Bihar Vidhansabha Session 2025: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को मंगलवार को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। प्रेम कुमार के स्पीकर बनते ही सदन में मौजूद विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाये। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मिलकर उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेम कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैं माननीय नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष महोदय को बधाई देता हूं। बहुत ही खुशी की बात है कि आज डॉ. प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। मैं पूरे सदन की ओर से उनका अभिनंदन करता हूं। मैं सभी दल के नेताओं और सदस्यों को अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन में सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं।”

कौन हैं प्रेम कुमार?

प्रेम कुमार भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। डॉ. प्रेम कुमार का जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ हैं। अपनी वरिष्ठता के कारण बीजेपी की पसंद माने जाने वाले प्रेम कुमार, 1974 के जेपी आंदोलन से उभरी पार्टी की फेमस चौकड़ी दिवंगत सुशील कुमार मोदी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का हिस्सा रहे हैं। इतिहास में पीएचडी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग चंद्रवंशी समुदाय से आने वाले प्रेम कुमार पहली बार 1990 में गया टाउन से विधायक चुने गए थे और तब से वे इस सीट पर बने हुए हैं। वे 2005 से मंत्री हैं और नगर विकास, कृषि और पर्यावरण एवं वन जैसे प्रमुख विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।

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प्रेम कुमार के करीबी सहयोगी उन्हें अपने परिवार की पहली पीढ़ी के ऐसे राजनेता बताते हैं जो अपने मतदाताओं के लिए आसानी से उपलब्ध रहते हैं। उनके एक करीबी सहयोगी शत्रुघ्न भदानी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “उनका परिवार बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आता है। विधायक बनने से तीन साल पहले, प्रेम कुमार ने अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर दवाइयों का कारोबार शुरू किया था। विधायक बनने के बाद उन्होंने इस कारोबार में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी। उनके भाई की कुछ समय के लिए गया में बिजली के सामान की दुकान थी, जबकि उनके बेटे प्रेम सागर बीजेपी के सक्रिय सदस्य हैं।

प्रेम कुमार 2015 से 2017 तक विपक्ष के नेता भी रहे, जब नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होने से पहले महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। हाल के चुनावों में प्रेम कुमार ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ओंकार नाथ को 11,000 से ज्यादा मतों से हराया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…