Famous Shani Temples in India: हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि एक पापी ग्रह होता है, किसी भी जातक की कुंडली में इसकी उपस्थिति अशुभ और व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने वाली मानी जाती है।
शनि देवता को कर्मदेव भी कहते है जो आपको आपके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसीलिए इसका प्रभाव क्या होगा यह जातक के कर्मों पर निर्भर करता है। साढ़े साती के समय अगर आपके काम रुकने लगे और लाख परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं प्राप्त हो, तो इसका मतलब है कि यह शनिदेव का प्रकोप है जो आपको पीड़ित कर रहा है। ऐसी स्थिति में जातक शनिदेव को खुश करने के उपाय करके अपने नुकसान और हो रही परेशानियों को कम कर सकता है।
ऐसी मान्यता है कि शनिदेव की पूजा आराधना जीवन के सभी दुख-दर्द को दूर कर देती है। भारत में शनिदेव को समर्पित कई ऐसे मंदिर हैं, जो बेहद चमत्कारी हैं। शास्त्र के अनुसार वहां जाने पर जीवन के सभी कष्ट हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं-
शनि धाम, नई दिल्ली (Shani Dham, New Delhi)
नई दिल्ली में छतरपुर रोड में शनि धाम मंदिर में शनिदेव की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। शनि देव के दर्शन के लिए इस मंदिर में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। आपको बता दें यहां लोग शनिदेव के प्राकृतिक मूर्ति की पूजा करते है, मंदिर में शनि देव की मूर्ति की स्थापना साल 2003 में अनंत श्री विभूषित जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी माधवश्रम जी महाराज ’द्वारा की गई थी। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में शनि देव की पूजा करता है उसके पाप हमेशा के लिए धुल जाते हैं।
शनिचरा मंदिर, मध्यप्रदेश (Shanichara Mandir, Madhya Pradesh)
शनि महाराज का प्राचीन मंदिर मुरैना जिले के ग्राम ऐंती में पहाड़ियों पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यह रामायण काल का स्थान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि रावण की कैद से मुक्त होने के बाद हनुमान जी ने शनि महाराज को यही छोड़ा था जिसका देखने के लिए वहां पर प्रमाण भी उपलब्ध है। यहां के लोगों का मानना है, कि यहां शनि पर्वत की परिक्रमा करने से शनि श्राप से मुक्ति मिलती है।
शनि मंदिर, इंदौर (Shani Temple, Indore)
इंदौर में शनिदेव का प्राचीन व चमत्कारिक मंदिर जूनी इंदौर में स्थित है। इस मंदिर को लेकर अनेकों कहानियां प्रचलित है। ऐसी मान्यता है कि यहां अहिल्याबाई शनिदेव की पूजा करने आई थी। वहीं एक अन्य कथा के अनुसार बताते हैं कि शनिदेव की प्रतिमा पहले वर्तमान में मंदिर में स्थापित भगवान राम की प्रतिमा के स्थान पर थी।
एक शनिचरी अमावस्या पर यह प्रतिमा स्वतः अपना स्थान बदलकर उस स्थान पर आ गई जहां ये अब स्थापित है। आपको बता दें इस मंदिर की स्थापना नहीं की गई है। यह स्वयं निर्मित हुआ है।
शनि शिन्ग्नापुर, महाराष्ट्र (Shani Shingnapur, Maharashtra)
महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में 300 साल पुराना शनि मंदिर है। आपको बता दें इस मंदिर में ना कोई दीवार है ना छत। यह एक मंच पर 5 फीट ऊंचा काला पत्थर है। जिसे यहां के लोग शनिदेव के रूप में पूजते है। लगभग तीन हजार जनसंख्या के शनि शिंगणापुर गांव में किसी भी घर में दरवाजा नहीं है।
गांव में कहीं भी कुंडी तथा कड़ी लगाकर ताला नहीं लगाया जाता। इतना ही नहीं, घर में लोग आलीमारी, सूटकेस आदि नहीं रखते। ऐसा शनि भगवान की आज्ञा से किया जाता है। वहां के लोगों का कहना है कि शनि देव वहां के लोगों की रक्षा स्वयं करते हैं। हालांकि इस मंदिर में महिलाओं को अंदर आने की इजाजत नहीं दी गई है।
थिरुनल्लर मंदिर, तमिलनाडु (Sani Temple Thirunallar, Tamilnadu)
श्री दरबारण्येश्वर मंदिर पांडिचेरी के तिरुनल्लर में स्थित एक प्रसिद्ध शनि मंदिर है और यह मंदिर तमिलनाडु के बहुत पास है। यह मंदिर नवग्रह मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। अभय वरद हस्त के साथ यह मंदिर पूर्वमुखी है। भगवान को पहले से स्थपित देवताओं के बीच प्रतिष्ठित किया गया है।
यह मंदिर कावेरी नदी के दक्षिण किनारे पर स्थित है और भारत में स्थित शनिदेव का सबसे पवित्र मंदिर है। चोल राजाओं को इस मंदिर का संस्थापक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने के बाद राजा नल को शनि के प्रभाव से होने वाले रोगों से मुक्ति मिली थी।