Maharashtra-Karnataka Border Dispute : महाराष्ट्र – कर्नाटक सीमा विवाद लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा ( Maharashtra Assembly) में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा रेखा पर प्रस्ताव में देरी के बाद शिवसेना (Shivsena) नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मांग की है कि केंद्र विवादित सीमा क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे। जबकि महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक सरकार की तरह प्रस्ताव लाने के लिए तैयार थी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि राज्य सरकार एक इंच जमीन के लिए भी लड़ेगी।

Karnataka की तरह Maharashtra सरकार भी प्रस्ताव लाने की तैयारी में

कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly) की तरह महाराष्ट्र सरकार भी प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। कर्नाटक सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा करने और पड़ोसी राज्य को एक इंच जमीन नहीं देने की बात के साथ एक प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि सीमा विवाद महाराष्ट्र ने खड़ा किया है। महाराष्ट्र सरकार भी एक प्रस्ताव लाने के लिए तैयार थी। लेकिन अभी तक यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रस्ताव में देरी हुई है क्योंकि सीएम एकनाथ शिंदे को दिल्ली जाना पड़ा है।

Uddhav Thackeray की मांग पर BJP का पलटवार

महाराष्ट्र – कर्नाटक सीमा विवादित क्षेत्र को आज ही केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के प्रस्ताव को पारित करने की उद्धव ठाकरे की मांग के बाद भाजपा एमएलसी प्रवीण दरेकर ने सोमवार को में कहा कि यह दिखाने की जरूरत है कि हम सभी सीमा क्षेत्र पर रहने वाले नागरिकों के साथ हैं लेकिन ऐसा लगता है कि इन्हें जल्दी है। क्योंकि यहां क्रेडिट लेने के लिए लड़ाई चल रही है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसा दिखाया जाता है जैसे सत्ता पक्ष सीमा क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के खिलाफ है. लेकिन हम उनके साथ हैं। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हमें कर्नाटक की एक इंच जमीन नहीं चाहिए, लेकिन हम अपनी जमीन वापस चाहते हैं। हमें कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के लिए केंद्र को एक मांग भेजनी चाहिए। मैं सदन से अनुरोध करता हूं कि वह आज ही इस प्रस्ताव को पारित कर केंद्र को भेजे।