Bihar Politics: बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में अटकलों को खारिज कर दिया। साथ ही पुष्टि की कि जेडी(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के बाद भी गठबंधन का चेहरा बने रहेंगे।
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में भाग लेने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि वह एनडीए के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं और विधानसभा चुनावों के बाद भी बने रहेंगे। उनके बयान ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया कि भाजपा चुनावों के बाद इस पद के लिए किसी नए उम्मीदवार को आगे बढ़ा सकती है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार के साथ सहज है, जो 1996 से एनडीए का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए नीतीश कल भी नेता थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे। नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार द्वारा अपने पिता को आगामी चुनाव के लिए एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आधिकारिक रूप से घोषित करने की मांग के बाद उनकी टिप्पणियों को और अधिक महत्व मिला।
निशांत ने पिछले दो दशकों में अपने पिता के विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए लोगों से उनके लिए वोट करने का आग्रह किया था। निशांत ने कहा था कि उनको फिर से मुख्यमंत्री बनायें। उनको जो बिहार के विकास के लिए काम दिया है उसको दिखाओ, वोट करिए…। निशांत ने नीतीश कुमार के जन्मदिन पर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मीडिया से यह बात कही थी।
निशांत कुमार के सक्रिय राजनीति में आने के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि यह जेडी(यू) का अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि यह नीतीश जी का निजी मामला है। वे जो भी फैसला करेंगे, बीजेपी गठबंधन सहयोगी के तौर पर उनके साथ रहेगी।
विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर टिप्पणी करते हुए चौधरी ने दावा किया कि तेजस्वी की राजनीति में स्थिति पूरी तरह से उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की वजह से है। उन्होंने कहा कि जिस दिन लालू जी तेज प्रताप या मीसा भारती जैसे किसी और को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर देंगे, उस दिन तेजस्वी की कोई नहीं सुनेगा।
बिहार के विकास के बारे में तेजस्वी की समझ की आलोचना करते हुए चौधरी ने पहले तेजस्वी का मज़ाक उड़ाते हुए उन्हें “बउआ” (बच्चा) कहा था जो बस वही पढ़ता है जो उसे दिया जाता है। उन्होंने यह टिप्पणी गुरुवार को विधानसभा में 3 मार्च को पेश किए गए बजट पर बहस के दौरान की।
दोनों नेताओं की क्षमता के स्तर की तुलना करते हुए चौधरी ने कहा कि तेजस्वी 36 साल के हैं जबकि नीतीश जी 74 साल के हैं। लेकिन मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि तेजस्वी नीतीश जी की ऊर्जा से मेल नहीं खा पाएंगे। नीतीश जी तेजस्वी से चार गुना ज्यादा काम कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि समय के साथ राजनीति बदल गई है और नेतृत्व अब जन्मसिद्ध अधिकार से नहीं बल्कि मतदाताओं द्वारा तय किया जाता है। उन्होंने कहा कि आजकल राजा रानी के पेट से पैदा नहीं होता। मतदाता तय करते हैं कि उनका प्रतिनिधि कौन होगा। नीतीश ने पिछले दो दशकों से बिहार को संवारा है और आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे।
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