मानस मनोहर

सूरन की सब्जी
सूरन को कई जगह लोग ओल भी कहते हैं। बहुत सारे इलाकों में इसे जिमीकंद या जमींकंद कहते हैं। यह हर जगह बाजार में मिल जाता है। भारत के पूर्वी हिस्से में दिवाली के दिन इसे खाना शुभ माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार सूरन पाचनतंत्र दुरुस्त रखने में बहुत कारगर सब्जी होती है। इसमें अनेक खनिज और विटामिन होते हैं। सर्दी में यह शरीर के तापमान को संतुलित रखने में मदद करता है। ध्यान दें कि दिवाली से सर्दी की शुरुआत हो जाती है और सूरन इसी मौसम में पैदा होने वाली सब्जी है। आयुर्वेद इस बात पर बल देता है कि हमेशा मौसमी सब्जियां और फल ही खाने चाहिए। इसलिए भी इस सब्जी को दिवाली के दिन खाने का महत्त्व बताया गया होगा।

सूरन को कई तरीके से पका कर खाया जा सकता है। इसकी सब्जी तो लाजवाब बनती ही है, कुछ लोग इसे भुजिया की तरह सूखी सब्जी के तौर पर बनाते हैं, कुछ लोग पकौड़े भी बनाते हैं। कई लोग इसका चोखा बनाते हैं, यानी इसे उबाल कर नमक, मिर्च, खटाई वगैरह के साथ मसल कर भर्ता बना लिया जाता है। मगर सूरन का आनंद इसकी तरीदार सब्जी में ही आता है।

सूरन में खुजली करने वाला रसायन होता है, इसलिए उसे शांत करने के लिए खटाई का इस्तेमाल जरूरी होता है। सूरन का छिलका उतार कर पहले अच्छी तरह धोएं। सूरन को काटते और धोते वक्त हाथ में सरसों का तेल लगा लें, इससे खुजली नहीं होती। छिलका उतारने के बाद इसके मनचाहे आकार में चौकोर टुकड़े काट लें। टुकड़े बड़े रखें, तो देखने और खाने दोनों में अच्छा लगता है। इन टुकड़ों को अमचूर या इमली वाले पानी में डुबो कर कम से कम आधा घंटा रख दें। इससे उसमें खुजली पैदा करने वाला रसायन शांत हो जाएगा। इसी तरह एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अमचूर पाउडर पानी में भिगा कर रख दें। दूसरी कटोरी में दो चम्मच सरसों कूट कर भिगो दें। इसे सब्जी में डालना होगा।

तब तक इसकी तरी बनाने की तैयारी कर लें। इसकी तरी में राई और खटाई का भरपूर इस्तेमाल होता है। मगर आप अगर राई खाना पसंद नहीं करते, तो इसे छोड़ या इसकी मात्रा कम कर सकते हैं। इसकी तरी में प्याज भी छोड़ सकते हैं, क्योंकि इससे तरी में मिठास आ जाती है, जबकि सूरन की सब्जी तीखी ज्यादा अच्छी लगती है। यों इसकी तरी दही से भी बना सकते हैं, मगर दही नहीं लेना चाहते, तो केवल टमाटर और भरपूर लहसुन का उपयोग करें। इसमें लहसुन का स्वाद अच्छा लगता है।

कड़ाही में दो से तीन चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें जीरा, दालचीनी का छोटा टुकड़ा, एक तेजपत्ता, दो लाल मिर्चें और सात-आठ काली मिर्च तड़काएं और तीन-चार टमाटर मोटा-मोटा काट कर और बारह-पंद्रह कलियां लहसुन की छौंक दें। अगर तरी को गाढ़ा बनाना चाहते हैं, तो इसमें चार-पांच काजू और एक से डेढ़ चम्मच खसखस भी डाल सकते हैं। थोड़ा-सा नमक डाल कर कड़ाही पर ढक्कन लगा दें और आंच मध्यम रहने दें। टमाटर को नरम होने तक पकने दें। टमाटर नरम हो जाए तो आंच बंद कर दें और उसमें से तेजपत्ता निकाल कर अलग कर दें और मिक्सर में डाल कर अच्छी तरह पीस लें।

