Ganga Dussehra 2023 Date And Upay: वैदिक पंचांग के मुताबिक गंगा दशहरा हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। जो इस बार 30 मई को मनाया जाएगा। मान्यता है कि दशमी तिथि को भगवान शिव की जटा से मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। वहीं इस दिन कुछ विशेष योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपायों का वर्णन मिलता है। जो इस दिन अगर किए जाएं तो धन में वृद्धि और करियर में तरक्की मिल सकती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…
बन रहे हैं ये योग
गंगा दशहरा पर सिद्धि योग, रवि योग और धन योग बन रहे हैं। इन योगों को ज्योतिष में बेहद अहम माना गया है। इन योगों में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होता है।
करें ये ज्योतिषीय उपाय
आर्थिक स्थिति में होगी अच्छी
अगर बहुत प्रयास करने के बाद भी कारोबार में तरक्की नहीं मिल रही हो और आर्थिक परेशानी बनी हुई हो तो इस दिन एक साफ कागज पर गंगा स्त्रोत लिखें और उस कागज को पीपल की पूजा करने के बाद पेड़ के नीचे गाड़ दें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की मिलने की मान्यता है।
भाग्योदय के लिए करें ये काम
अगर आप खूब मेहनत करते हो और फिर भी आपके कामों में अड़चन आती हो। मतलब किस्मत का साथ नहीं मिलता हो तो गंगा दशहरा के दिन एक घर से दूर अनार का पेड़ लगाएं। इसके साथ ही मिट्टी के घड़े में जल भरकर उसमें गंगाजल डाल लें और उसको ढक कर दक्षिण दिशा की तरफ रख दें। कुछ देर बाद घड़े को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दे दें। ऐसा करने से भाग्य का साथ आपको मिलने लगेगा। साथ ही कार्यों में सिद्धि भी मिलेगी।
अक्षय पुण्य की होगी प्राप्ति
गंगा दशहरा के दिन सुबह गंगा में स्नान करना बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही गंगा में स्नान के बाद सुपारी, आम, जल से भरा घड़ा या सुराही, सत्तू, मौसमी फल, गुड़, हाथ का पंखा, छाता, अनार, नारियल, केला, खरबूजा, सुपारी आदि चीजों का दान गरीबों या जरूरतमंदों को करें। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। साथ ही धन- समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आरोग्य की प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
अगर आपके घर में कोई सदस्य बीमार हो, तो इस दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद। गंगा स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही पूजा करने के बाद ‘बृहत्यै ते नमस्तेस्तु लोक धात्र्यै नमोस्तु ते। नमस्ते विश्वमित्राय नन्दिन्यै ते नमो नमः:।।’ मंत्र का 108 बार जप करें। इसके साथ ही गंगा किनारे या किसी शिव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही जिस जल से अभिषेक किया है। उस जल को भरकर घर में छिड़काव करें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।