चंद्रग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आकर चंद्र पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी को रोक देती है जिससे कि चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आने लगता है। विज्ञान अनुसार इसी तरह चंद्र ग्रहण लगता है। कुल तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं। एक पूर्ण, दूसरा आंशिक और तीसरा पीनम्ब्रल यानी उपच्छाया। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण ही 10 जनवरी को लगने जा रहा है।
धार्मिक मान्यताओं अनुसार ऐसे लगता है ग्रहण: पौराणिक मान्यता के अनुसार जब समुद्र मंथन चल रहा था तो उसमे से निकले अमृत को लेकर देवताओं और दानवों के बीच विवाद शुरू हो गया, हर कोई अमृत का पान करना चाहता था। तो इसको सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर लिया। मोहिनी के रूप से सभी देवता और दानव उन पर मोहित हो उठे तब भगवान विष्णु ने देवताओं और दानवों को अलग-अलग बिठा दिया। लेकिन तभी एक असुर को भगवान विष्णु की इस चाल पर शक पैदा हुआ। वह असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गया और अमृत पान करने लगा।
देवताओं की पंक्ति में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने इस दानव को ऐसा करते हुए देख लिया और इस बात की जानकारी तुरंत भगवान विष्णु को दे दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से दानव का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन उस दानव ने अमृत को गले तक उतार लिया था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सिर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतू के नाम से जाना गया। इसी वजह से राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं। पूर्णिमा और अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा का ग्रास कर लेते हैं। इसे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कहते हैं। ज्योतिष अनुसार राहु और केतु एक छाया ग्रह हैं। अगर कोई व्यक्ति राहु केतु के बुरे प्रभाव से पीड़ित है तो उसको जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चंद्र ग्रहण का समय: ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। जिसका प्रारंभ 10 जनवरी की रात 10 बजकर 39 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 2 बजकर 40 ए एम (11 जनवरी) को होगी। इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 1 मिनट की रहेगी।
2020 का वार्षिक राशिफल देखें यहां…
मेष (Aries ) | वृषभ (Taurus) | मिथुन (Gemini) | कर्क (Cancer) | सिंह (Leo) | कन्या (Virgo) | तुला (Libra) | वृश्चिक (Scorpio) | धनु (Sagittarius) | मकर (Capricorn) | कुंभ (Aquarius) | मीन (Pisces)