उसे लिंच किया जा रहा है। एंकर दृश्य की व्याख्या कर रहा है और हम उसकी व्यख्या की व्याख्या किए जा रहे हैं। छह गौ-चोर। छहों धर लिए गए। पंचायत ने कहा, सजा दो। लोग घेर कर लाठी भांजने लगे। चार भाग गए। दो को इतना पीटा कि ठौर हो गए। लाशों को लाठी पर टांगा और दर्शनार्थ सड़क पर डाल दिया। बर्बरता का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए छोड़ दिया, मानो कोई आंख दिखा कर कहता है : देख, इस तरह हमने बचाई गौ माता। मार दिया उनको जो चुराने आए थे। न कानून, न पुलिस। सीधा हिसाब कर दिया!
चैनल संपादकों ने बर्बरता के दृश्य धुंधले कर दिए, ताकि हम उनको देख घबराएं नहीं। हाय, टीवी हमारा कितना खयाल रखता है? दृश्य धुधंले होकर शिष्ट हो जाते हैं। हम असली सीन को सोचने लगते हैं कि मारने वाले कौन थे? किनने उनको गाय चोर बना दिया? किस कानून के तहत उनको कूट दिया गया? उसे मारने वाले इतने युवक अचानक कहां से जुट गए? ‘वाट्सऐप’ की मेहरबानी या कि गोरक्षकों की मेहरबानी? टाइम्स नाउ ने रिपोर्ट दी कि पिछले दिनों आंध्र, बंगलुरू में दो कथित ‘बच्चा चोर’ लिंच कर दिए गए। वही वाट्सऐप। वही अफवाह कि बच्चा चोर हैं। असम में दो कलाकार मार-मार कर ढेर कर दिए गए। वीडियो बनाए गए, सोशल मीडिया पर दिए गए, कि देखो हमारी लिंच लीला देखो। देखो, हमने दुश्मनों से बचा लिए अपने बच्चे।
सनसनी फैलाई पीएम को राजीव गांधी की तरह रोड शो में मारने की माओवादी साजिश वाले पत्र की खबर ने! यह हर तरह से निंदनीय और भर्त्सनीय कृत्य था! एक चैनल पर राजीव गांधी की हत्या के पुराने सीन! उफ कैसे निर्मम और दुर्दांत सीन कि एक हंसता हुआ चेहरा और एक धमाका कि सब चिथड़ा चिथड़ा! एंकर चीखने लगे। दुष्ट माओवादियों की ये हिम्मत! दो पीएमों की हत्या हो चुकी है। ये राजीव की तरह का दुष्कांड करना चाहते थे और पत्र में लिख रहे थे! कितनी भयावह साजिश और वह भी कंप्यूटर पर पत्र लिख कर! धमकी और इतनी खुली हुई!
एक चर्चक बोला : ये कुछ नए किस्म के माओवादी हैं। इस पर एक अंग्रेजी एंकर इस कदर नाराज हुआ कि उस बकवास करने वाले को कंटाप लगाने की तरह ‘शटअप’ लगाया! इतने में एक नया विशेषण बजने लगा : ‘अर्बन नक्सल’ ‘अर्बन नक्सल’! ‘नगर नक्सल’, ‘महानगर नक्सल’! न जांच। न रिपोर्ट। एक साल पुराना पत्र बताया जाता है, लेकिन दिखाया अब जाता है! उधर दुष्ट अर्बन नक्सल, तो इधर अर्बन लिंचर हैं! देख लेंगे। लगे हाथ सलमान को मिली धमकी ने भी उछाल लिया, लेकिन धमकी वाला तो अंदर था, इसलिए धमकी की कहानी पांच मिनट में ही आई गई हो गई।
नियम-सा बन चला है : लांच से पहले विवाद कराओ, फिर लांच करो। हॉलीवुडिया सीरियल क्वांटिको ने भी यही रास्ता अपनाया। रुद्राक्ष पहने हिंदू टेररिस्ट को दिखाने पर प्रियंका चोपड़ा की चैनलों पर जम कर कुटाई हुई। प्रिंयका ने माफी मांगी! लेकिन इस लपेटे में एक पांच सितारा रसोइया अजय कोचर खेत रहा। क्वांटिको के दृश्य देख उसे हिंदुत्व का दौरा पड़ा। उसने इस्लाम को कूट लिया और ज्यों ही कूटा, त्यों ही नौकरी से हाथ धो बैठा! और बोल बेटा! एक अंग्रेजी चैनल पर क्वांटिको के बहाने मानो शाखा ही लग गई। क्वांटिको के प्रवक्ता को एक हिंदुत्व के प्रवक्ता ने बड़े प्यार से समझाया : आप अच्छे नागरिक बनें। शाखा में आएं। ध्वज प्रणाम करें और नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे… गाया करें!
अटल जी की तबियत खराब हुई, तो राजनीति की भी तबियत खराब हो गई। राहुल सबसे पहले उन्हें देखने गए, फिर कार्यकताओं से कह भी डाला कि मैं सबसे पहले अटल जी को देखने गया, क्योंकि कांग्रेस की ‘कल्चर’ है…। फिर सब पिल पड़े- हाय हाय! ये राहुल कितना नीचे गिर सकता है? देखो तो वो अटल की ‘हेल्थ’ पर भी राजनीति करता है। अटल को ‘इंसल्ट’ करता है। यह ‘वल्चर’ राजनीति है। मैं अभी पोल कराता हूं… एक एंकर पूरे प्राइम टाइम राहुल को कोसता रहा! लेकिन अटल जी ठहरे। वे ठीक बताए जाने लगे!
दो बांके। दोनों लड़ाके। सिंगापुर में दोनों मारें ठहाके! पहले धमकाया, फिर पटाया और सब करने लगे ओम किम किमम् शांति: शाति: शांति:! ओम ट्रंपम् शांति: शांति: शांति:! ओम् एटम बम की धमकी शांति: शांति:! बहुत दिन बाद अरविंद केजरीवाल अपनी रौ में आए। दिल्ली की सरकार उपराज्यपाल के निवास पर धरने पर बैठ गई। कहे कि अफसरों को काम पर लाओ। लेकिन वाह री भाजपा! आव देखा न ताव, अपने नेताओं को केजरी के दफ्तर में प्रति-धरने पर बिठा दिया! इसे कहते हैं सहयोग!
पीएम ने अपना ‘फिटनेस वीडियो’ जारी किया और पंचतत्त्व युक्त वीडियो की व्याख्या होती रही! एक अंग्रेजी ‘योगा एक्सपर्ट’ कहती रही ‘वात’ को ‘वाता’, ‘पित्त’ को ‘पित्ता’ और ‘कफ’ को ‘काफा’! त्रिदोष हो गए त्रिदोषा! ‘पंचतत्त्व’ बने ‘पंचतत्त्व’! उधर जम्मू-कश्मीर सीमा पर बीएसएफ के जवान नित्य शहीद होते रहे। इधर हम जपते रहे : ‘हम फिट तो इंडिया फिट!’

