Bihar Elections: गया के टिकारी विधानसभा से एनडीए प्रत्याशी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के नेता अनिल कुमार पर बुधवार देर शाम हमला हुआ है। सिंह अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान अनिल कुमार पर राजद समर्थकों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें उनका हाथ टूट गया और उन्हें गंभीर चोटें आईं। उनके काफिले पर भी पथराव किया गया। जिसमें उनके कई समर्थक घायल हो गए। हालांकि, बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया।

पत्थर का जवाब बिहार की जनता वोट के चोट से देगी- मांझी

विधायक अनिल कुमार पर हुए हमले को लेकर पार्टी चीफ जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा, ‘माननीय विधायक अनिल कुमार जी के उपर हुआ हमला विपक्ष के कायरता और हताशा का जीता जागता उदाहरण है। राजद के लोग बिहार को बंगाल बनाने की कोशिश कर रहें है…अनिल जी के उपर चले हर पत्थर का जवाब बिहार की जनता वोट के चोट से देगी।’

अत्री विधानसभा से उम्मीदवार रोमित ने कहा कि टिकारी में विधायक अनिल कुमार पर राजद समर्थकों द्वारा किया गया हमला कायरतापूर्ण और हताशापूर्ण है। राजद मान चुकी है कि उनकी सरकार नहीं बनेगी और अब उनके समर्थक हिंसक हो रहे हैं। हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में कुर्बानी देने को भी तैयार हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे, हम हमेशा अडिग रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल कुमार शाम करीब 4 बजे कोच थाना क्षेत्र के दिघौरा गांव में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। इस दौरान राजद समर्थकों उन्हें घेर लिया और इलाके में सड़क निर्माण के बारे में सवाल करने लगे। जैसे ही अनिल कुमार ने जवाब देने की कोशिश की, तनाव बढ़ गया। राजद समर्थकों ने विरोध में नारेबाज़ी शुरू कर दी। उनके समर्थकों ने बीच-बचाव करके स्थिति को शांत किया, लेकिन जल्द ही दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई। राजद समर्थकों ने अनिल कुमार और उनके समर्थकों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। देखते ही देखते स्थति हिंसक हो गई

अनिल कुमार के कई वाहनों पर हमला

अनिल कुमार के काफिले के कई वाहनों पर हमला किया गया और समूह के लोग जान बचाने के लिए भागने की कोशिश करने लगे। भीड़ ने कुमार और उनके समर्थकों को गांव से बाहर खदेड़ दिया। इस हमले में उन्हें अपना बचाव करने का भी मौका नहीं मिला। अनिल कुमार पत्थरों से घायल हो गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिनमें उनके बाएँ हाथ में फ्रैक्चर और सिर में चोटें शामिल हैं।

पुलिस मौके पर पहुंची

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंचकर शांति व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की। आगे किसी तरह की कोई हिंसा न हो इसके लिए इलाके को जल्द ही पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस टीमें हिंसा में शामिल लोगों की तलाश कर रही हैं। अनिल कुमार को पुलिस सुरक्षा में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। उनके कई समर्थक भी घायल हुए हैं।

यह एक सुनियोजित हत्या की कोशिश थी- अनिल कुमार

हमले के बाद, अनिल कुमार ने कहा कि यह हमला उनकी हत्या की योजना का हिस्सा था। उन्होंने घटना को याद करते हुए बताया कि जब हिंसा भड़की, तब वह दिघौरा गाव के चंद्रवंशी टोला से मांझी टोला जा रहे थे।

उन्होंने बताया कि मैं यादव टोला के पास से गुज़र रहा था, तभी कुछ लोगों ने मेरी गाड़ी रोक ली। एक उम्मीदवार होने के नाते, मैंने अपने ड्राइवर से गाड़ी रोकने को कहा, यह सोचकर कि वे मुझसे बात करना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने पूछा कि मैं उनके गांव में क्यों आया हूँ और मुझे गाड़ी से बाहर निकलने को कहा। मेरे समर्थकों ने उनसे शांति से बात करने का अनुरोध किया, लेकिन अचानक उन्होंने बड़े-बड़े पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।

अनिल कुमार ने बताया कि उनके काफिले की लगभग आठ गाड़ियों पर हमला किया गया। उन्होंने आगे कहा कि भारी ईंटें मेरे हाथों और पीठ पर लगीं। एक ईंट तो मेरे सिर के पास से भी छूकर निकल गई। यह मेरी हत्या की साज़िश थी। अगर मैं समय रहते नहीं बचता, तो वे मेरी हत्या कर देते।

‘गोलीबारी भी हुई’

अनिल कुमार ने आगे आरोप लगाया कि अफरा-तफरी के दौरान हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि करीब 50 लोगों ने हमला शुरू किया, लेकिन जल्द ही लगभग 500 लोग उनके साथ आ गए। लगभग पांच से सात राउंड गोलीबारी हुई। एक गोली मेरे पास से होकर निकल गई।

उन्होंने आगे बताया कि उनका ड्राइवर और उनके काफिले के कई लोग अभी भी लापता हैं। अनिल कुमार ने कहा कि हम अपनी जान बचाने के लिए कीचड़ में भागे। मेरे गार्ड ने मुझे बचाया। अगर हम पांच मिनट और रुकते, तो वे हमें मार डालते।

अराजकता के बीच बाल-बाल बचे

अनिल कुमार ने बताया कि उनकी गाड़ी पर भारी पत्थर गिरे, जिससे उन्हें दूसरी गाड़ी में बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि जैसे ही मैंने गाड़ी बदली, हमलावरों ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी। मेरे गार्ड ने भी जवाबी गोलीबारी की और हम किसी तरह वहां से भाग निकले।

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पुलिस जांच जारी

पुलिस ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है और हमले के ज़िम्मेदार लोगों की पहचान कर रही है। स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है। अनिल कुमार सिंह और उनके समर्थकों का इलाज चल रहा है और आगे की जाँच जारी है।

कौन हैं अनिल कुमार?

गया जिले की टिकारी विधानसभा क्षेत्र से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी अनिल कुमार कई बार विधायक रह चुके हैं। 65 वर्षीय अनिल कुमार फरवरी 2005 में लोजपा और अक्टूबर 2005 में जेडीयू के टिकट पर कोंच विधानसभा सीट से विधायक बने थे, जबकि 2010 में टिकारी से जेडीयू के सिंबल पर जीते थे। वहीं, 2020 में हम के सिंबल पर इसी सीट से विधायक बने हुए हैं।

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