मानस मनोहर
मोटे अनाज खाने की सलाह दी जा रही है। सर्दी का मौसम है, इसमें मोटे अनाज खाना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी तो है ही, स्वाद की दृष्टि से भी उपयुक्त है। इस बार मोटे अनाज से बनने वाले कुछ व्यंजनों की चर्चा।
बाजरे के बिस्कुट
मोटे अनाज में सबसे अधिक बाजरा खाया जाता है। बाजरा रेशे से भरपूर और खूब पौष्टिक अन्न है। इससे कई प्रकार के व्यंजन बनते हैं। इसकी रोटी बड़ी स्वादिष्ट होती है। गांवों में लोग सर्दी के मौसम में घी चुपड़ कर बाजरे की रोटी, साग और गुड़ खाना खूब पसंद करते हैं। बाजरे की खिचड़ी भी बहुत स्वादिष्ट बनती है। गांवों में लोग बाजरे का भात भी पकाते हैं।
मगर शहरी खानपान की आदतों में बहुत सारे लोगों की जबान पर इन व्यंजनों का स्वाद शायद न चढ़े। इसलिए मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करने के लिए सबसे पहले इनसे शहरी ढंग के व्यंजन बना कर करना चाहिए। इसमें बाजरे का बिस्कुट सबसे आसान और स्वादिष्ट व्यंजन हो सकता है।
बिस्कुट तो हर घर में खाया जाता है। मगर ज्यादातर लोग बाजार का बिस्कुट ही खाते हैं। हालांकि अब बाजार में भी बाजरे, रागी, मड़ुआ जैसे मोटे अनाज के बिस्कुट मिलने लगे हैं, मगर घर में बने बिस्कुट का आनंद ही अलग होता है। बाजरे का बिस्कुट घर में बनाएं और डिब्बे में भर कर रख दें, जब भी चाय पीएं, साथ में एक बिस्कुट ले लें। इससे आपको पोषण भी मिलेगा और स्वाद भी। यहां तक कि बच्चे भी इस तरह बाजरा खाने से नाक-भौं नहीं सिकोड़ेंगे।
घर में बाजरे का बिस्कुट बनाना कोई कठिन काम नहीं। चक्की से ताजा पिसा आधा किलो बाजरे का आटा लाएं। ध्यान रखें कि बाजरे का आटा पुराना नहीं होना चाहिए, नहीं तो उसमें कड़वाहट आ जाती है। ताजा पिसे आटे का स्वाद ही अलग होता है। इसलिए बाजरे का बिस्कुट भी ज्यादा न बनाएं, थोड़ा-थोड़ा करके बनाएं और हफ्ते भर के भीतर उसे खाकर खत्म कर दें।
ताजा पिसे बाजरे के आधा किलो आटे में करीब सौ ग्राम घी और डेढ़ सौ ग्राम पिसी चीनी की जरूरत पड़ेगी। चीनी की जगह दो सौ ग्राम खांड या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें तो कुछ कतरे हुए मेवे भी डाल सकते हैं। आटे में घी डाल कर दोनों हाथों से रगड़ कर अच्छी तरह मिलाएं। फिर पिसी हुई चीनी या गुड़ डालें और उसे भी रगड़ते हुए मिलाएं। मुट्टी में बंद करके देखें, आटा बंधने लगेगा। अब थोड़ा-सा गुनगुना दूध लें और थोड़ा-थोड़ा करके डालते हुए कड़ा आटा गूंथें।
अब पटरे पर इस गुंथे हुए बाजरे के आटे की करीब एक इंच मोटी परत बिछाएं और किसी ढक्कन या कुकी कटर से काट कर बिस्कुट का आकार दें। चाहें तो चाकू की मदद से चौकोर टुकड़े भी काट सकते हैं। अपनी इच्छा से इन्हें कलात्मक रूप भी दे सकते हैं। इन्हें दो तरीके से पकाया जा सकता है। अगर घर में ओवन है, तो उसमें एक सौ अस्सी डिग्री पर पंद्रह से अठारह मिनट के लिए पका सकते हैं।
अगर ओवन नहीं है, तो इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं। एक चौड़े मुंह के कुकर या कड़ाही में नमक की मोटी परत बिछाएं। नमक को गरम हो जाने दें। फिर बिस्कुटों को स्टील की थाली या प्लेट में रख कर नमक के ऊपर रख दें। कुकर की सीटी निकाल कर ढक्कन लगा दें। आंच मध्यम रखें और बीस मिनट तक छोड़ दें। अगर कड़ाही में पका रहे हैं, तो उस पर भी ढक्कन लगाना जरूरी है।
बीस मिनट बाद ढक्कन खोल कर देखें, बिस्कुट पक कर तैयार हो चुके होंगे। अगर उनके पकने में कोई कसर है, तो थोड़ी देर और पकने दें। बिस्कुट में चाकू की नोक डाल कर देखना चाहिए, इससे जलने का खतरा नहीं रहता। यह बिस्कुट आप खाएं, बच्चों को खिलाएं, मेहमानों को भी परोस सकते हैं।
रागी डोसा
आजकल डोसा हर कहीं पसंद किया जाता है। बहुत सारे घरों में नाश्ते के रूप में चीला भी बनता है। इसके लिए आमतौर पर बाजार का पिसा हुआ घोल या घर में रवा का घोल तैयार कर इस्तेमाल किया जाता है। मगर रागी का डोसा बनाएं, इसका स्वाद बिल्कुल अलग होता है।
रागी भी मोटे अनाज में आता है। इसका आटा चक्की पर या बाजार में बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाता है। रागी का डोसा भी ठीक उसी तरह बनता है, जैसे पारंपरिक डोसा या चीला बनता है। इसके लिए एक कप रागी का आटा लें। उसमें चौथाई कप बेसन मिलाएं और दोनों को एक साथ छान लें।
अगर कुरकुरा बनाना है, तो थोड़ा-सा रवा भी मिला सकते हैं। इसमें जरूरत भर का नमक, थोड़ा-सा हरा धनिया पत्ता और कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें और फिर एक कप दही डाल कर अच्छी तरह फेटें। थोड़ा-थोड़ा करके पानी डालें और गाढ़ा घोल तैयार करें। इस घोल को कम से कम बीस मिनट आराम करने को रख दें।
अगर डोसे में आलू की भरावन रखना चाहते हैं तो उबले हुए आलू को कड़ाही में तड़का और मसाला डाल कर थोड़ी देर चलाते हुए मिश्रण तैयार कर लें, जैसे डोसे के लिए तैयार करते हैं।
बीस मिनट बाद डोसे के घोल को देखें, वह अच्छी तरह फूल चुका होगा। अब थोड़ा पानी और डालें और चम्मच से मिलाते हुए डोसा बनाने लायक घोल तैयार करें। एक पैन पर हल्का तेल या घी चुपड़ें, गरम करें और कटोरी की मदद से बीच में रागी का घोल डाल कर पतला फैला दें।
मध्यम आंच पर दोनों तरफ से पलट कर सेंकें। सुनहरा रंग आने पर पैन से बाहर निकालें और उसमें आलू का मसाला भर कर गोल लपेट कर परोसें। इस डोसे के साथ भी नारियल की चटनी और हरी चटनी ही अच्छी लगती है।
