मानस मनोहर

लौकी यखनी
यखनी यानी तरी। यह तरी दही से बनती है। इसमें लहसुन-प्याज, टमाटर का इस्तेमाल नहीं किया जाता। अगर फिर भी आपका मन हो, तो केवल एक टमाटर पीस कर डाल सकते हैं। इसे बनाना थोड़ी अलग तैयारी की मांग करता है, पर यह कठिन नहीं है। एक बार बनाइए जरूर, फिर बार-बार बनाएंगे। इसे बनाने के लिए एक कच्ची लंबी लौकी की जरूरत होगी। इसकी तरी बनाने के लिए एक टमाटर पिसा हुआ, दो कटोरी गाढ़ा दही अच्छी तरह फेंटा हुआ, थोड़ा रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाला मसाला, आधा चम्मच कश्मीरी या देगी लाल मिर्च और दो छोटा चम्मच पिसी हुई सौंफ की जरूरत पड़ती है।

अब इसे बनाने की तैयारी करते हैं। लौकी का छिलका उतार कर गोल-गोल काट लें। इसके टुकड़े मोटे नहीं होने चाहिए। अधिकतम आधा से एक इंट मोटे होने चाहिए। अब इसके बीच से बीज वाले गूदे को काट कर अलग कर दें। इस तरह लौकी के छल्ले यानी रिंग तैयार हो जाएंगे। इन छल्लों को सूखे मैदे में अच्छी तरह लपेट लें, ताकि उनके ऊपर मैदा अच्छी तरह चिपक जाए। इन्हें पांच मिनट के लिए रख दें।

फिर एक कड़ाही में तलने के लिए तेल गरम करें। तेल अच्छी तरह गरम हो जाए, तो आंच मध्यम कर दें और उसमें लौकी के छल्ले डाल दें। एक बार में जितने छल्ले तले जा सकते हैं, उतने तल लें। तलते समय ध्यान रखें कि जैसे ही छल्लों का रंग हल्का बादामी होने लगे, उन्हें बाहर निकाल कर रख दें। इन छल्लों के ऊपर चौथाई चम्मच नमक और चुटकी भर कुटी लाल मिर्च छिड़क कर अच्छी तरह मिलाएं और ढंक कर छोड़ दें।

एक अलग कड़ाही में दो चम्मच तेल गरम करें। उसमें जीरा और एक टुकड़ा दालचीनी का तड़का दें। तड़का तैयार हो जाए तो पिसा हुआ टमाटर डालें और तेल छोड़ने तक चलाते हुए पकाएं। अब इसमें चुटकी भर हल्दी, जरूरत भर नमक (नमक डालते हुए ध्यान रखें कि लौकी के छल्लों पर भी नमक छिड़का है), एक छोटा चम्मच गरम मसाला, चौथाई चम्मच कुटी लाल मिर्च डालें और अच्छी तरह मिला लें।

अब दो चम्मच सौंफ का पाउडर डालें और मिला लें। इस सब्जी में सौंफ अधिक पड़ती है, उसी से इसका स्वाद बेहतर बनता है। जब मसाले सूख जाएं, तो उसमें फेंटा हुआ दही डालें और चलाते हुए पकाएं, जब तक कि उबाल न आने लगे। उबाल आने के बाद आधा चम्मच कश्मीरी या देगी मिर्च पाउडर डालें और चलाते हुए पकाएं। अब इसी में तले हुए लौकी के छल्ले डालें और तरी में अच्छी तरह लपेटें।

अगर तरी ज्यादा गाढ़ी हो गई हो, तो चार-छह चम्मच पानी डाल सकते हैं। कड़ाही पर ढक्कन लगा कर धीमी आंच पर पांच से सात मिनट तक पकने दें। तरके साथ पक कर लौकी के छल्ले थोड़े और नरम हो जाएंगे। लौकी यखनी तैयार है। आप देखें कि ग्रेवी पतली तो नहीं है। अगर पतली हो, तो आंच तेल करके पानी सुखा लें। इसकी ग्रेवी गाढ़ी ही रहनी चाहिए। रोटी, परांठे या पूड़ी के साथ परोसें।

भरवां चीला
यह बहुत ही स्वादिष्ट और सुपाच्य आहार है। मावा और मेवे भर कर मीठा चीला बनता है, तो बेसन या मूंगदाल के पेस्ट वाला नमकीन चीला ही ज्यादा पसंद किया जाता है। चीला अगर मूंग दाल के पेस्ट से बनाया जाए, तो वह खाने में कुरकुरा और स्वाद में निराला होता है। अगर जल्दी में हों या एकदम से चीला खाने का मन हो, तो चना दाल के बेसन से भी बना सकते हैं। मगर बेसन से जब भी चीला बनाएं, तो उसमें थोड़ा-सा रवा भी डाल दें। इससे कुरकुरापन आ जाता है।

अभी हम मूंग दाल का भरवां चीला बनाने जा रहे हैं। इसके लिए एक कटोरी धुली मूंगदाल को चार से पांच घंटे के लिए भिगो कर रख दें। दाल अच्छी तरह नरम हो जाए तो पानी निथारें और दाल को मिक्सर में पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में जरूरत भर का नमक, कुटी लाल मिर्च, थोड़ा-सा सब्जी मसाला, चुटकी भर हल्दी और चुटकी भर हींग डाल कर पेस्ट को कम से कम पंद्रह मिनट तक चम्मच से फेंटें और ढंक कर रख दें।

अब इसका भरावन तैयार करें। इसमें भरने के लिए जो भी हरी सब्जियां आपको पसंद हों ले सकते हैं। मटर, गाजर, बीन्स, हरा प्याज, ब्रोकली वगैरह। इसके अलावा इसमें करीब दो सौ ग्राम पनीर की भी जरूरत पड़ेगी। पनीर को कद्दूकस कर लें या हाथ से तोड़ कर चूरा बना लें।

एक कड़ाही में एक चम्मच तेल गरम करें। जीरे का तड़का दें। आंच तेज रखें और सब्जियां डाल कर चलाते हुए तीन से चार मिनट तक पकाएं। पूरा नहीं पकाना है, आधा ही पकाएं, ताकि उनका कचकचापन बना रहे। इसमें जरूरत भर का नमक, थोड़ा सब्जी मसाला और आधा छोटा चम्मच चाट मसाला डालेंं और अच्छी तरह मिलाएं। आंच बंद कर दें और फिर पनीर डाल कर अच्छी तरह मिला लें। भरावन तैयार है।

अब मूंग दाल के पेस्ट में थोड़ा पानी मिलाएं और उसे थोड़ा पतला कर लें। एक पैन गरम करें, उस पर देसी घी चुपड़ें और कलछी से दाल का पेस्ट डाल कर फैला लें। जब चीली पैन की सतह छोड़ने लगे तो पलट कर दूसरी तरफ से भी एक बार सेंक लें। फिर उसे पलट कर भरावन में से थोड़ा हिस्सा लेकर बीच में रखें और चीले को लपेटते हुए गोलाकार बना लें। भरवां चीला तैयार है। इसे बीच से दो हिस्सों में काटें और हरी और लाल चटनी के साथ गरमा-गरम परोसें।