रवि त्रिपाठी

सनी सिंह की फिल्म इंटरवल तक तो दर्शकों को हंसाती है। उसके बाद संजीदा हो जाती है। और इसी कारण से ये फिल्म मनोरंजन का आधा डोज होकर रह जाती है। इसमें सनी सिंह ने चमन कोहली नाम के ऐसे शख्स का किरदार निभाया है जो दिल्ली के राजौरी गार्डन के इलाके में रहता है। चमन कोहली एक शरीफ सा इंसान है। दिल्ली के हंसराज कॉलेज में हिन्दी पढ़ाता है। बायोडाटा के हिसाब से तो शादी के लिए ठीक लड़का है। पर इकतीस का हो जाने के बावजूद चमन की शादी नहीं हो पाती।

वजह? वो ये है कि चमन के सिर पर बाल बहुत कम रह गए हैं। आम बोलचाल की भाषा में कहें तो चमन गंजा है। इसीलिए कॉलेज में लड़के- लड़कियां उसके पीछे उसे उजड़ा चमन कह के चिढ़ाते हैं। कोई कोई उसे टकला भी कह देता है। चमन चाहता है कि किसी लड़की से इश्क विश्क हो जाए। पर यहां भी उसके हाथ नाकामी लगती है। कुछ समय तक फर्स्ट ईयर की एक लड़की ने ‘ चोमु चोमू ‘ कह के बुलाती है पर बाद में ये खुलासा होता है कि वो तो उसे परीक्षा के दौरान क्वेश्चन पेपर लीक करने के लिए इस्तेमाल कर रही थी। बेचारा चमन बेवकूफ बन के रह जाता है।

इस तरह चमन की जिंदगी में बहार आने की कोई संभावना नहीं दिखती। थक हार कर वो टिंडर एप का सहारा लेता है। एक लड़की (मानवी गागरू)उसे यहां मिलती है। पर वो मोटी है। चमन खुद उसे नहीं चाहता। पर लफड़ा कुछ ऐसा होता है कि चमन के माता पिता उस लड़की से उसकी शादी तय कर देते हैं। क्या चमन नहीं चाहने के बावजूद उस लड़की से शादी करेगा। ये सवाल उठते ही फिल्म गंभीरता की दिशा में मुड़ जाती है। फिर बात इस ओर चली जाती है कि खूबसूरती क्या है, उसके मायने क्या हैं, वगैरह वगैरह।

एक राह छोड़कर दूसरी पर चलने की वजह से फिल्म का फोकस खराब हो जाता है। जब तक मजाकिया अंदाज बना रहता है फिल्म हंसाती रहती है। कुछ सीन तो बड़े मजेदार हैं। जैसे एक जगह जब चमन कोहली को ‘उजड़ा चमन ‘ कहने पर कॉलेज का प्रिंसिपल एक शरारती लड़के को एक हजार का जुर्माना लगाता है, तो वो लड़का दो हजार का नोट देता है। प्रिंसिपल के पास लौटने के लिए हजार रुपए नहीं है तो वह लड़के को कहता है कि एक बार फिर ‘ उजाड़ा चमन ‘ बोल ले और दो हजार का जुर्माना दे दे। लेकिन मध्यांतर के बाद ऐसे सीन नहीं है इसलिए हंसी के लाले पड़ जाते हैं।

चमन कोहली की भूमिका में सनी सिंह फिट हैं। पिता की भूमिका में अतुल कुमार और मां की भूमिका में ग्रूशा कपूर हिन्दी रंगमंच में चर्चित हैं। दोनों अपने अपने रोल में खूब हंसाते हैं। मानवी भी प्रभावशाली लगी हैं। वैसे ‘उजड़ा चमन ‘ नाम की ये फ़िल्म ‘ ओंदू मोत्या कथे ‘ नाम की कन्नड़ फिल्म का हिन्दी रीमेक है। गंजेपन से संबंधित ‘ बाला ‘ नाम की एक और फिल्म अगले हफ्ते रिलीज हो रही है जिसमें आयुष्मान खुराना लीड रोल में हैं। उसके बाद इन दोनों की तुलना तय है। तब तक ‘ उजड़ा चमन ‘ के सिर पर बाल बचे तो।