अपने आसपास के लोगों से सहज बातचीत में जानने की कोशिश की जाए तो ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जो आए दिन सिरदर्द, आधे सिर के दर्द या माइग्रेन की समस्या से जूझते हैं। तंत्रिका तंत्र से संबंधित यह समस्या न केवल बड़ों को, बल्कि किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। यों इस दर्द के तेज होने पर लोग कोई दवा लेकर खा तो लेते हैं, मगर तात्कालिक राहत के सिवा इससे छुटकारा उन्हें नहीं मिल पाता। सीधे किसी दवा का सहारा लेने के बजाय कुछ तरीके आजमाए जा सकते हैं, जो सिर दर्द को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

अपना इलाज

यों खानपान और रहन-सहन को दुरुस्त रख कर स्वस्थ रहने की कोशिश ऐसी समस्या से बचा सकती है, लेकिन अगर इसका सामना हो ही जाए, तो अपने शरीर के कुछ खास हिस्सों पर दबाव डालने से आराम मिल सकता है। मसलन, एक्यूप्रेशर विधि के तहत अगर पता हो तो शरीर में एलआइ-4 बिंदु यानी बाएं हाथ के अंगूठे के आधार और तर्जनी के बीच की जगह पर दाहिने हाथ की मदद से गोलाकार दबाव डालने से सिरदर्द में राहत मिल सकती है। अगर खुद से यह संभव न हो सके, तो किसी पेशेवर से मदद ली जा सकती है।

खानपान पर ध्यान

यह तो तय है कि भागदौड़ से भरी जीवनशैली की भूमिका सिरदर्द में हावी होती है, लेकिन अगर खाने-पीने के मामले में थोड़ा नियमित हुआ जाए, संतुलित भोजन पर ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या से दूर रहने में मदद मिलेगी। जिन खाद्य पदार्थों को खाने से सिर में दर्द उभर जाता है, सिर भारी रहने लगता है, उसकी पहचान कर उससे बचने की जरूरत है। किसी को मांसाहार, शराब, चाकलेट, काफी आदि से परेशानी शुरू हो जा सकती है तो किसी के लिए कोई अन्य खाद्य पदार्थ। लगातार सिर दर्द रहे तो जड़ में बसे खानपान की पहचान करना जरूरी है।

तेल के खेल

हालांकि सिरदर्द होने पर सिर में तेल लगा कर मालिश करना एक आम चलन रहा है, लेकिन अगर इसके तकनीकी पहलू को समझ कर यही किया जाए तो ज्यादा राहत मिल सकती है। मसलन, लैवेंडर तेल से मालिश न केवल सिरदर्द को कम कर सकता है, बल्कि इससे तनाव और चिंता में भी कमी आती है। कंधे और गर्दन पर तेल लगा कर मालिश करना भी सिरदर्द में राहत देता है।

इसके अलावा, तुलसी का तेल, पेपरमिंट, कैमोमाइल आदि भी इसमें उपयोगी साबित हो सकते हैं। जो तेल बच्चों के लिए नुकसानदेह हों, उनकी पहचान कर बच्चों को उससे अलग रखा जाए। गर्भवती महिलाओं और अस्थमा का सामना करने वाले लोगों को किसी तेल का उपयोग करने से पहले चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।

घरेलू दवा

अब अदरक की उपयोगिता छिपी नहीं रह गई है। दरअसल, कई रोगों में राहत के लिए एक मददगार चीज के रूप में जाना जाता है। आधे सिर के दर्द में अदरक के पाउडर का सेवन सिर दर्द में कमी लाता है। हालांकि अदरक अपने प्राकृतिक गुणों के साथ-साथ गर्म तासीर की वजह से सावधानी से उपयोग की भी अपेक्षा रखता है।

मन पर ध्यान

इसके अलावा, तनाव की वजह से सिर पर कैसा बोझ पड़ता है, यह समझा जा सकता है। इसलिए तनाव के प्रबंधन को लेकर हमेशा सचेत रहना चाहिए और व्यायाम के साथ-साथ ध्यान और योग जैसे तरीकों का सहारा लेना चाहिए, जो मांसपेशियों को आराम दे। इससे सेहत के बाकी मामलों को भी दुरुस्त रखने में मदद मिल सकती है।

(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)