देश को आजाद हुए पचहत्तर साल होने आए, लेकिन विडंबना है कि आज भी बहुत सी जगहों पर दलितों का मंदिरों में प्रवेश वर्जित हैं। हाल ही में इसी तरह का एक मामला मध्यप्रदेश के खरगोन जिले से सामने आया, जहां महाशिवरात्रि पर एक दलित युवती को पूजा करने से रोक दिया गया। दलितों के प्रति भेदभाव की यह न तो पहली घटना है और न ही अंतिम। दलित युवकों की डंडों से की पिटाई… दलित लड़की के साथ रेप… दलितों के मंदिर में घुसने पर रोक… जातिगत उत्पीड़न और भेदभाव की ऐसी अनगिनत खबरें रोजाना मीडिया में देखने को मिल ही जाती हैं।
सवाल है कि तमाम कानूनों के बावजूद क्यों नहीं थमते दलितों के प्रति भेदभाव और अत्याचार? हर साल कई ऐसी घटनाएं होती हैं जो दलितों के खिलाफ हिंसा की कहानी बयां करती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाली राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार, ‘अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों की संख्या में साल 2020 में 9.4% बढ़ोतरी हुई है। जहां 2019 में 45,935 मामले दर्ज हुए थे वहीं, 2020 में 50,291 मामले सामने आए।’
दलित समाज को कानूनी अधिकार तो मिल गए, लेकिन सामाजिक तौर पर समानता का अधिकार अभी तक नहीं मिल पाया है! जातिवाद और छुआछूत के खात्मे के लिए बेहद जरूरी है कि सब मिल कर एक ऐसे समाज का निर्माण करें, जिसमें धर्म, जाति, लिंग, कद और रंग आदि के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव की कोई जगह न हो।
- गौतम एसआर, खंडवा
विराट का शतक
भारतीय पूर्व कप्तान विराट कोहली एक और रिकार्ड अपने नाम कर चुके हैं। विराट को रिकार्ड का बादशाह भी कहा जाता है, क्योंकि वे रिकार्ड बनाने के लिए जाने जाते हैं। चार मार्च को विराट ने एक और रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। विराट श्रीलंका के खिलाफ मोहाली में अपना सौवां टेस्ट मैच खेला। यह अपने आप में एक बड़ा रिकार्ड है। सौ टेस्ट मैच खेलना कोई आम बात नहीं होती है।
इस दौरान कोहली ने काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सत्ताईस शतक के साथ अट्ठाईस अर्धशतक भी जड़े। विराट के बल्ले से अब तक टेस्ट मैचों में करीब आठ हजार रन आ चुके हैं, जो कि पचास के बेहतरीन औसत के साथ बनाए गए हैं। साथ ही विराट ने सात ऐसी शतकीय पारी खेली, जिसे उन्होंने दोहरे शतक में तब्दील कर दिया।
विदेशों में जाकर टेस्ट सीरीज जिताने का रिकार्ड भी विराट के नाम है। बावजूद इसके विराट ने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया यह प्रशंसकों के लिए चौंकाने वाला फैसला था। क्योंकि विराट जैसा टेस्ट फार्मेट का कप्तान टीम इंडिया को आज तक नहीं मिल सका था। कप्तानी सहित अपने बल्ले से विराट ने कई कीर्तिमान स्थापित कर टीम इंडिया को टेस्ट में एक स्थान दिलवाया। इस योगदान के लिए टीम इंडिया और उनके प्रशंसक विराट को कभी भुला नहीं सकेंगे।
अभिनव राज, आईएमएस, नोएडा</p>