Who is Manoj Kumar Pandey: उत्तर प्रदेश की राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मतदान जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। अखिलेश यादव के करीबी मनोज पांडेय ने सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। चर्चा है कि अब मनोज पांडेय बीजेपी को अपना वोट करेंगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लिखे पत्र में मनोड पांडेय ने लिखा, ‘अवगत कराना है कि आपके द्वारा हमें सपा विधानमंडल दल उ.प्र. विधानसभा का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया था। अतः मैं मुख्य सचेतक के पद से त्यागपत्र दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करने की कृपा करें।’
दावा किया जा रहा कि मनोज पांडेय ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है। मनोज पांडेय के घर दया शंकर सिंह पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दयाशंकर अपने साथ लेकर वोट कराने जाएंगे और दया शंकर ने मनोज पाण्डेय की फोन पर CM योगी से बात कराई। चर्चा यहां तक है कि मनोज पांडेय जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
मनोज पांडेय का ऊंचाहार विधान सभा सीट से सपा विधायक है। पांडेय का ऊंचाहार जिले में इतना प्रभाव है कि जब से ऊंचाहार विधान सभा सीट बनी है, तब से मनोज पांडेय ही यहां से विधायक हैं। यहां मनोज हर बार रिश्तों की अग्नि परीक्षा पास करने में अब तक कामयाब रहे हैं।
ऊंचाहार विधानसभा सीट से मनोज पांडेय कभी नहीं हारे
2012 के चुनावी दंगल में मनोज के साथ जिले में सपा के पांच विधायक जीत कर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 2017 के चुनावी रण में मनोज ही सपा के एक मात्र ऐसे योद्धा रहे, जिन्होंने ऊंचाहार से जीत दर्जकर जिले में समाजवादी पार्टी की लाज बचाई थी।
मनोज पांडेय का रायबरेली के साथ आसपास के जिलों में भी खासा प्रभाव है पर ऊंचाहार व मनोज के बीच रिश्तों की ऐसी लड़ी जुड़ी है, जिसे तोड़ पाना किसी लिए असंभव सा लगता है।
2022 के चुनाव में भाजपा ने अपने प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य को उतारकर अभी नहीं तो कभी नहीं के नारे के साथ जंग लड़ी थी। गांव-गांव मनोज को हराने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी थी। 10 मार्च को जब मतों की गिनती के बाद ऊंचाहार का चुनाव परिणाम आया तो मनोज एक बार फिर विजेता बनकर सामने आए।
मनोज पांडेय ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को दो बार हराया
वहीं 2012 में पहली बार सपा के टिकट पर ऊंचाहार सीट से लड़ने आए डा. मनोज पांडेय ने बसपा के टिकट पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र को हराकर विधान सभा पहुंचे तो 2017 के चुनावी दंगल में भी मनोज का मुकाबला भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र से ही हुआ और दूसरी बार भी यहां मनोज ने ही जीत दर्ज की।
2012 के पहले ऊंचाहार थी डलमऊ सीट
2012 से पहले ऊंचाहार विधानसभा सीट को डलमऊ सीट के नाम से जाना जाता था, लेकिन उसके बाद हुए परसीमन में डलमऊ सीट को ऊंचाहार के नाम से पहचान मिली। इसमें ऊंचाहार, रोहनिया, दीना शाह गौरा, जगतपुर व डलमऊ ब्लाक का आधे से अधिक हिस्सा लगता है।