शकुन पर शकुन हो रहे हैं। यूपी में अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। इसे चपलाशयोक्ति कहें या अंतत्यातिशयोक्ति कहें कि यूपी में सतयुग सचमुच आ गया है। चैनलों ने खबर लगाई कि सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि राम मंदिर मसले का हल आपसी समझौते से निकले। चैनलों ने तुरंत अगली लाइन मारी कि सरकार बड़ी अदालत की राय का स्वागत करती है। क्या गजब की टाइमिंग रही। चैनल झट से विवादित स्थल दौड़े और कैमरे उन पत्थरों के दर्शन कराने लगे, जो मंदिर निर्माण के काम में लाने के लिए इकट्ठे किए गए थे। शकुन पक्षी बोल रहा है, नीलकंठ के दर्शन हो रहे हैं, दिशाओं में शुभ संकेत हैं।
चैनल वाले इससे पहले गोपीचंद जासूस की तरह कभी दिल्ली, कभी लखनऊ हो रहे थे कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री। एक ओर मनोज सिन्हा अपने इष्टदेवता की पूजा-अर्चना में सीरियसली लगे दिखते थे, दूसरे सीन में मौर्याजी उदात्तता की प्रतिमूर्ति बने दिखते थे और तीसरे सीन में योगी आदित्यनाथजी अपने भगवा वस्त्रों में आते-जाते दिखते थे। आदत से मजबूर रिपोर्टर सबसे पूछते थे कि आप रेस में हैं। और तीनों अलग-अलग जगह पर विनम्रता पूर्वक मुस्कराते हुए कहते थे कि नहीं हम नहीं, क्योंकि रेस है ही नहीं। शकुन पर शकुन हो रहे हैं। शुभ दिन आयो रे… योगी आदित्यनाथ सीएम चुन लिए गए। मन हुआ कि देखें कि मौर्याजी का क्या हाल है। वे डिप्टी सीएम पर ही संतुष्ट नजर आए। मनोजजी उसके बाद सीन से नदारद रहे।
शकुन पर शकुन हो रहे हैं। बुधवार को दिन भर मालूम होता रहा कि सरकारें बुलेट ट्रेन की स्पीड से काम कर रही हैं। चैनल एनडीटीवी ने बताया कि योगीजी ने कहा है कि सीएम दफ्तर में पान, पान मसाला, गुटखा नहीं खाया जाएगा। दूसरा हुकुम हुआ कि एंटी रोमियो स्क्वैड पुलिस ने बना दी है। तेईस जिलों की एंटी रोमियो स्क्वैड रोमियो जनों की तलाश में वन-उपवन, गार्डन, गार्डन सर्वत्र घूम रही है। फिर एक चैनल ने खबर दी कि गोवा की कड़क सरकार ने नशे पर क्रैक डाउन कर दिया है। और महाराष्ट्र सरकार भी डॉक्टरों के ऊपर क्रैक डाउन करेगी। सबसे उत्तम दृश्य यूपी से ही मिले। लगा कि सतयुग आके रहेगा। एक चैनल पर देखा तो पाया कि झांसी में एक रोमियो ऊंचे चबूतरे पर खड़ा कान पकड़ कर उठक-बैठक कर रहा है। और एंटी रोमियो स्क्वैड का सैनिक उससे उठक-बैठक करवा रहा है। दूसरे चैनल पर एक सीन में कुछ एंटी रोमियो, कुछ दर्शक रोमियो नजर आते रहे। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में जितने भी रोमियो हैं वे स्वंय एंटी रोमियो स्क्वैड बना लेंगे। और जितने भी रोमियो-जूलिएट होंगे, वे सज्जन-शालीन, उदात्त, आध्यात्मिक भाव में तल्लीन होकर दस फुट की दूरी बना कर चलेंगे, ताकि एंटी रोमियो स्क्वैड को कष्ट न हो। लगता है, लव से ही भिड़ गए हैं। राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी बाधा ये बेचारे गरीब-गुरबे रोमियो-जूलिएट ही हैं।
शाम तक चैनलों में दो-दो जने प्रो रोमियो और दो-दो जने एंटी रोमियो की भूमिका में विराजे थे। एक चैनल में एक ने कहा- यह लव जिहाद का सरकारी रूप है। एक ने कहा, मोरल पुलिसिंग है। एक ने कहा नैतिक दारोगाई है। ये विपक्षी कब समझेंगे कि सतयुग लाना है। रोमियो को समझाना है। नहीं समझे, तो सबक सिखाना है। शकुन पर शकुन हो रहे हैं। इधर आदेश हुआ, उधर योगीजी हजरत गंज थाने में सबकी हाजिरी लेने पहुंच गए। ऐसे विजिलांते चीफ मिनिस्टर यूपी में कब हुए। चैनल उनकी विजिट को कवर करने में हांफ रहे हैं कि कहीं कोई कसर न रह जाए। चमत्कार हो रहा है। देखो तो सीएम सीधे विजिट करने आए। इंडिया टुडे की रिपोर्टर कह रही थी- थाने में हड़कंप मचा हुआ है। देखा तो दो-तीन और चैनल भी सीएम साहब को दिखा रह थे। सीएनएन न्यूज एट्टीन ने लाइव कवर करते हुए लाइन दी- यह यूपी का योगी है। फोकस आन योगीजी। फिर एक चैनल ने लिखा- विजिलांटिस्ट योगीजी, सबको दौड़ाए हैं। सबको हिलाए हैं। औचक विजिट। अंगरेजी रिपोर्टरो, अरे इतना तो समझ लो कि वह कोरे योगी नहीं हैं, कर्मयोगी हैं। हठयोगी भी हैं।
एनडीटीवी पर चर्चा आ रही है। कुछ योगीजी के सीएम बनने पर चिंतित हैं, कुछ प्रसन्न हैं। चिंतितजी- क्या योगी को लाकर विकास के एजेंडे को त्यागा जा रहा है? प्रसन्नजी- मोदीजी हिंदुत्व के हैं और डेवलपमेंट के हैं। इसी तरह योगीजी हैं।
शकुन पर शकुन हो रहे हैं। अच्छे दिन आ रहे हैं। शिवसेना के एक एमपी महोदय ने हवाई जहाज की सही सीट न दिए जाने पर एक एअर लाइन के अधिकारी को प्रीत पूर्वक ठोंक दिया। चैनल वाले उनके मुंह में अपने गन माइक ठूंस कर, उनसे सत्य उगलवाना चाहते हैं। वे सत्य वचन कहने लगे। कि पहले मैंने उनसे कायदे से बात की। वे बोले कि होगा एमपी। और जोर-जोर से बोलने लगे। रिपोर्टर ने उनसे कहा कि आप तो एमपी हैं। तो एमपी बोले कि मैंने लिख कर दे दिया है। जरा उसे पढ़ लो। फिर बात करो। रिपोर्टर अगर सुरक्षित दूरी पर न होता, तो अगली खबर वह बनता। दूसरे चैनल पर आदरणीय सांसद ठसके से बोल रहे थे कि मैंने पचीस सैंडल मारे हैं। एक्शन हीरो हो तो ऐसा कि मारे तो गिन के मारे। कोई पूछे कि कित्ते मारे, तो धड़ल्ले से बता सके कि इत्ते मारे।