उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी बसों के किराए में 25 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की है। सरकार का कहना है कि 2020 में पेट्रोल की कीमत 60 के आसपास थी। आज ये 90 से ज्यादा है। इसी वजह से किराए में बढ़ोतरी की गई। इससे होने वाली आय से परिवहन निगम दिसम्बर 2023 तक 3000 बीएस-06 मॉडल की नई बसें एवं वर्ष 2024 में 2000 नई बसें लाने की बात कर रहब है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रोडवेज बसों के किराए में लगभग 24 प्रतिशत की इस बढ़ोतरी पर सरकार को घेरा है।

Akhilesh Yadav बोले जनता की जेब पर प्रहार है

समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले को जनता की जेब पर प्रहार बताया है। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार जनता की जेब से इन्वेस्टर्स समिट की मेजबानी का खर्च उठाना चाहती है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने सोमवार को सामान्य बसों के किराए में 25 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है।

अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा, “बस का किराया 24% बढ़ाकर क्या उप्र की भाजपा सरकार इंवेस्टमेंट समिट का खर्चा जनता की जेब से निकालना चाहती है क्योंकि उन्हें मालूम है, न अब तक पिछला निवेश आया है और न अगला आएगा। अमीरों की पोषक भाजपा ने महंगाई को ग़रीब व आम जनता की नियति बना दिया है। भाजपा के हटने से ही महंगाई हटेगी।”

क्या बोले अधिकारी

राज्य परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष एल वेंकटेश्वर लू द्वारा सोमवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, यूपीएसआरटीसी की सामान्य बसों के लिए अधिकतम दर 1.30 रुपये प्रति यात्री प्रति किलोमीटर निर्धारित की गई है।

बढ़ोतरी से पहले किराया 1.05 रुपये प्रति यात्री प्रति किलोमीटर था। एसी बसों के किराये में भी बढ़ोतरी हुई है। इनमें एसी बस का किराया 163. 86 पैसे, जनरथ बस 2×2 का किराया 193.76 पैसे, वातानुकूलित स्लीपर बस का किराया 258.78 पैसे और वॉल्वों बसों का किराया 286.14 पैसे प्रति यात्री प्रति किलो मीटर हो गया है।