शरीर का वजन हल्का हो तो सेहत और फुर्ती बनी रहती है, लेकिन अगर वजन बढ़ाने की कोशिश में वजन जरा-सा बेलगाम हुआ नहीं कि समस्याओं की शुरुआत हो जाती है। बाजार के प्रचार में जिन वस्तुओं को बहुत फायदेमंद बताया जाता है, उसे लोग स्वस्थ होने के मकसद से तुरंत शुरू तो कर देते हैं, मगर शरीर की जरूरत के मुताबिक वह कई बार अनुकूल साबित नहीं होती। यह बेवजह नहीं है कि आज बहुत सारे लोगों के बीच वजन बढ़ना और उसे नियंत्रित नहीं कर पाने की वजह से मोटापे की चपेट में आ जाने की समस्या आम होती जा रही है।

हड़बड़ी की राह

जब परेशानी बढ़ने लगती है, तब जाकर हम अचानक ही कई स्तरों पर अपने सेहत को ठीक करने के क्रम में मोटापे पर गौर करते हैं और फिर अचानक ही कई नुस्खे आजमाना शुरू कर देते हैं। मसलन, किसी नीम हकीम की सलाह पर भोजन को पूरी तरह नियंत्रित कर देते हैं, घंटों व्यायाम करना शुरू कर देते हैं। जबकि ये उपाय जरूरी होते हुए भी तब सही हैं, जब संतुलित और निर्धारित तरीके से इन पर अमल किया जाए। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अगर मोटापे को नियंत्रित न किया जाए तो कई तरह की बीमारियां शरीर में घर बना ले सकती हैं।

नियंत्रण की फिक्र

मोटापे का एक प्रत्यक्ष नतीजा मधुमेह होता है। शरीर में रक्त ग्लूकोज का सामान्य स्तर सत्तर से एक सौ बीस मिलीग्राम/डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार मोटापे के कारण यह बढ़ जाता है। इससे टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा पैदा हो जाता है। दरअसल, मोटापा ‘फैटी एसिड’ में बढ़ोतरी का कारण है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित करता है। ऐसे में अगर मोटापे को नियंत्रित न रखा जाए तो मुश्किल बढ़ सकती है। इसी तरह, उच्च रक्तचाप, गहरी नींद में बाधा, मस्तिष्क आघात, यकृत को खतरा जैसी कुछ अन्य अनचाही स्थितियां और कई जटिल बीमारियां भी मोटापे की जड़ से शुरू हो सकती हैं। समस्या तब और ज्यादा गहरा जाती है, जब मोटापा और उसके प्रति सामाजिक दृष्टि की वजह से कुछ लोग अवसाद व मानसिक परेशानियों से घिर जाते हैं।

नीम-हकीमी

आमतौर पर अनदेखी की वजह से इस समस्या से घिरे लोगों को जब पता चलता है तब वे आनन-फानन में इसके समाधान की कोशिश करने के क्रम में कुछ ऐसे उपाय अपनाते हैं, जो उनकी सेहत के लिए अन्य तरह से नुकसानदेह होते हैं। खानपान की आदत में सुधार की कोशिश में कुछ लोग जिस तरह भूखे रहने के विकल्प को चुनते हैं, उससे कमजोरी के साथ-साथ अन्य रोगों के और जटिल होने की आशंका पैदा हो जाती है। जबकि बाजार के तेलयुक्त और फास्ट फूड जैसे चर्बी बनाने वाले खाद्य पदार्थ के बजाय संतुलित और पोषणयुक्त भोजन इसमें मददगार बन सकता है। इसके अलावा, चर्बी को कम करने के लिए तेज गति से टहलना, साइकिल चलाना, तैरना और अलग-अलग तरीके से कैलोरी को नियंत्रित करने वाले खेल खेलना जरूरी है। कुछ अपने शरीर की सुविधा के मुताबिक चर्बी घटाने वाले कुछ व्यायाम भी किए जा सकते हैं। वैसे तो किसी कुशल चिकित्सक की निगरानी में अन्य जरूरी उपाय भी किए जा सकते हैं। सबसे बेहतर है कि अगर फिलहाल मोटापे से दूर हैं, तो खानपान और जीवनशैली को ऐसा कायम रखा जाए कि वजन सेहत के अनुकूल रहे और मोटापे से बचे रहें।