मानस मनोहर

बाजार का नियम है कि देखने और खाने में भोजन ललचाऊ होना चाहिए। इसी वजह से भोजन पकाने में इतने तरह के प्रयोग हो रहे हैं कि प्राय: उनके रंग-रूप बदल जाते हैं। कुछ ऐसे ही ललचाऊ व्यंजन।

कटहल बिरयानी

बिरयानी वैसे तो मांसाहारी व्यंजन है, मगर बाजार ने शाकाहारी लोगों को भी इसके प्रति आकर्षित करने की मंशा से सब्जियां डाल कर ‘वेज बिरयानी’ बनाने का फार्मूला ईजाद कर लिया। जबकि सब्जियां डाल कर जो चावल पकाया जाता है, उसे पुलाव कहते हैं। शाकाहारी लोग सदियों से पुलाव ही खाते आए हैं, मगर अब उसका एक रूप बिरयानी की तरह विकसित कर लिया गया है। ऐसे में शाकाहारी बिरयानी बनाने में कटहल का उपयोग सबसे अच्छा माना जाता है, इसलिए कि वह मांसाहारी व्यंजन का एक अच्छा विकल्प है। कटहल के बजाय गोभी, मशरूम, मटर, बीन्स वगैरह का भी इस्तेमाल किया जाता है।

बिरयानी बनाना एक कला है। इसमें चावल का चुनाव भी महत्त्वपूर्ण होता है। बिरयानी के लिए लंबे आकार के दो से तीन साल पुराने बासमती चावल का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसमें देसी घी का भरपूर उपयोग होता है। सब्जियों में प्याज और कटहल पर्याप्त हैं। इसके अलावा एक कटोरी फेंटा हुआ दही चाहिए। मसालों में खड़े मसाले ही इस्तेमाल होते हैं। इसमें जीरा, दालचीनी, तेजपत्ता, चकरी फूल, छोटी इलाइची और थोड़ी-सी केसर की जरूरत पड़ती है। केसर को पहले ही चार चम्मच ठंडे दूध में भिगो कर रख दें, ताकि उसका रंग उतर आए।

कटहल बिरयानी बनाने के लिए कटहल ताजा और मुलायम लें, तो बेहतर रहता है। कटहल के छोटे टुकड़े काटें और अच्छी तरह धोकर पानी निथार लें। दो प्याज साफ करके पतले-पतले छल्लों में काट लें और उसमें चुटकी भर नमक डाल कर ढंक कर अलग रख दें। अब जरूरत भर का चावल लें। उसे धोकर उबलते पानी में आधा चम्मच घी के साथ डालें और आधा से कुछ अधिक यानी तीन चौथाई पकने तक उबाल लें और पानी को निथार कर चावल को किसी बड़े बर्तन में रख दें।

बिरयानी बनाने में सारा कौशल उसका दम लगाने में होता है। इसमें दम इस तरह लगाया जाता है कि मसालों की खुशबू सारे चावलों में रम जाए। इसके लिए सबसे पहले एक कड़ाही में खाने का तेल गरम करें और कटहल के टुकड़ों को हल्का सुनहरा रंग आने तक पलट-पलट कर सेंक लें। इन टुकड़ों को अलग बर्तन में निकाल लें। कटे प्याज को दबा कर मसलें और दोनों हथेलियों में दबा कर जितना रस निकल सकता है, निकाल लें। जिस तेल में कटहल के टुकड़ों को तला था, उसी में मध्यम आंच पर प्याज को भी तल लें। ध्यान रखें कि प्याज काली न पड़ने पाए, रंग सुनहरा ही रहे। इसे भी अलग रखें, इसे बिरयानी में बाद में परोसते समय मिलाया जाता है।

