Shani Pradosh Vrat 2025: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का नाम महत्वपूर्ण व्रत में आता है। क्योंकि इस व्रत की महिमा वर्णन खुद शिवपुराण में किया गया है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है।  प्रदोष का व्रत हर महीने में दो बार किया जाता है, एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में, इस दिन महादेव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में पूजा करने से धन- समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं आश्विन प्रदोष व्रत के बारे में, जो 4 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं यह शनि प्रदोष होगा, क्योंकि इस दिन शनिवार है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम…

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शनि प्रदोष व्रत 2025 तिथि

ज्योतिष पंंचांग के मुताबिक  इस दिन शाम 05 बजकर 08 मिनट पर त्रयोदशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं 05 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 04 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए आश्विन माह का अंतिम प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त और योग

इस दिन पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 29 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 55 मिनट तक है। वहीं इस दिन  द्विपुष्कर योग बन रहा है। इस योग का संयोग सुबह 06 बजकर 13 मिनट से है। वहीं, सुबह 09 बजकर 09 मिनट पर द्विपुष्कर योग की समाप्ति होगी। इस योग में पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। 

शनि प्रदोष व्रत महत्व

शनि प्रदोष का व्रत करने से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही शनि दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं संतान सुख के लिए भी शनि प्रदोष व्रत करना बहुत लाभकारी माना जाता है। साथ ही शनि प्रदोष व्रत रखने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु और कालसर्प दोष है, तो इस दिन व्रत रखने से उनको दोष के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं महादेव की कृपा से सुख- समृद्धि का वास बना रहता है।

पंचांग

  • सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
  • सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 05 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 29 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक

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