शरीर को सेहतमंद रखने के लिए दांतों का दुरुस्त होना भी बहुत जरूरी है। चूंकि दांतों की बुनियाद मसूड़ों में होती है, इसलिए मसूड़े भी स्वस्थ्य होने चाहिए। इसलिए कभी भी दांतों और मसूड़ों की समस्याओं को नजरदांज न करें। वरना गले, दिल और पेट तक की बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। कई बार तो दांत-मसूड़ों की समस्याएं ही दिल की बीमारियों की वजह बन जाती हैं।  जब भी हम कुछ खाते-पीते हैं तो सबसे पहला काम दांतों का शुरू होता है- चबाने का। अगर खाना अच्छी तरह चबाया न जाए तो आसानी से नहीं पचता और पाचन तंत्र में कई तरह की समस्याएं पैदा करता है। खाने के बाद दांतों को अच्छेी तरह साफ न करने से खाने के बारीक कण दांतों-मसूड़ों के बीच फंसने लगते हैं और दांतों में सड़न पैदा करते हैं। यहीं से शुरू होती हैं दांतों की ज्यादातर बीमारियां। दांतों की कुछ ऐसी ही बीमारियों में एक है पायरिया।
क्यों होता है पायरिया
सांस में बदबू, मसूड़ों में सूजन और दर्द, मसूड़ों से खून आना, मसूड़े कमजोर पड़ना, उनमें संक्रमण और फिर दांत हिलना- ये पायरिया के लक्षण हैं। पायरिया के कारण दांत असमय गिरने लगते हैं।
पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुंह की सफाई में कोताही बरतने से होता है। इस रोग में मसूड़े नरम पड़ जाते हैं, खराब हो जाते हैं और उनसे खून आने लगता है।
पायरिया होने पर मसूड़ों से मवाद आना शुरू हो जाता है। मसूड़ों को दबाने में और छूने पर दर्द होता है। मसूड़ों से खून निकलने लगता है। दो दांतों के बीच की जगह बढ़ जाती है, दांतों के बीच खाली जगह बनने लगती है।
कई बार दांत संवेदनशील हो जाते हैं और ज्यादा गरम या ठंडा खाने-पीने पर मसूड़ों में ठंडा-गरम लगने की बीमारी शुरू हो जाती है। इससे इतना तेज दर्द होता है कि कई बार बर्दाश्त करना भी मुश्किल हो जाता है।
पायरिया का अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो दांत ढीले होकर गिर जाते हैं। इसका इलाज बड़ी आसानी से हो सकता है। पायरिया की समस्या होने पर जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। मसूड़ों की बीमारियों में आजकल शल्य क्रिया कारगर साबित होती है।
पायरिया से बचाव
खाने के बाद मुंह की अंदरूनी साफ-सफाई बहुत जरूरी होती है। ब्रश करते समय दांतों को अच्छी तरह और आराम से साफ करें। दांतों की सफाई के लिए सख्त ब्रश की बजाय नरम ब्रश का इस्तेमाल करें। दांतों को स्वस्थ रखने का मूल मंत्र है रात में सोने से पहले ब्रश जरूर करना। ब्रश करते समय ध्यान रखिए कि खाने का कोई टुकड़ा दांतों के बीच फंसा तो नहीं है। वैसे कुछ भी खाने के बाद अगर ब्रश नहीं कर सकते हैं तो पानी से कुल्ला जरूर कर लेना चाहिए।
ब्रश करने का सही तरीका
’खाना खाने के तुरंत बाद ब्रश कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि भोजन में जो एसिड होता है, वह दांतों की परत को मुलायम कर देता है। लेकिन जब हम ब्रश कर लेते हैं, तो वह परत खत्म हो जाती है। हमें चाहिए कि खाने के कम से कम एक घंटे तक ब्रश न करे, ताकि दांतों की परत को नुकसान न पहुंचे।
’जब भी ब्रश करें तो जोर लगा कर या तेजी से न करें। ऐसा करने से कई बार मसूड़े छिल जाते हैं और उनमें घाव हो जाते हैं और सूजन आ सकती है। ब्रश को चारों ओर आहिस्ता-आहिस्ता घुमाते हुए बहुत हल्के तरीके से करना चाहिए।
तंबाकू से बचें
तंबाकू मसूड़ों के लिए सबसे खतरनाक होता है। तंबाकू का किसी भी रूप में इस्तेमाल दांतों को खराब ही नहीं करता, बल्कि इससे हमारे पूरे शरीर को नुकसान पहुंचता है। धूम्रपान से बहुत अधिक मात्रा में बैक्टीरिया हमारे मुंह में ही रह जाते हैं और दांतों और मसूड़ों के संक्रमण हमारे पूरे शरीर तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इससे हमारे दिल, दिमाग, और खून की नलियों सभी को खतरे का सामना करना पड़ सकता है। ल्ल