मानस मनोहर
बेबी कार्न मंचूरियन
छोटे आकार के भुट्टे को बेबी कार्न कहते हैं। अंगुली के बराबर आकार का पतला, मुलायम भुट्टा, जो सब्जी के लिए ही मुख्य रूप से उगाया जाता है, कई तरह के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। खासकर चीनी व्यंजनों में इसका खूब उपयोग होता है। मंचूरियन चीनी व्यंजन है, जो रसेदार और सूखा दोनों रूपों में बनाया और परोसा जाता है।
जब नूडल्स या चावल के साथ खाना हो, तो इसे रसेदार यानी ग्रेवी वाला बनाया जाता है। जब इसे नाश्ते के रूप में परोसा जाना हो, तो सूखा बनाते हैं। घर में कोई दावत हो या कुछ यार-दोस्त आ जाएं, तो भोजन से पहले कुछ हल्का-फुल्का परोसना होता है। उसमें बेबी कार्न मंचूरियन एक बेहतर विकल्प है।
इसकी खास बात यह है कि बच्चे इसे खूब पसंद करते हैं। इसलिए कभी बच्चों को कुछ हल्का-फुल्का खाने को देना हो, तो बेबी कार्न मंचूरियन अच्छा आहार है। इस तरह सब्जी देख कर नाक-भौं सिकोड़ने वाले बच्चों को सब्जी खाने की आदत पड़ती है।
बेबी कार्न मंचूरियन बनाना बहुत आसान है। इसके लिए तैयारी में थोड़ा वक्त जरूर लग सकता है। बेबी कार्न मंचूरियन बनाने के लिए बाजार से ताजा बेबी कार्न खरीद लें। यह पैकेट में बंद आता है, इसलिए अपनी जरूरत के मुताबिक एक से अधिक पैकेट भी खरीद सकते हैं।
गुनगुने पानी में नमक डाल कर इसे अच्छी तरह धोएं और पानी को अच्छी तरह सुखा लें। इसके साथ ही एक गाजर, एक बड़े आकार का प्याज और एक शिमला मिर्च धोकर साफ कर लें। शिमला मिर्च हरी या पीली दोनों या दोनों में से कोई भी ले सकते हैं। प्याज को चौकोर आकार में काट कर उसकी परतों को अलग कर लें।
शिमला मिर्च को भी चौकोर आकार में काट लें। गाजर को लंबाई में काटें तो अच्छा रहता है। इन सारी चीजों को अलग रख दें। अब दो से तीन चम्मच मैदे में चुटकी भर कुटी लाल मिर्च और जरूरत भर का नमक डालें और गाढ़ा घोल बना लें। बेबी कार्न को दो-तीन टुकड़ों में काटें और मैदे के घोल में लपेटें। अब कड़ाही में तेल गरम करें और बेबी कार्न को पकौड़े की तरह कुरकुरा होने तक तल लें।
एक अलग कड़ाही या गहरी पेंदी के पैन में एक से डेढ़ चम्मच तेल गरम करें और उसमें सारी कटी सब्जियां डाल कर तेज आंच पर दो से तीन मिनट तक चलाते हुए पकाएं। फिर इसमें एक चम्मच वेनेगर और एक से डेढ़ चम्मच सोया सास डाल कर अच्छी तरह मिलाएं।
अब उसमें तला हुआ बेबी कार्न डालें और अच्छी तरह मिलाएं। फिर चार-पांच चम्मच टमाटर सास डालें और चलाते हुए मिलाएं। ऊपर से कुटी काली मिर्च बुरकें और एक बार मिलाने के बाद आंच बंद कर दें। बेबी कार्न मंचूरियन तैयार है। इस पर हरे प्याज का पत्ता काट कर डालें और गरमागरम परोसें।
पपीते का हलवा
पपीता हर रूप में सेहत के लिए गुणकारी है। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर है या ठीक नहीं रहता, उनके लिए पपीता औषधि की तरह है। हालांकि ज्यादातर लोग पका हुआ पपीता खाना पसंद करते हैं, मगर कच्चा पपीता भी कम स्वादिष्ट और गुणकारी नहीं होता।
कच्चे पपीते को सलाद के रूप में खाएं, सब्जी बना कर खाएं या फिर कोई मीठा व्यंजन बनाएं, हर तरह से इसका स्वाद निराला होता है। कच्चे पपीते का हलवा बहुत स्वादिष्ट बनता है। जब भी घर में कुछ मीठा बनाना हो, एक बार पपीते के हलवे का विकल्प अवश्य रखना चाहिए।
कच्चे पपीते का हलवा बनाने में बहुत झंझट नहीं है। इसे बनाना बहुत आसान है। इसमें मावा और मेवा वगैरह की जरूरत भी नहीं पड़ती। अगर डालना चाहें, तो डाल सकते हैं, पर इसे सादा हलवा के रूप में खाएं, तो पपीते का मूल स्वाद बना रहता है।
हलवा बनाने के लिए एक कच्चा पपीता लें। उसका छिलका उतार कर काटें और बीज निकाल दें। अगर पीलर या चाकू की मदद से सावधानी से भीतरी हिस्से की पतली परत उतार दें तो और बेहतर रहेगा, क्योंकि कई बार पपीते के बीज वाले हिस्से में हल्की कड़वाहट होती है, जो हलवे का मजा खराब कर सकती है। फिर मोटे छेद वाले कद्दूकस पर घिस लें।
अगर आपको दरदरा हलवा न पसंद हो, तो महीन छेद की तरफ घिस सकते हैं। अब कड़ाही में दो से तीन चम्मच घी गरम करें और उसमें घिसा हुआ पपीता डाल कर चलाते हुए पांच मिनट के लिए पकाएं। आंच मध्यम रखें। जब पपीता आधा पक जाए, तो उसमें अपने स्वाद के मुताबिक चीनी डालें।
यों जितने वजन का पपीता ले रहे हैं, उससे आधे से कम वजन के बराबर चीनी लेना ठीक रहता है। आप अपने स्वाद के मुताबिक चीनी की मात्रा कम या अधिक रख सकते हैं। चीनी डाल कर चलाते रहें। इसी दौरान दो-तीन हरी इलाइची कूट कर डाल दें और चलाते हुए हलवा के सूखने तक पकाएं। पपीते का हलवा तैयार है।
अगर आप मेवे और मावा डालना चाहते हैं तो डाल कर अच्छी तरह मिला लें। इसे गरमागरम या ठंडा होने के बाद भी परोसा जा सकता है। यों कोई भी हलवा गरम ही अच्छा लगता है। पपीते का हलवा खाएं और अपने पाचनतंत्र को तंदरुस्त बनाएं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और रक्त संबंधी कई विकारों को दूर करता है।