पूरन सरमा

गुड़िया

टिंकू जी के दाएं-बाएं,
सोई हुई हैं दो गुड़ियाएं।
टिंकू चुपके से उठ जाते,
और फटाफट बिस्कुट खाते।
कहतीं गुड़िया हम क्या खाएं
टिंकू जी के दाएं-बाएं।

टिंकू टॉफी खा लेते हैं,
गुड़िया को कुछ ना देते हैं।
गुड़िया पीठ फेर सो जाए,
टिंकू जी के दाएं-बाएं।

जब टिंकू भर लेते पेट,
चुपके से फिर जाते लेट।
बस गुड़िया से मन बहलाएं
टिंकू जी के दाएं-बाएं।

 

 

जूठा / झूठा

भोजन के बाद अगर थाली में कुछ खाने-पीने की चीज बची रह जाती है तो उसे जूठा कहते हैं, जबकि जब कोई सच नहीं बोलता या कोई सही बात नहीं बोलता तो उसे झूठा कहते हैं।

शब्द-भेद
कुछ शब्द बोलने में एक जैसे जान पड़ते हैं, इसलिए उन्हें लिखने में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है। इससे बचने के लिए आइए उनके अर्थ जानते हुए उनका अंतर समझते हैं।
मोजा / मौजा

घुटने के नीचे, पैरों में पहने जाने वाले पायताब या जुर्राब को मोजा कहते हैं, जबकि गांव को मौजा कहा जाता है। जैसे मौजा सुल्तानपुर, करगांव वगैरह का इस्तेमाल जगह-जगह किया जाता है।