Karnataka Elections : दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में भाजपा की सरकार है। वहां इस साल चुनाव होने हैं, जिसको लेकर भाजपा तैयारी में जुटी हुई है। भाजपा की कोशिश है कि घरेलू मतभेदों को समाप्त करने के अलावा वह राज्य में अपने दम पर नई सरकार बना सके। कुछ ही दिनों पहले अपने कर्नाटक दौरे पर भाजपा के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक अमित शाह ने जदयू पर करारा प्रहार किया।

उन्होंने कहा कि जदएस और कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि जो पार्टी सिर्फ 30-35 सीटें जीतती है और फिर ब्लैकमेलिंग पर उतर आती है उसे लंबे समय तक जिंदा नहीं रखना चाहिए।

अमित शाह के इस प्रहार के बाद राज्य के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने उनपर पलटवार करते हुए उन्हें ‘सियासी गिरगिट’ तक कह दिया। भाजपा और जदयू के बीच इस तरह के वार-पलटवार से दोनों ही दलों के कार्यकर्ता तक हैरान हैं। जदएस को अभी भी राज्य में भाजपा के पोस्ट पोल पार्टनर के रूप में देखा जाता है। दिसंबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के स्वास्थ्य का हालचाल लिया था। पीएम देवगौड़ा से मिलने के लिए उनके घर गए थे।

कर्नाटक में हाल ही में हुए डवलपमेंट को लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि अमित शाह के दिमाग में एक से ज्यादा उद्देश्य हैं। भाजपा द्वारा अब यह घोषणा भी कर दी गई है कि वह कर्नाटक में अकेले चुनाव लड़ेगी।

अमित शाह के इस बयान ने वोक्कालिगा समुदाय से जुड़े भाजपा के नेताओं को भी स्पष्ट सिग्नल दे दिया है कि वो ओल्ड मैसूरू इलाके में मेहनत शुरू कर दें। देवगौड़ा परिवार वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखता है और माना जाता है कि यह समुदाय जेडीएस का समर्थक है।

ओल्ड मैसूरू इलाके में भाजपा को अबतक खास सफलता नहीं मिली है। इस इलाके से 89 विधायक चुने जाते हैं। साल 2008 में भाजपा को यहां से सबसे ज्यादा 28 सीटें मिली थीं। इसमें 17 बेंगलुरु से थीं। पिछले विधानसभा में भाजपा यहां सिर्फ 22 विधानसभा सीटें जीत सकती थी।

मुस्लिम वोटों में बिखराव

माना जाता है अमित शाह कर्नाटक में मुस्लिम वोटों को बिखेरने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं। कांग्रेस हमेशा भाजपा को भाजपा की बी टीम बताती है, इससे उसे मुस्लिम मत हासिल करने में मदद मिलतीहै। भाजपा का मानना है कि अगर वह यह साबित करने में सफल रहती है कि उसका जेडीएस से कोई लेना-देना नहीं है तो चुनाव में मुस्लिम मतों में कुछ बिखराव देखने को मिल सकता है।

बेंगलुरु में कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि अमित शाह का यह हमला दिखाता है कि उन्हें चुनावों में जरूरी सीटें नहीं मिलेंगी और उनके इस बात का यह मतलब भी नहीं है कि भाजपा चुनाव बाद जदएस से फिर गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि जेडीएस कर्नाटक में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते।