दिल की चोट को लेकर कई शायराना बातें कही गई हैं, जिन्हें हम अपनी जिंदगी के उदास पलों में खूब गाते-गुनगुनाते हैं। पर हर चोट ऐसी नहीं होती, खासतौर पर गिरने-पड़ने के कारण जब हमें चोट लगती है। दरअसल, मौजूदा जिंदगी जिस तरह की हो गई है, उसमें हर समय भागदौड़ मची रहती है। ऐसी भागमभाग भरी जिंदगी में गिरना-उठना भी लगा ही रहता है।

आमतौर पर जब तक चोट बड़ी न हो या कोई बड़ी दुर्घटना न हुई हो, हम इस बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। इस तरह की लापरवाही कई बार भारी भी पड़ सकती है। कब कोई चोट बड़ा रूप ले लेगा कहना मुश्किल है। चोट का असर बढ़ने पर असहनीय पीड़ा होती है और तब चिकित्सक भी यही बताते हैं कि समय से अगर इस पर ध्यान दिया जाता तो बात इतनी नहीं बिगड़ती। लिहाजा जरूरी है कि चोट-मोच के बारे में कुछ प्राथमिक जानकारियों से हम लैस हों, ताकि चोट लगने पर हम उसके बारे में उचित फैसला ले सकें।

मालिश कतई नहीं
चोट लगने पर हम क्या करें इससे पहले यह जान लें कि क्या नहीं करें। हाथ, पैर या किसी भी अंग में चोट लगने पर उसकी मालिश नहीं करनी चाहिए। इससे मरीज की परेशानी और बढ़ सकती है। अगर हड्डी हल्की भी टूटी है तो मालिश करने पर वह ज्यादा टूट सकती है। चोट लगे अंग को सुरक्षा दें, आराम दें, बर्फ से सेकें और पट्टी बांध दें। स्थिति ज्यादा परेशान करने वाली हो तो चिकित्सक के पास जाने का फैसला लेने में समय न लगाएं।

आराम जरूरी
अगर आप किसी भीतरी या अंदरूनी चोट से परेशान हैं, तो आप एक छोटी सी चीज का इस्तेमाल कर समस्या से निजात पा सकते हैं। कई बार हाथ-पैर फ्रैक्चर हो जाने के बाद महीनों बाद भी दर्द से निजात नहीं मिल पाती है। इसका मुख्य कारण शरीर को अपेक्षित आराम नहीं देना है। दर्द या तकलीफ की ऐसी स्थिति से निजात पाने के लिए चिकित्सक के पास जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

चिकित्सक ऐसी स्थिति में कुछ खास दवाएं लेने की सलाह देते हैं। पर ध्यान रहे कि ऐसी दवाओं के सेवन से दर्द को दूर करना सेहत के लिए कोई अच्छी बात नहीं है और यह बात चिकित्सक भी बताते हैं। ऐसी दवाओं का इस्तेमाल असामान्य या आपात स्थिति में ही करना चाहिए। ऐसे में सबसे बेहतर हैं वे घरेलू उपाय जिनसे हम ऐसी चोट और दर्द से निजात पा सकते हैं।

घरेलू उपाय
शहद और खाने वाले चूना का इस्तेमाल कर आप चोट और दर्द से निजात पा सकते हैं। इन दोनों में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो चोट में आराम दिलाते हैं। इसके लिए जिस जगह चोट हो वहां पर थोड़ा सा शहद और थोड़ा खाने वाला चूना लगाएं। यह आपको थोड़ा गर्म लगेगा। इससे घबराएं नहीं, इससे आपके चोट में गर्म तासीर जा रही है, जिससे आसानी से आपको तकलीफ से निजात मिल जाए। यह पीढ़ियों से आजमाया गया नुस्खा है।

अगर आप अंदरूनी चोट के दर्द से परेशान हैं तो हल्दी और प्याज से भी इस समस्या से निजात में मदद मिलेगी। दर्द दूर करने के लिए हल्दी का उपयोग कोई नई बात नहीं है। अगर आपके पैर-हाथ में कहीं फ्रैक्चर हो गया हो, लेकिन सूजन और दर्द से निजात नहीं मिल रही हो तो हल्दी और प्याज को कूटकर सरसों के तेल में डालकर गरम कर लें। जब यह थोड़ा उबल जाए तो इसका लेप चोट वाली जगह पर लगाएं या बांध लें। ऐसा रात भर रहने दें, आपको दर्द से काफी आराम मिलेगा।

हिदायत और एहतियात
-झुककर पढ़ने से भी गर्दन दर्द की आशंका रहती है। कुर्सी पर बैठकर पढ़ाई करें, बिछावन पर नहीं। सुबह की धूप में विटामिन डी होती है। अत: धूप में बैठने से विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है।
-कैल्शियम की कमी से भी कमर या पैर में दर्द होने की संभावना रहती है। दूध पीने से कैल्शियम की कमी पूरी होती है।
-खाली पैर और सख्त चप्पल-जूता पहनने से एड़ी में दर्द होता है। क्योंकि एड़ी में वसा नहीं होता। अत: मुलायम चप्पल और स्पोर्ट शू पहनना चाहिए।
-आजकल लोगों में कमर और गर्दन दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है। जर्जर सड़क पर तेज बाइक या साइकिल चलाने से हड्डी की नस में झटका लगता है। इससे नस पर दबाव पड़ता है और कमर दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)