मानस मनोहर
गोभी के पराठे
फूल गोभी के पराठे बनाना बहुत सहज और आनंददायक है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले आटा गूंथ कर तैयार करें। दो कप या कटोरी रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाला आटा लें। उसमें एक छोटा चम्मच नमक और आधा छोटा चम्मच अजवाइन रगड़ कर डालें। तीन-चार खाने के चम्मच के बराबर गरम करके घी डालें और इन सारी चीजों को अच्छी तरह रगड़ कर मिला लें। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए लचीला आटा गूंथें। जब आटा गूंथ कर थाली को छोड़ने लगे और बिल्कुल मुलायम हो जाए, तो उसमें ऊपर थोड़ा-सा पिघला हुआ घी या तेल चुपड़ कर ढक कर आराम करने के लिए छोड़ दें। ध्यान रखें कि आटा सख्त न रहे।
अब एक मध्यम आकार की गोभी लें। उसके हर पंखुड़ी को तोड़ या काट कर अलग कर लें। उसे अच्छी तरह धोकर पानी निथार लें। फिर एक-एक पंखुड़ी को लेकर मोटे वाले छेद की तरफ से घिस लें। ज्यादा महीन मिश्रण न बनाएं, नहीं तो गोभी पानी अधिक छोड़ेगी। अधिक मोटा भी नहीं रखना है, नहीं तो पराठे बेलने में मुश्किल आएगी। अब इसमें डालने के लिए सामग्री तैयार करें। दो से तीन इंच लंबा अदरक का टुकड़ा लें और उसका छिलका उतार कर महीन-महीन काट लें या फिर कद्दूकस कर लें। इसी तरह तीन-चार हरी मिर्च और ढेर सारा धनिया भी काट लें। धनिया और अदरक का गोभी के साथ मेल बहुत अच्छा होता है, इसलिए इसे डालना न भूलें।
अब कद्दूकस किए हुए गोभी को हल्के हाथों से मसलें, ताकि जो पानी छोड़ना हो वह छोड़ दे। फिर दोनों हाथों से कस कर दबाएं और जितना निचोड़ सकते हों, पानी निचोड़ लें। बेहतर तरीका तो यह है कि कद्दूकस किए हुए गोभी को एक पतले कपड़े में लेकर दबा कर उसका सारा रस निचोड़ लें। फिर निचुड़े हुए गोभी में कटे हुए अदरक, हरी मिर्च और धनिया पत्ता डालें और मिला दें।
अब ऊपर से एक चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच कुटी लाल मिर्च, आधा चम्मच गरम मसाला और आधा चम्मच अमचूर पाउडर डालें। आधा छोटा चम्मच अजवाइन, इतनी ही मात्रा में जीरा और सौंफ भी रगड़ कर डालें और अच्छी तरह मिला लें। भरावन तैयार है। जब पराठे बनाने हों, तब एक चम्मच नमक डालें और मिला लें।
आटे को एक बार और गूंथ कर नरम कर लें। फिर रोटी के लिए जितनी बड़ी लोई लेते हैं, उससे लगभग दोगुनी बड़ी लोई लें और हथेलियों पर मसलते हुए गोलाकार बनाएं। फिर दोनों अंगूठों की मदद से उसे कटोरी का आकार दें। बीच का हिस्सा थोड़ा मोटा रखें और किनारों को पतला कर दें। इसी कटोरी में दो चम्मच भरावन डाल कर कटोरीनुमा आटे के ऊपरी हिस्से को इकट्ठा करके मिलाएं और अच्छी तरह बंद कर दें।
इस लोई को सूखे आटे में अच्छी तरह लपेटें और जिस हिस्से को बंद किया था, उसे नीचे की तरफ रख कर हल्के हाथों से दबाते हुए जितना फैला सकते हैं उतना फैलाएं। बीच से दबाते हुए किनारों की तरफ फैलाएं। फिर बेलन से हल्के हाथों से दबाते हुए पराठा बेल लें। अब तवा गरम करें। उस पर हल्का घी चुपड़ें और पराठा डाल कर मध्यम आंच पर सेंकें। घी लगा कर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेंकें। तेज आंच पर पराठे कभी नहीं सेंकने चाहिए। पराठे का आनंद तभी आता है, जब उसे मध्यम आंच पर पलट-पलट कर खस्ता होने तक सेंका जाए।
बथुए के पराठे
थुए के पराठे बनाने के लिए भी उसी तरह आटा गूंथें, जैसे गोभी के पराठे बनाने के गूंथने की विधि पर ऊपर हम चर्चा कर चुके हैं। फिर, जब तक आटा आराम करता है, बथुए का भरावन तैयार कर लेते हैं। बथुए का कुछ भी बनाएं, इसके कड़े डंठल को अलग कर दें। पत्तों और डंठल के ऊपर वाले नरम हिस्से को ही लें। फिर तीन-चार बार धोकर अच्छी तरह साफ कर लें। बथुए के पत्तों पर मिट्टी बहुत होती है, इसलिए उसे कई बार धोना चाहिए। धोने के बाद जब पानी पूरी तरह निथर जाए, तो उसे बारीक-बारीक काट लें।
बथुए के साथ लहसुन का मेल बहुत अच्छा होता है, इसलिए मध्यम आकार की लहसुन की आठ-दस कलियां छील कर ले लें। इन्हें बारीक-बारीक काट लें। इसके अलावा दो-तीन हरी मिर्च और दो-तीन इंच अदरक भी बारीक-बारीक काट लें। एक कड़ाही में दो चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें जीरा, हींग, अजवाइन, सौंफ और लहसुन, हरी मिर्च और अदरक का तड़का तैयार करें। ध्यान रखें कि लहसुन जलने न पाए, सिर्फ गुलाबी रंग का हो जाए। फिर उसमें कटे हुए बथुए को छौंक दें।
ऊपर से चौथाई चम्मच हल्दी और इतना ही नमक डाल कर चलाएं और ढंक कर मध्यम आंच पर पकने के लिए छोड़ दें। पांच मिनट बाद ढक्कन हटा दें। बथुआ पानी छोड़ चुका होगा। इसका पानी सूखने तक पकाएं। जब पानी सूख जाए, तो इसमें एक चम्मच धनिया पाउडर और आधा-आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, गरम मसाला और अमचूर पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाते हुए तीन से चार मिनट तक पकाएं। आंच बंद कर दें और बथुए को ठंडा होने दें।
अब जैसे गोभी भर कर पराठे बनाए थे, उसी तरह भरावन डाल कर पराठे बना सकते हैं। या फिर एक तरीका यह है कि दो समान आकार की पतली रोटियां बेलें। एक रोटी के ऊपर किनारों को छोड़ कर बथुए की परत बिछाएं और ऊपर से दूसरी रोटी रख कर किनारों को अच्छी तरह दबा कर बंद कर दें। फिर हल्के हाथों से दबा कर और फिर हल्के हाथों से बेलन से दबा कर पराठे में भरावन को एकसार बना लें। फिर जैसे मध्यम आंच पर सेंकते हुए गोभी के पराठे बनाए थे, वैसे ही बथुए के पराठे भी सेंक लें।