कुछ लोगों में जल्दी शारीरिक थकान का कारण शरीर में रक्त की कमी, थाइराइड ग्रंथि का ठीक से काम न करना या फिर मधुमेह आदि रोग से ग्रस्त होना होता है। एक ही प्रकार के कार्य करते रहने से भी मन में ऊब पैदा हो जाती है, जिससे सुस्ती और अरुचि महसूस होती है।

जो लोग स्वभाव से संकोची होते हैं, उनके जीवन साथी या अन्य आसपास के लोग कठोर स्वभाव के और डांट-फटकार करने वाले होते हैं, तो उनकी भावनाएं दब जाती हैं, क्योंकि वे अपने संकोची स्वभाव के चलते अपनी भड़ास नहीं निकाल पाते, उन्हें लगातार मानसिक घुटन का सामना करना पड़ता है। ऐसी भावनाएं भी लोगों को निष्क्रिय और थका हुआ बनाती हैं।

थकान के प्रकार
सामान्य तौर पर थकान चार प्रकार की मानी जाती है- मानसिक, शारीरिक, स्नायविक और ऊब या बोरियत। दिमाग पर किसी कारण से जोर पड़ने जैसे- मानसिक तनाव, हताशा, नींद की कमी या अधिकता से दिमाग की कार्यक्षमता कम हो जाती और व्यक्ति को मानसिक थकान महसूस होती है।

इसी तरह अधिक शारीरिक काम करने से मांसपेशियों की सामर्थ्य कम हो जाती और सुस्ती महसूस होती है। मस्तिष्क और शरीर का परस्पर संबंध होने से शारीरिक थकान का मस्तिष्क पर और मानसिक थकान का शरीर पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। मानसिक रूप से थकान की दशा में आदमी की सोचने-समझने की शक्ति कम हो जाती है। वह अपने काम पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाता, जबकि शारीरिक रूप से उत्पन्न थकान में शारीरिक सामंजस्य नहीं रह पाता है।

उपाय
मानसिक और शारीरिक थकान दूर करने के लिए कुछ मनोवैज्ञानिक उपायों को अपनाना चाहिए।
काम में बदलाव: शारीरिक, मानसिक तथा स्नायविक थकान दूर करने के लिए काम में बदलाव करते रहना चाहिए। बाहर साफ हवा में खड़े हों और चार-पांच बार लंबी-लंबी सांसें लें। आक्सीजन के स्तर के अनुसार ही शरीर में उर्जा निर्धारित होती है। मालिश से भी शरीर को आराम मिलता है, रक्त संचार तेज होता है। चेहरे की हल्की मालिश करें, इससे रक्त प्रवाह बढ़ेगा, जिससे शारीरिक थकान दूर होगी।

आराम की जरूरत: काम की कमी और आराम की अधिकता से भी ऊब पैदा होती है, जिससे थकान पैदा होती है। उसी प्रकार काम की अधिकता से शारीरिक थकान आती है, इसलिए आराम और काम के बीच संतुलन बनाए रखें। काम में रुचि पैदा करें। अपनी पसंद का खेल खेलना, पुस्तकें पढ़ना, टीवी के शिक्षाप्रद कार्यक्रम देखना प्रेरणा दे सकते हैं।

मनोरंजन: शारीरिक थकान को कम करने के लिए मनपसंद गाने सुनने, पिकनिक मनाने आदि से तुरंत लाभ मिलता है।
व्यायाम: खेलकूद, सैर और नियमित व्यायाम से आदमी की कार्यक्षमता बीस फीसद तक बढ़ाई जा सकती है। जो व्यक्ति मानसिक कार्य करते हैं, वे काम के बीच में अगर हल्का व्यायाम या खेलकूद कर लें, तो अपना कार्य अच्छी तरह और प्रसन्नता पूर्वक कर सकेंगे। यह भी सुस्ती दूर करने का एक अच्छा उपाय है। सुबह की सैर, योग, प्राणायाम करें, इससे आपके शरीर को स्फूर्ति मिलेगी।

नींद: शारीरिक थकान दूर करने के लिए भरपूर नींद लेने से मस्तिष्क के तंतु और शरीर के स्नायु, दोनों को आराम मिलता है। इससे शक्ति फिर से प्राप्त होती है और शारीरिक थकान दूर हो जाती है।

विश्राम: आराम से बैठने या लेटने से भी थकान दूर हो जाती है, क्योंकि इससे शरीर और मन ढीले पड़ जाते हैं तथा शक्ति फिर से प्राप्त हो जाती है। वास्तव में विश्राम एक व्यावहारिक योग है, जिसे शिथिलीकरण कहते हैं। शारीरिक थकान और कमजोरी से बचने के लिए आपको अपने खानपान पर ध्यान देना अति आवश्यक है।

क्या खाएं
सौंफ, ओट, अदरक, पपीता, अजवाइन, संतरा, चाकलेट, अखरोट, बादाम, दही, ग्रीन टी, आंवले का रस, पानी वाले फल जैसे संतरा मौसमी आदि में मौजूद रसायन आपके शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। चाय और काफी पीने से उसमें मौजूद कैफीन से कुछ समय के लिए ऊर्जा का अहसास तो होता है, पर जब शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ती है तो शरीर पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ता है। इन्हें ज्यादा पीने से बचना चाहिए। पानी की कमी से भी शारीरिक थकान और मानसिक थकान हो सकती है। इसलिए पानी भरपूर मात्रा में पिएं।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)