मानस मनोहर

मिसल पाव
यह महाराष्ट्र का बहुत लोकप्रिय व्यंजन है, जो अक्सर सड़कों के किनारे रेहड़ियों पर बिकता मिल जाता है। पाव-भाजी तो आप घर पर अक्सर बना कर खाते होंगे, मिसल पाव भी उसी प्रजाति का व्यंजन है। इसका स्वाद थोड़ा खट्टा, चरपरा और तीखा होता है, इसलिए लोग इसे चाव से खाते हैं।

यह प्राय: नाश्ते के तौर पर खाया जाता है, मगर एक प्लेट मिसल पाव खा लें, तो भोजन जैसा ही हो जाता है। इसलिए कई लोग दोपहर या रात के भोजन के रूप में भी इसे खाते हैं। महाराष्ट्र में पाव के साथ कई चीजें परोसी जाती हैं, जैसे वड़ा, भाजी वगैरह। मिसल एक प्रकार की तरीदार तीखी सब्जी है, जिसके साथ पाव खाया जाता है।

इसे महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है। मगर इसे बनाना कठिन नहीं है। इसे बहुत आसानी से घर में बनाया जा सकता है। इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी हर घर में सहज उपलब्ध होती है।

इसे बनाने में सब्जियों की जगह अंकुरित यानी स्प्राउट्स की आवश्यकता होत है, जिसे आप एक या दो दिन पहले ही तैयार कर लें। वैसे पारंपरिक तौर पर इसमें अंकुरित मोठ का उपयोग किया जाता है, पर आप मूंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके अलावा उबले आलू, दो बारीक कटे टमाटर और दो कटे हुए प्याज की जरूरत पड़ती है। सजाने के लिए मिक्स्चर के रूप में जो नमकीन उपलब्ध होता है, उसकी जरूरत पड़ेगी और एक कटा हुआ प्याज, हरा धनिया, हरी मिर्च और नींबू चाहिए। साथ में मक्खन में सिंकेहुए पाव। चाहें तो मिसल में भी मक्खन डाल सकते हैं। इसमें खट्टापन लाने के लिए एक चम्मच इमली का गूदा और दो से तीन चम्मच घिसा हुआ कच्चा नारियल भी ले लें।

मिसल बनाने के लिए प्राय: दो हिस्सों में बांट कर तैयारी की जाती है- एक मिसल बनाने की और दूसरा उसल बनाने की। उसल यानी सब्जियों का मिश्रण और मिसल यानी मसालों का मिश्रण। मगर आप इसे इस तरह समझने के बजाय समग्रता में समझें।

पहले कुकर में चुटकी भर नमक, थोड़ा पानी और थोड़ा हल्दी पाउडर डाल कर अंकुरित को एक सीटी आने तक उबाल लें। फिर कड़ाही में दो चम्मच तेल गरम करें। उसमें एक छोटा टुकड़ा दालचीनी, तीन-चार दाने काली मिर्च, दो लौंग, हींग और चुटकी भर जीरे का तड़का दें।

फिर उसमें दो कटे हुए प्याज डाल कर तीन से चार मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। फिर उसमें टमाटर डालें और नरम होने तक पकने दें। इसी समय थोड़ा नमक, हल्दी पाउडर, आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च डाल कर तीन से चार मिनट पकाएं। आंच बंद कर दें और कड़ाही पर ढक्कन लगा रहने दें। पांच-सात मिनट ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को ग्राइंडर में डाल कर पीस लें। इसे अलग रख दें।

अब जिस कड़ाही में प्याज-टमाटर भूना था उसमें एक चम्मच तेल और गरम करें। उसी में पिसा हुआ मिश्रण डाल कर ऊपर से एक छोटा चम्मच गरम मसाला, थोड़ी लाल मिर्च पाउडर डालें और तेल छोड़ने तक चलाते हुए पकाएं। फिर उसमें उबला हुआ अंकुरित डालें और अच्छी तरह मिलाते हुए उबाल आने तक पकाएं।

फिर उबले हुए आलू तोड़ कर डालें और इसके साथ ही घिसा हुआ नारियल और इमली का गूदा भी डाल दें। अच्छी तरह मिलाएं और आधा कटोरी पानी और डाल कर कड़ाही पर ढक्कन लगा दें और मध्यम आंच पर दस मिनट पकने दें। बस, मिसल तैयार है। इसे खाने के लिए परोसें। इसके ऊपर से मिक्स नमकीन, जिसे महाराष्ट्र में फरसाण कहते हैं, डालें। थोड़ा कटा हुआ प्याज, हरा धनिया और हरी मिर्च से सजाएं और साथ में बटर में सिंके हुए पाव परोसें।

केले की भजिया
भजिया यानी पकौड़ा। दक्षिण और महाराष्ट्र में पकौड़े को भजिया कहते हैं। उन इलाकों में केले की पैदावार खूब होती है, इसलिए केले के व्यंजन भी कई तरह के बनाए जाते हैं। केले की भजिया भी उनमें से एक है। उत्तर भारत में आमतौर पर केले को फल के रूप में खाया जाता है या बहुत हुआ तो कच्चे केले की सब्जी बनाते हैं।

मगर कच्चे केले की भजिया बहुत मजेदार होती है। इसे नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है। आजकल बरसात का मौसम है, तो केले की भजिया एक बेहतर नाश्ता हो सकती है। इसे बनाना बहुत आसान है। जैसे आलू, बैगन, लौकी, गोभी वगैरह के पकौड़े बनाए जाते हैं, उसी तरह इसके भी पकौड़े बनाए जाते हैं।

केला भजिया बनाने के लिए जितने लोगों के लिए बनाना है, उतनी संख्या में या उससे अधिक केले ले सकते हैं। केले के दोनों सिरों से काट कर छिलका उतार लें। फिर पूरे केले को लंबाई में बीच से चीरते हुए दो हिस्सों में बांट लें। इन टुकड़ों को पानी में डाल कर छोड़ दें, ताकि काला न पड़ने पाएं।

फिर एक से डेढ़ कटोरी बेसन लें। उसमें हींग, अजवाइन, थोड़ी हल्दी, थोड़ा गरम मसाला, थोड़ी कुटी लाल मिर्च और जरूरत भर का नमक डाल कर थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए गाढ़ा घोल बनाएं, जो केलों पर अच्छी तरह चिपक सके। बेसन का घोल बनाते समय एक ही दिसा में देर तक फेंटें, इससे घोल की पकड़ अच्छी होगी और वह हल्का होकर अच्छी तरह फूलेगा।

अब केले के टुकड़ों को पानी से बाहर निकालें। उन्हें कपड़े से अच्छी तरह फोंच कर पानी साफ कर लें। एक थाली में रख कर उन पर दो चुटकी नमक, थोड़ी हल्दी और लाल मिर्च पाउडर छिड़क कर अच्छी तरह मिला लें।

फिर कड़ाही में तलने के लिए तेल गरम करें और फिर केले के टुकड़ों को अच्छी तरह बेसन में लपेट कर तलने को डाल दें। दोनों तरफ से सुनहरा होने तक तलें और फिर निकाल कर हरी या लाल चटनी के साथ गरमागरम परोसें। मजेदार केले की भजिया का लुत्फ उठाएं।