अब सूरन के टुकड़ों को पानी से अलग करके अच्छी तरह पानी सुखा लें। फिर कड़ाही में भरपूर सरसों का तेल गरम करें। तेल गरम हो जाए तो उसमें सूरन के टुकड़े डाल कर आधा पकने तक तल लें। तले हुए सूरन को एक कटोरे में रखें और उस पर आधा चम्मच नमक, चौथाई चम्मच मिर्च पाउडर, आधा चम्मच गरम मसाला डालें और अच्छी तरह मिलाने के बाद ढक्कन लगा कर छोड़ दें। जिस कड़ाही में सूरन तला था, उसमें एक चम्मच तेल छोड़ कर बाकी तेल बाहर निकाल लें।

बचे हुए तेल में जीरा तड़काएं और फिर पिसा हुआ टमाटर डाल कर मध्यम आंच पर चलाते हुए पकाएं। जब टमाटर तेल छोड़ने लगे, तो उसमें एक चम्मच गरम मसाला, चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर और दो चम्मच धनिया पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। फिर भिगोया हुआ सरसों डालें और अच्छी तर मिलाएं। अब तले हुए सूरन के टुकड़ों में फोर्क से छेद करें और कड़ाही में डाल दें। आधा गिलास पानी डालें और मिला कर ढक्कन लगा दें। जब सूरन के टुकड़े पक जाएं, तो भिगोया हुआ अमचूर पाउडर डालें और फिर जरूरत भर का नमक डाल कर दो मिनट के लिए और पकाएं। आंच बंद कर दें। सूरन की तरीदार सब्जी तैयार है। इसे अदरक और धनिया से सजा कर परोसें।

बेसन के लड्डू
सूरन की तरह बेसन के मीठे व्यंजन भी दिवाली पर अवश्य बनाए जाते हैं। कई इलाकों में मोहनथाल बनता है, तो कुछ जगहों पर हलवा। मगर बेसन के लड्डू इस दिन हर जगह बनाए जाते हैं। हालांकि आजकल बाजार से मंगाना ज्यादा आसान काम लगता है, मगर घर के बने बेसन के लड्डू का आनंद ही अलग होता है। फिर पूजा आदि में घर का बना लड्डू ही उपयोग करें, तो अच्छा रहता है। बेसन का लड्डू बनाना बहुत आसान है।

बेसन के लड्डू बनाने के लिए ढाई सौ ग्राम बेसन, दो सौ ग्राम देसी घी, दो सौ ग्राम पिसी हुई चीनी और कुछ पिस्ता और बादाम की जरूरत पड़ती है। बादाम और पिस्ता को छोटे टुकड़ों में काट कर अलग रख लें। छान लें, ताकि गुठली न रहने पाए। अब कड़ाही में आधा घी डाल कर गरम करें और फिर बेसन डाल कर मध्यम आंच पर चलाते हुए सुनहरा रंग आने तक सेकें। जब बेसन से गंध उठनी शुरू हो जाए और वह तरह तरल हो जाए तो थोड़ी-थोड़ी देर में पानी के छींटे मार कर चलाते रहें।

बेसन का रंग सुनहरा हो जाए, तो आंच बंद कर दें। थोड़ा-सा घी और डालें और चलाते हुए उसे ठंडा करें। पांच मिनट बाद बेसन को परात में निकालें और चलाते हुए ठंडा करें। जब बेसन हल्का गरम रह जाए तो उसमें थोड़ा-थोड़ा करके पिसी हुई चीनी डालें और हथेलियों से मलते हुए मिलाएं। इसी तरह सारी चीनी मिला लें और फिर बचा हुआ घी गरम करके डालें और ठीक से मिला लें। इससे लड्डुओं में चमक आती है। फिर थोड़ा-थोड़ा हिस्सा लेकर दबा कर लड्डू बना लें। ऊपर पिस्ता और बादाम की कतरन दबा दें। बेसन के लड्डू तैयार हैं।