बीते अप्रैल महीने में गुरु देव ने अपनी राशि मीन राशि में गोचर किया है। आने वाले 21 जुलाई को गुरु देव अपनी ही राशि में वक्री गति करेंगे और 119 दिन तक वक्री गति में ही रहेंगे। गुरु देव को ज्ञान, संतति, वैभव और सम्मान का करक ग्रह मान गया है। काल पुरुष की कुंडली में गुरु देव नवम और द्वादस भाव की स्वामित्व ग्रहण करते हैं। इन भावो के स्वामित्व की वजह से गुरु देव धर्म और कर्म की सोच को भी परिभाषित करते हैं।
किन राशियों के लिए होगा शुभ
जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने बताया कि गुरु देव की ये वक्री गति मेष, कर्क, तुला और मकर राशि की जातक के लिए शुभ फल दायक रहेगा। जातक अपने ज्ञान के सदुपयोग के बल पर लाभ प्राप्त कर पायेग। जीवन में मार्ग सुगम प्रतीत होंगे और जातक अपने ज्ञान से उस राह पर आगे बढ़ भी पाएंगे।
किन राशियों के होगा अशुभ
वृषभ, सिंह, वृ्श्चिक और कुंभ राशि के जातक के लिए ये समय थोड़ा कठिनाई वाला रहेग। इस समय जातक को काफी धैर्य और सयंम के साथ अपने काम को किसी अच्छे शुभचिंतक के सलाह अनुसार आगे बढ़ना चाहिये। अन्य राशियों के लिए ये समय मिला जुला फल देने वाला होगा।
कैसा रहेगा ये राशि परिवर्तन भारत के लिए
न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने बताया कि गुरु देव की इस वक्री गति के समय शनि देव भी वक्री रहेंगे और साथ ही साथ राहु देव मेष राशि और भरनी नक्षत्र में गोचर कर रहे होंगे। भारत वर्ष में इस समय काल में महंगाई बढ़ सकती और जनता को रोजमर्रा के जीवन में परेशानी का सामना करना पर सकता है। ये समय काल भारत सरकार के लिए भी परीक्षा की घड़ी होगी क्योंकि जनता सरकार और उसकी नीति असंतुष्ट रहेगी और अपना विरोध हर प्रकार से प्रकट करेगी।
इस समय काल में जल जनित समस्या जैसे बाढ़, बीमारियों का खतरा भारत और पड़ोसी देशों पर मंडराएग। भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर विवाद की स्थिति बन सकती है। विवाद सीमा पर भी और भारत वर्ष के अंदर भी रहेगा जो सरकार और सकारी एजेंसियो को काफी व्यस्त रखने वाला होगा।
कैसे प्राप्त करें गुरु देव की कृपा
न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार के मुताबिक गुरु देव के इस गोचर में गुरु देव की कृपा नीचे दिए गए उपाय से प्राप्त किया जा सकता हैं:
- यथा संभव सयंम का परिचय दें और आवेश में आकर कोई भी फैसला न लें और ना ही किसी सुनी सुनाई बात को हवा दें।
- किसी विद्यालय में या किसी गुरु आश्रम में श्रम दान करें।
- भगवान विष्णु के विष्णु स्वरुप की पूजा अर्चना करें।
- गुरु देव के वैदिक मंत्रो का विधि विधान से जाप करें।
- अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा केसर और गुलाब जल मिलाएं।