दिसंबर ने दस्तक दे दी है। मानकर चलिए कंपाकंपाने वाली सर्दियों का दौर शुरू होने वाला है। जल्द शीतलहर भी शुरू हो सकती है। ऐसे मौसम में सबसे ज्यादा डर इस बात का रहता है कि कहीं ठंड न लग जाए और इससे तबियत न बिगड़ जाए। इस मौसम में व्यायाम करना आसान नहीं होता। फिर कसरत करते भी हैं तो कपड़ों को लेकर ऊहापोह बना रहता है। किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए ठंड से बचने का सबसे आसान और असरदार तरीका है कि वह ऐसे गर्म कपड़े पहने, जिससे बाहरी मौसम का असर उसके शरीर पर न पड़े।
ठंड में सिर से पांव तक गर्म कपड़ों से ढंकना बेहद आवश्यक है। सबसे अच्छे गर्म कपड़े वही होते हैं जो हवा को अंदर न घुसने दें। ऐसे कपड़ों के धागों में हवा फंस जाती है। इन गर्म कपड़ों में जितनी अधिक परतें होंगी वह उतना ही अच्छा है। क्योंकि इन परतों के बीच हवा भर जाती है और ठंड अंदर घुस नहीं पाती है।
सर्दियों में सिर को ढंकना बेहद जरूरी है। शरीर की 80 फीसद गर्मी सिर से ही बाहर निकलती है। इसलिए पूरे बदन को गर्म रखने के लिए जरूरी हैं कि सिर पर गर्म ऊनी कैप पहनें। मंकी कैप काफी असरदार है क्योंकि यह मुंह ,कान और सिर तीनों ढंके रहती है। हथेलियों को सर्दी से बचाने के लिए ऊन से बुने हुए दस्ताने कारगर होते हैंं। इसमें अलग अलग उंगलियों के लिए खांचे नहीं बने होते हैं बल्कि यह सिर्फ दो हिस्सों में होते हैं। इस कारण ठंडी हवा पार नहीं होती है। एक हिस्से में अंगूठा रहता है और बाकी में एक साथ चारों उंगलियां। बहुत ज्यादा ठंडी जगहों पर लोग मिटेन के ऊपर ऊनी मोजे पहनते हैं।
शरीर में अंदर काटन कपड़े सबसे अच्छे माने जाते हैं। इसलिए सबसे अंदरूनी परत काटन कपड़े की पहनें और उसके ऊपर से ऊनी कपडें पहनें ताकि ठंडी हवा शरीर तक न आ सके। सर्दियों में लंबे ऊनी मोजे पहनना चाहिए। इससे बिल्कुल भी ठंड नहीं लगती है। अगर कडकड़ाती ठंड हो तो दो जोड़ी मोजे पहनना चाहिए। एक बात का जरूर ध्यान रखें। कभी भी गीले कपड़े न पहनें।
यदि कपड़े भीग गए हों तो उसे तुरंत निकाल दें और अपना शरीर पोछ लें क्योंकि गीले कपड़ों से तुरंत सर्दी लग जाती है और अगर बाहर ठंड ज्यादा है आप बहुत मुश्किल में पड़ सकते हैं। बर्फीली हवाओं वाली जगह स्कार्फ पहनना बहुत ज़रूरी है। इससे नाक और मुंह ढके रहते हैं, जिससे जब सांस बाहर छोड़ते हैं तो स्कार्फ का वह हिस्सा गर्म हो जाता है। जब आप फिर सांस अंदर लेते हैं तो हवा उसमें से गुजरने के कारण गर्म हो जाती है। ऐसे मौसम में कपड़ों की बाहरी परत नायलान वाली होनी चाहिए।