तले हुए कटहल के टुकड़े अब थोड़े ठंडे हो चुके होंगे। उनमें अच्छी तरह फेंटा हुआ एक कटोरी दही, एक छोटा चम्मच नमक, आठ-दस कुटी काली मिर्चें डालें और अच्छी तरह मिला लें, ताकि सारे टुकड़ों पर मसाला चढ़ जाए। इसे ढक कर दस मिनट के लिए छोड़ दें। अब कड़ाही में चौथाई कटोरी घी गरम करें। उसमें दो से तीन तेजपत्ता, आधा चम्मच जीरा, एक छोटा टुकड़ा दालचीनी, दो से तीन चकरी फूल और पांच-सात छोटी इलाइची का तड़का तैयार करें। उसमें मैरीनेट किए हुए कटहल के टुकड़े डालें और ढक कर धीमी आंच पर पांच मिनट के लिए पकने दें। ध्यान रखें कि दही पक कर कटहल के टुकड़ों पर चिपक जाना चाहिए।

अब एक बड़े मुंह के भगोने या पतीले में चौथाई कटोरी घी गरम करें और उसमें पहले चावल डाल कर एक बार सावधानी से पलटते हुए अच्छी तरह घी को मिला लें। फिर बीच में जगह बना कर कटहल के टुकड़े डालें और चावलों से अच्छी तरह ढंक दें। ऊपर से थोड़ा घी और चारों तरफ फैलाएं और केसर डाल कर अच्छी तरह से ढंक दें। कायदे से बिरयानी पकाते समय ढक्कन को चारों तरफ से गुंथे हुए आटे से बंद कर दिया जाता है, ताकि भाप बाहर न निकलने पाए और सारी खुशबू चावलों में रम जाए। ध्यान रहे कि आंच बिल्कुल मद्धम होनी चाहिए। इस तरह दस से बारह मिनट तक पकने दें, फिर ढक्कन को खोलें और सावधानी से पलटते हुए सारी सामग्री को आपस में मिला लें। ऊपर से तला हुआ प्याज डालें और गरमागरम परोसें। बिरयानी को रायता और दही वाली चटनी के साथ परोसा जाता है।

तोरई दही वाली

तोरई इस मौसम की सबसे लोकप्रिय सब्जी है। मगर बच्चे इसे देखते ही नाक-भौं सिकोड़ना शुरू करते हैं। कई लोग रोज-रोज एक ही तरह से बनी तोरई खाकर ऊब जाते हैं। इसलिए इसे आकर्षक और स्वादिष्ट बनाने के लिए एक प्रयोग करें। तोरई जब भी बनाएं, ताजा ही लें, कई दिन पुरानी तोरई काली पड़ जाती है। तोरई को चाकू से घिस कर उसका छिलका उतार लें और धोकर साफ कर लें। इन्हें बीच से चीर कर दो से तीन इंच लंबे टुकड़ों में काट लें। अब एक कटोरी गाढ़ा दही लें और उसे अच्छी तरह फेंट कर अलग रख दें। इसी तरह एक मुट्ठी भुनी हुई मूंगफली का छिलका उतार कर ग्राइडर में पीस लें। बाजार में रोस्टेड मूंगफली आती है, उसे भी पीस कर इस्तेमाल कर सकते हैं।

कटी हुई तोरई में फेंटा हुआ दही, पिसी हुई मूंगफली, आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, एक छोटा चम्मच गरम मसाला, जरूरत भर का नमक और एक से डेढ़ चम्मच धनिया पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिलाएं, ताकि सारा मसाला तोरई के टुकड़ों पर चिपक जाए। इसे ढक कर दस-पंद्रह मिनट के लिए रख दें।

अब कुकर में दो चम्मच तेल गरम करें, उसमें जीरा, अजवाइन, खड़ा धनिया और सौंफ का तड़का दें और मैरीनेट की हुई तोरई को डाल दें। थोड़ा पानी से धोकर कटोरे का मसाला भी डाल दें और ढक्कन लाकर मध्यम आंच पर दस मिनट के लिए पकने दें। आंच तेज बिल्कुल न करें। दस मिनट बाद आंच बंद कर दें। भांप शांत होने के बाद कुकर का ढक्कन खोलें और गरमागरम दही वाली तोरई परोसें।