बरसात का मौसम शुरू होते ही जोड़ों में दर्द की शिकायत भी बढ़ जाती है। अधिक उम्र के लोगों में यह हड्डियों और जोड़ों के कमजोर होने की वजह से भी होता है और अपच आदि के चलते पेट में गैस बनने, वायुविकार की वजह से भी। बरसात के समय प्राय: लोगों का पाचनतंत्र मंद पड़ जाता है। भोजन देर से पचता है। इसलिए बार-बार खाते रहने से अपच की शिकायत बढ़ जाती है। इससे पेट में गैस बननी शुरू हो जाती है और वह शरीर के दूसरे अंगों पर भी दबाव डालना शुरू कर देती है। इसका प्रभाव जोड़ों पर साफ नजर आता है। इसलिए जोड़ों में दर्द की शिकायत केवल बूढ़े हो रहे या हो चुके लोगों में नहीं, वयस्क लोगों में भी पैदा हो जाती है। कुछ घरेलू नुस्खे अपनाएं, तो जोड़ों के दर्द की समस्या से आसानी से पार पाया जा सकता है।
हल्दी आंवले की चाय
बहुत सारे लोगों को थोड़ी-थोड़ी देर में चाय पीने की लत होती है। जब अपच की शिकायत हो, तो चाय उसे और बढ़ा देती है। गैस तेजी से बननी शुरू हो जाती है। ऐसे में जिन लोगों को चाय की तलब हो या जिन लोगों को तलब न भी हो उन्हें भी यह नुस्खा आजमाना चाहिए। दो इंच जितना बड़ा कच्ची हल्दी का टुकड़ा और एक आंवला लें। आंवला अगर कच्चा न हो तो सूखे आंवले के चार दाने लें और पानी में डाल कर पांच मिनट तक उबालें। आंच बंद कर दें। इसमें चीनी और आधा छोटा चम्मच चाय पत्ती डालें और दो मिनट बाद छान लें। पहली बार पीने में यह चाय थोड़ी कड़वी जरूर लगेगी, मगर पीते रहें, तो आदत पड़ जाएगी। जोड़ों के दर्द से निजात पाने की यह अचूक औषधि है।
तेल मालिश
शरीर की नियमित मालिश जरूरी होती है। मगर शहरी भागमभाग में नहाने के बाद बहुत सारे लोग क्रीम और परफ्यूम वगैरह तो खूब लगा लेते हैं, मगर शरीर की मालिश पर ध्यान नहीं देते। नहाने से पहले सरसों या नारियल के तेल से पूरे शरीर की मालिश करें और पंद्रह-बीस मिनट बाद नहा लें। इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। रात को सोने से पहले अगर नाभि में एक बूंद तेल डाल कर हल्के हाथों से पांच मिनट मालिश करें, तो इससे पाचन तंत्र भी ठीक होता है और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
आसन-व्यायाम
अगर किसी पुरानी चोट की वजह से बरसात में दर्द उभरा हो तो इसे आसन और व्यायाम से ठीक किया जा सकता है। जोड़ों के दर्द से मुक्ति पाने के लिए कई तरह के आसान हैं। वैसे रोज नहाने से पहले बाहों और पैरों को घुमाते, मोड़ते हुए हल्के व्यायाम करें, तो जोड़ों की जकड़न दूर हो जाएगी, नसों में रक्त प्रवाह बढ़ेगा और दर्द से आराम मिलेगा। फर्श पर पीठ सीधी करके बैठ जाएं, पैर के दोनों पंजों को मिलाएं और दोनों हाथों के पंजों को भीतर की तरफ जितना खींच सकें खींचें और जितनी देर बैठ सकते हैं, बैठें। इससे पैरों के जोड़ों में आराम मिलेगा।
दैनिक गतिविधियां
आज दैनिक गतिविधियों में जिस तरह मोबाइल और कंप्यूटर की भूमिका बढ़ी है, उसमें अगर हाथ की अंगुलियों, कंधों और पैरों में घुटनों को थोड़ी-थोड़ी देर में व्यायाम मुद्रा में घुमाते नहीं रहा जाए, तो वे एक तरह से जड़वत हो जा सकती हैं। देर तक एक मुद्रा में बैठना भी जोड़ों में जड़ता पैदा करता है।
