मानस मनोहर
कच्चा नारियल सेहत के लिए बहुत गुणकारी है। मगर भारत के एक बड़े हिस्से में नारियल चूंकि पैदा नहीं होता, इसलिए वहां खानपान में इसे कम ही इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादा से ज्यादा कच्चे नारियल की चटनी बना ली जाती है या फिर मीठे पकवान में सूखा नारियल डाल दिया जाता है। मगर सब्जियों में कच्चे नारियल का उपयोग करके देखें, कैसे यह उनके स्वाद को बढ़ा देता है।

नारियल बीन्स
कच्चा नारियल हर कहीं मिल जाता है। कई लोगों को कच्चे नारियल को तोड़ना और उसकी गिरी निकालना झंझट का कम लगता है, इसलिए भी उसका उपयोग करने से बचते हैं। मगर यह कोई कठिन काम नहीं है। यों तो दुकानों पर अब बिना रेशे वाले नारियल ही बिकते हैं। उसके ऊपरी हिस्से पर चाकू से छेद करके उसका पानी निकाल लें। फिर तोड़ कर खोल समेत फ्रिजर में रख दें। तीन-चार घंटे या फिर रात भर के लिए रखें। फिर जब आप उसे फ्रिजर से बाहर निकालेंगे, तो उसकी गीरी खोल को छोड़ चुकी होगी और चाकू से आराम से बाहर निकल आएगी। दूसरा तरीका है कि पानी निकालने के बाद उसे पांच-सात मिनट के लिए आग पर गरम कर लें। इस तरह गीरी खोल को आसानी से छोड़ देगी और तोड़ कर उसे बाहर निकाल लेंगे।

नारियल का दूध बनाने के लिए कच्चे नारियल को पानी के साथ ग्राइंडर में पीस लें और छान कर अलग कर लें। उसके मोटे हिस्से का भी सब्जी में उपयोग हो सकता है। सब्जी में नारियल डालना हो तो उसे कद्दूकस कर सकते हैं या फिर बिना पानी डाले ग्राइंडर में पीस कर चूरा बना सकते हैं।

अब नारियल के साथ बीन्स बनाने की बात। पहले बीन्स को धोकर साफ कर लें। मनचाहे टुकड़ों में काट लें। नारियल को घिस या पीस कर बुरादा बना लें। फिर एक कड़ाही में एक से डेढ़ चम्मच सरसों या नारियल का तेल गरम करें। उसमें राई, जीरा, कुछ काली साबुत मिर्चें, एक चम्मच धुली मूंग की दाल और कुछ कढ़ी पत्ते का तड़का लगाएं। अगर लहसुन पसंद करते हैं, तो दो-तीन कलियां बारीक काट कर वह भी डाल सकते हैं। अगर हींग पसंद हो तो वह भी चुटकी भर डाल लें। मगर ध्यान रखना चाहिए कि जब लहसुन डालते हैं, तो हींग डालने पर वह उसकी गंध और स्वाद को दबा देता है।

तड़का तैयार हो जाए, तो कटी हुई बीन्स को छौंक दें। आंच को मध्यम रखें। जरूरत भर का नमक और चौथाई चम्मच हल्दी डालें और पांच मिनट ढंक कर पकाएं। बीन्स को ज्यादा नहीं पकाना है। थोड़ा कचकचापन बचा रहे, तो खाने में अच्छा लगता है। अब ढक्कन हटाएं और आधा कटोरी कच्चे नारियल का चूरा डालें और अच्छी तरह मिला दें। ध्यान रखें कि नारियल को बहुत देर तक न पकाएं, नहीं तो वह कड़ा हो जाता है और खाने में उसका आनंद नहीं मिल पाता। दो से तीन मिनट पकाने के बाद उसमें थोड़ा-सा सब्जी मसाला और एक चम्मच धनिया पाउडर डालें और सारी चीजों को अच्छी तरह मिला लें। आंच बंद करके कड़ाही पर ढक्कन लगा दें। नारियल बीन्स तैयार है। इसे परांठे, रोटी या चावल-दाल, सांभर-चावल किसी के भी साथ खाएं और आनंद लें।

लौकी बीन्स
शहरी खानपान में मसालेदार, चटखारेदार व्यंजनों ने बहुत सारे लोगों की जीभ का स्वाद ऐसा बिगाड़ रखा है कि उन्हें पारंपरिक भारतीय सब्जियों का स्वाद पसंद ही नहीं आता। लौकी को भी वे टमाटर-प्याज, लहसुन वगैरह डाल कर खूब तीखा बना कर खाना पसंद करते हैं। मगर खानपान में हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जब भी भोजन पकाएं तो विषम आहार को एक साथ कभी न मिलाएं, नहीं तो वे फायदे की जगह नुकसान पहुंचाते हैं। खासकर सब्जियां पकाने में आजकल बहुत सारे प्रयोग होने लगे हैं, जिनमें दही के साथ प्याज का उपयोग बिना सोचे-समझे किया जाता है।

इसी तरह हरी पत्तेदार सब्जियों में प्याज-टमाटर का उपयोग किया जाता है। मगर प्याज का कई सब्जियों के साथ मेल नहीं बैठता और वह नुकसान पहुंचाता है। जैसे दही के साथ प्याज का रस मिल कर विष बनाता है। इसलिए लौकी जब भी बनाएं, प्याज के इस्तेमाल से परहेज करें।

लौकी बनाने का सर्वोत्तम और पारंपरिक तरीका है कि कड़ाही में एक-दो चम्मच देसी घी गरम करें और उसमें केवल जीरे का तड़का लगा कर लौकी को छौंक दें। जरूरत भर का नमक डालें और ढक्कन लगा कर धीमी आंच पर पकने दें। जब लौकी पक कर गल जाए, तो उसमें अधा चम्मच कुटी काली मिर्च डालें और खाएं। इस तरह लौकी के सारे गुण बरकरार रहते हैं। मगर मसालेदार भोजन करने वाले को इस तरह लौकी खाना फीका लगता है। इस फीकेपन को दूर करने का सबसे आसान और बेहतर तरीका है कि जब इस तरह लौकी पका लें, तो उसमें आधा कटोरी कच्चे नारियल का बुरादा भी मिला दें।

उसके साथ ही एक चम्मच सब्जी मसाला डालें और सारी चीजों को अच्छी तरह मिला दें। आंच बंद कर दें और कड़ाही पर ढक्कन लगा कर पांच मिनट के लिए छोड़ दें।

इस तरह मसाले का स्वाद और गंध सब्जी में रच-बस जाएगा। नारियल और लौकी का रस मिल कर पाचन और रक्त संबंधी विकारों को दूर करने में काफी मददगार होते हैं। अब इसे रोटी, परांठे, पूड़ी, चावल-दाल जिसके साथ चाहें परोसें और आनंद उठाएं।