Manik Stone: सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहा गया है। साथ ही सूर्य देव मान- सम्मान, प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास, सरकारी नौकरी, प्रशासन, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बॉस और पिता का कारक माना जाता है। साथ ही सूर्य का रत्न माणिक्य है। मान्यता है माणिक्य धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास और मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। लेकिन माणिक्य रत्न को तब ही धारण करना चाहिए, जब सूर्य देव कुंडली में सकारात्मक स्थित हो। वहीं अगर कुंडली में सूर्य देव नीच के स्थित हो तो माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं माणिक्य पहनने के लाभ और धारण करने की विधि…
ये लोग माणिक्य कर सकते हैं धारण
ज्योतिष अनुसार मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक माणिक्य धारण कर सकते हैं। वहीं अगर धन स्थान, दशम भाव, नवम स्थान, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं। साथ ही कुंडली में अगर सूर्य देव कमजोर स्थित हों तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं। साथ ही माणिक्य के साथ गोमेद और नीलम नहीं धारण करना चाहिए।
माणिक्य धारण करने के लाभ
माणिक्य पहनने से व्यक्ति को करियर में सफलता मिलती है। साथ ही जो लोग राजनीति से जुड़े हुए हैं उनको माणिक्य पहनना लाभकारी रहता है। वहीं जो व्यक्ति माणिक्य धारण करता है, उसके मान सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। साथ ही माणिक्य पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। वहीं जिन लोगों का बॉस और पिता के साथ तनाव रहता हो वो लोग भी माणिक्य पहन सकते हैं।
इस विधि से करें धारण
माणिक्य को बाजार से कम से कम 8 से सवा 8 रत्ती का खरीदकर लाएं। साथ ही माणिक्य को तांबे या सोने के धातु में धारण करें। वहीं सूर्योदय होने के एक घंटे बाद माणिक्य रत्न पहन सकते हैं। माणिक्य अनामिक उंगली में धारण कर सकते हैं। माणिक्य की अंगूठी को धारण करने से पहले अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करके धारण कर लें। वहीं उसके बाद मंदिर के सामने बैठकर एक माला सूर्य देव के मंत्र ऊं सूर्याय नम: का जाप करें। ऐसा करने से अंगूठा पूरा प्रभाव आपको प्राप्त होगा।