मानस मनोहर

अंकुरित खिचड़ी
अंकुरित के व्यंजन बनाना बहुत असान है। इसमें जो समय लगता है, वह अनाजों को अंकुरित करने में ही लगता है। आमतौर पर लोग अंकुरित अनाजों को सलाद के तौर पर खाते हैं। मगर अंकुरित अनाज का उपयोग करते समय दो बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि इन्हें कैसे खाएं और इनके साथ कौन-सी चीजें न खाएं। अंकुरित अनाज सेहत के लिए कई दृष्टि से उत्तम होते हैं। मगर यह सभी के लिए पचा पाना मुश्किल होता है। जिन लोगों को कब्ज या बदहजमी है, उन्हें कच्चे अनाज और सब्जियां खाने से बचना चाहिए। इन्हें हल्का उबाल कर या भाप में नरम करके ही खाना चाहिए।

अंकुरित अनाजों में चना, मूंग, मूंगफली और गेहूं का मेल उत्तम रहता है। इनसे भरपूर पोषण मिल जाता है। इनके साथ रोटी, चावल आदि खाने की जरूरत नहीं रहती। गर्मी के मौसम में ये शरीर में पानी की मात्रा को भी संतुलित रखने में मदद करते हैं। इन चारों अनाजों की बाबर-बराबर मात्रा लें और इन्हें धोकर रात भर के लिए भिगो दें। सुबह पानी निथारें और एक-दो बार और अच्छी तरह धो लें।

कपड़े में लपेट कर रख दें। इस मौसम में शाम तक अनाज अंकुरित हो जाते हैं। यह क्रम बदल भी सकते हैं। दिन में भिगो कर रात में अंकुरित कर सकते हैं। अगर अंकुर बड़े करने हैं तो एक और दिन के लिए रखना पड़ेगा। अनाजों को अंकुरित करने के लिए एक दिन के अंतर पर यह प्रक्रिया निरंतर करनी पड़ती है, तभी आपके पास पर्याप्त अंकुरित रह सकते हैं।

अंकुरित अनाजों की खिचड़ी बहुत स्वादिष्ट बनती है और गर्मी या किसी भी मौसम में इसे भोजन के तौर पर भर पेट खाया जा सकता है। दरअसल, यह भोजन और सूप दोनों की जरूरत और स्वाद को पूरा कर देता है। अंकुरित अनाज की खिचड़ी बनाने के लिए चावल की जरूरत नहीं पड़ती। इसकी जगह आप साबूदाने का इस्तेमाल करें। अंकुरित खिचड़ी बनाने के लिए एक से डेढ़ कटोरी अंकुरित अनाज और आधा कटोरी साबूदाना लें। बनाने से पहले इन्हें अलग-अलग अच्छी तरह धो लें।

कुकर में दो चम्मच घी गरम करें। उसमें जीरा और कुछ साबुत काली मिर्च तड़काएं और आंच मध्यम कर दें। उसमें अंकुरित अनाज और साबूदाने को डाल कर एक बार चलाएं और अनाज की मात्रा से ढाई गुना यानी अगर एक कप अंकुरित लिया हो तो ढाई कप पानी डालें। उसमें जरूरत भर का नमक डालें और ढक्कन लगा कर एक से दो सीटी आने तक पकाएं और भाप शांत हो जाने के बाद ही ढक्कन खोलें।

अंकुरित और आम
टलों और रेस्तरां आदि में अक्सर हंग कर्ड यानी पानी निथारे दही और गाढ़ी क्रीम के साथ मसाले डाल कर अंकुरित के सलाद बनाए जाते हैं। मगर आप अंकुरित के साथ आम का इस्तेमाल करके देखें, बहुत मजेदार बनता है। जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्या है, उन्हें कच्चे अनाज के साथ दही या दूध के सेवन से परहेज करना चाहिए। दही यों भी कब्ज के मरीजों के लिए मुफीद नहीं माना जाता।

आम के साथ अंकुरित बनाने के लिए दो कटोरी अंकुरित लें। अच्छी तरह धोएं। एक पैन में पानी उबाल लें। उसमें चुटकी भर नमक डालें और उबले हुए पानी में अंकुरित को डाल कर दो से तीन मिनट के लिए छोड़ दें। ज्यादा देर नहीं छोड़ना है और उबलते हुए पानी में इन्हें नहीं डालना है, इसका ध्यान रखें। दो से तीन मिनट बाद अंकुरित को छान लें और तुरंत बिल्कुल ठंडे या बर्फ के टुकड़ों वाले पानी में डाल दें। पांच मिनट छोड़ दें। इस तरह अंकुरित का कचकचापन बरकरार रहेगा।

इस बीच में दो पके आम के गूदे निकाल कर मिक्सर में डालें और दो-तीन झटका देकर मोटा पीस लें। बेहतर होगा कि छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब अंकुरित का पानी अच्छी निथार लें। इसमें चाहें तो एक हरी मिर्च काट कर डाल सकते हैं। आधा खीरा और धनिया पत्ता बारीक काट कर डालें। इसके साथ ही आधा चम्मच चाट मसाला, चुटकी भर काला नमक और चौथाई चम्मच कुटी काली मिर्च डालें। आम का गूदा डालें और सारी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें। अगर चाहें तो मुट्ठी भर कार्न फ्लेक्स भी मिला सकते हैं। आम वाला अंकुरित तैयार है। इसे चाहें तो आधे-एक घंटे के लिए फ्रिज में रख सकते हैं। इसे ठंडा खाने में ही आनंद आता है।

गर्मी के मौसम में कुछ ठंडा खाने को मिल जाए, तो आनंद बढ़ जाता है। यह ऐसा व्यंजन है, जिसे भर पेट खाया जा सकता है। नाश्ते के रूप में भी और भोजन के रूप में भी। अगर कभी मेहमान पधारें, तो इसे सलाद के रूप में भी परोस सकते हैं। अच्छी बात यह कि इसे बच्चे भी बड़े चाव से खाते हैं।