मानस मनोहर

पत्तागोभी चटनी
पत्तागोभी की सब्जी, सलाद, परांठा वगैरह तो बना कर आपने खूब खाए होंगे, पर चटनी कम ही लोगों ने खाई होगी। पत्तागोभी में फाइबर बहुत होता है, इसलिए इसे किसी भी रूप में खाना पाचन और पोषण की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। पत्तागोभी की चटनी बना कर खाएं। इसे मुख्य भोजन के साथ तो खा ही सकते हैं, ब्रेड पर लगा कर सैंडविच की तरह बच्चों को दें, वे बड़े चाव से खाएंगे। पत्तागोभी की चटनी बनाना बहुत आसान है। इसके लिए ज्यादा सामग्री की भी जरूरत नहीं पड़ती।

एक मध्यम आकार की पत्तागोभी का आधा हिस्सा लें। उसे अच्छी तरह पानी से धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर एक कड़ाही या पैन में एक चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें आधा चम्मच राई, आधा चम्मच जीरा, एक लाल मिर्च, दो-तीन हरी मिर्चें और कुछ कढ़ी पत्ते डाल कर तड़का तैयार करें। उसमें कटी हुई गोभी डालें। तेज आंच पर चलाते हुए तीन से पांच मिनट के लिए पकाएं। गोभी को पूरी तरह गलाना नहीं है। जैसे ही उसमें से भाप उठने लगे, आंच बंद कर दीजिए और कड़ाही पर ढक्कन लगा कर दस मिनट के लिए छोड़ दीजिए। भाप से ही गोभी नरम हो जाएगी।

जब गोभी ठंडी हो जाए, तो उसे ग्राइंडर में डालें, जरूरत भर का नमक डाल कर चटनी की तरह पीस लें। ध्यान रखें कि चटनी थोड़ी दरदरी रहेगी, तो स्वाद बेहतर आएगा। चटनी पातगोभी तैयार है। इसे चटनी से अधिक सब्जी की तरह खा जाएंगे।

चटपटी सुंदरी
सुंदरी एक मिर्च का नाम है। यह राजस्थान में काफी उगाई जाती है। यह बहुत तीखी नहीं होती। राजस्थान में तो लोग इसे सलाद में कच्चा ही खाते हैं। आकार में लंबी होती है, पर भरवां मिर्च या पकौड़े बनाने वाली मिर्च की तरह मोटी नहीं होती। इसका रंग भी गहरा हरा न होकर हल्की सफेदी लिए होता है। बाजार में बहुत आसानी से यह मिर्च मिल जाती है। इस मिर्च को तल कर किसी भी भोजन या नाश्ते के साथ परोसें, खाकर मजा आ जाएगा। इसे बनाना सबसे आसान काम है।

सामान्य तरीके से बनाना चाहें, तो एक पैन या कड़ाही में एक चम्मच घी या तेल गरम करें। आंच तेज रखें और जब घी गरम हो जाए, तो उसमें सुंदरी मिर्च को डाल दें। चलाते हुए तलें। जब मिर्च चटकने लगें या उनकी ऊपरी सतह पर चित्तीदार निशान पड़ जाएं तो आंच बंद कर दें और मिर्च को एक प्लेट में निकाल लें। इनके ऊपर नमक छिड़क कर रख दें और जब भी भोजन या नाश्ता करें, इसमें से अपनी इच्छानुसार मिर्च लेकर खाएं, भोजन का स्वाद बढ़ जाएगा।

सुंदरी मिर्च को चटपटा बनाने के कई तरीके हैं। इन्हें पैन में हल्के तेल के साथ तलने के बजाय कुछ लोग पकौड़ों की तरह भी खौलते तेल में सीधा तल लेते हैं। इसके अलावा एक तरीका यह भी है कि मिर्च के बीच में चीरा लगा लें। फिर पैन या कड़ाही में एक से दो चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें आधा-आधा चम्मच की मात्रा में मेथी दाना, राई, जीरा, साबुत धनिया और सौंफ लेकर दरदरा कूटें और सारी चीजों को तड़का लें। फिर उसमें मिर्चों को डालें और दो मिनट के लिए चलाते हुए पकाएं। फिर ऊपर से पानी का हल्का छींटा मारें, ताकि सारे मसाले मिर्च में चिपक जाएं। आंच बंद कर दें।

जरूरत भर का नमक डालें और कड़ाही पर ढक्कन लगा दें। चटपटी सुंदरी मिर्च तैयार है। हरी मिर्च भोजन के साथ लेना इसलिए भी जरूरी है कि इसमें कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं और इसे खाने से हमारी दर्द सहन करने की क्षमता में वृद्धि होती है। भोजन का स्वाद तो इससे बढ़ता ही है, भोजन को पचाने में भी यह मदद करती है।

सेजवान चटनी
यह चटनी मुख्य रूप से पूर्वोत्तर के और चीनी व्यंजनों में इस्तेमाल होती है, पर शहरी बच्चों की जुबान पर इसका स्वाद इस कदर चढ़ गया है कि उन्हें इसे परांठे में भी लपेट कर दे दें, तो बड़े मन से खा लेते हैं। इसलिए बच्चे जिन पारंपरिक भोजन से नाक-भौं सिकोड़ते हैं, उनमें अगर सेजवान चटनी मिला कर दें, तो वे उसे खुशी-खुशी खा लेंगे।

सेजवान चटनी घर में ही बना लें, बाजार की बनी खरीदने से यह बेहतर रहेगा। इस चटनी को बनाना बहुत आसान है। इसमें मुख्य रूप से लाल सूखी मिर्च का इस्तेमाल होता है। इसके लिए सौ ग्राम लंबी वाली सूखी मिर्च लें। उन्हें फाड़ कर उनका बीज निकाल लें। कुछ बीज रह भी जाएं, तो हर्ज नहीं।

दरअसल, मिर्च के बीज में ही सबसे अधिक तीखापन होता है। इन मिर्च को पानी में भिगो कर रख दें। फिर दस-बारह लहसुन की कलियां भी छील कर ले लें। अब मिर्च और लहसुन की कलियों को एक साथ पानी में उबालें और जब तक मिर्च अच्छी तरह मुलायम न हो जाएं, उबालते रहें। इसमें दस से पंद्रह मिनट लगेंगे। फिर उस पानी को निथार कर अलग कर दें। इस तरह मिर्च का तीखापन और कम हो जाएगा।

जब मिर्च थोड़ी ठंडी हो जाएं तो लहसुन समेत उन्हें ग्राइंडर में डालें। ऊपर से जरूरत भर का नमक, एक चम्मच खाने का तेल या आलिव आयल डालें। सरसों का तेल न डालें। इसी में एक चम्मच सफेद सिरका यानी वेनेगर डालें और चटनी पीस लें। सेजवान चटनी तैयार है।

इसे किसी जार में बंद करके रख दें, पंद्रह दिन के भीतर इस्तेमाल कर लें। हालांकि उसके बाद भी यह चटनी खराब नहीं होगी, पर ज्यादा लंबे समय तक रखा कोई भी भोजन स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता। जितना ताजा खाएं, उतना ही बेहतर।