Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शनिवार (25 मार्च, 2023) को अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से खास तैयारियां की गईं। वहीं दूसरे कार्यकाल के पहले साल में ब्रांड योगी की इमेज बुलडोजर बाबा से विकास-आस्था पुरुष के रूप में सामने आई। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार की पिछले 6 वर्षों की उपलब्धियां साफ तौर पर दिखाई देती हैं। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ‘महोत्सव’ के लिए जाना जाता है, न कि माफिया के लिए। पहले अधिकारियों को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जाता था, लेकिन अब जिला मजिस्ट्रेट अपना काम बेहतर तरीके से कर रहे हैं। समाज के सभी वर्गों को सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान कर रहे हैं।
सरकार आदित्यनाथ के शासन मॉडल को हाईलाइट करने की तैयारी कर रही है। यह स्पष्ट है कि उनके पहले कार्यकाल की तुलना में उनकी छवि को निवेश और कानून-व्यवस्था के रूप में प्राथमिकता दी गई। इस तरह यह भी आश्चर्य की बात नहीं, जब राज्य सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में पर्यटन महत्व के स्थानों के बारे में जानकारी देने के लिए देश भर के प्रमुख शहरों में पर्यटन सूचना केंद्र खोलने का फैसला किया।
योगी मतलब विकास मॉडल
आदित्यनाथ की छवि ‘डिमोलिशन मैन’ या “बुलडोजर बाबा” के रूप में भारत और विदेशों में बनी है, लेकिन अब उन्हें एक नेता के रूप में पेश करने की तैयारी की जा रही है। जिसका विकास मॉडल आस्था के सम्मान के एजेंडे के इर्द-गिर्द बुना गया है, जबकि केंद्र में भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले राम मंदिर के निर्माण को लेकर तैयारी कर रही है। वहीं राज्य सरकार अयोध्य के विकास को एक आदर्श शहर के रूप में पेश करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
अयोध्या के विकास पर योगी सरकार का खास फोकस
खुद सीएम योगी अयोध्या में विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। वो समय-समय पर अयोध्या का दौरा कर रहे हैं और इसे एक आदर्श शहर बनाने से लेकर सड़कों के चौड़ीकरण, नागरिक सुविधाओं के विकास से लेकर एक नए बस स्टेशन और हवाई अड्डे तक, शहर की प्रगति को कायम रखने वाली हर चीज उनके एजेंडे में है यहां तक कि जन्मभूमि पथ के साथ, शहर में एक सुग्रीव किला पथ और एक भक्ति पथ दिखाई भी देगा।
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर तैयारी शुरू
अयोध्या के अलावा योगी सरकार के एजेंडे में यूपी के अन्य धार्मिक स्थल भी शामिल हैं। जिसमें सरकार ने साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारी शुरू कर दी है, जबकि सीतापुर में नैमीशरण और पश्चिम में ब्रज, साथ ही पूर्व में विंध्य और चित्रकूट धाम भी एजेंडे में हैं।
निवेश प्रदेश बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही योगी सरकार
इसके अलावा सरकार ने दावा किया था कि वह अपने पहले कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश को “उत्तम प्रदेश” में बदल देगी, उसने अब राज्य को “निवेश प्रदेश” बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि यह अपने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर रही है। कहा जाता है कि लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, और सरकार का दावा है कि वह एनसीआर क्षेत्र ही नहीं बल्कि यूपी के अन्य जिलों में भी निवेश को आकर्षित करने में सफल रही है।
