- बिना डाक्टर की सलाह के कोई भी आई ड्राप का इस्तेमाल न करें।
- अगर तैराकी के लिए जाएं तो चश्मा अवश्य पहनें, ताकि क्लोरीन एलर्जी और कंजक्टिवाइटिस से बच सकें।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)