शिवसेना सांसद संजय राउत के घर रविवार (31 जुलाई 2022) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पहुंची। पात्रा चॉल स्कैम में सबूत जुटाने के लिए ईडी की टीम संजय राउत के घर पहुंची और उनसे पूछताछ की। जिसके बाद शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने बीजेपी पर ताना मारा है।
अरविंद सावंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “राज्यपाल खुद कहते हैं कि अगर गुजराती और राजस्थानी महाराष्ट्र छोड़ देते हैं, तो मुंबई आर्थिक राजधानी नहीं कहलाएगी। उनके अनुसार, धनवान कौन हैं और किसके घर छापेमारी हो रही है? तो, इसके पीछे कौन है, भाजपा?
गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का बयान: गौरतलब है कि महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को राजस्थानियों और गुजरातियों को लेकर कहा था कि इन्हीं लोगों के कारण मुंबई आर्थिक राजधानी कहलाती है। मुंबई के अंधेरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोश्यारी ने कहा था, “अगर महाराष्ट्र, खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो तुम्हारे यहां कोई पैसा नहीं बचेगा। इसके साथ ही देश की आर्थिक राजधानी भी मुंबई नहीं रह पाएगी। मैं यह बात कई बार लोगों से कहता भी हूं।”
मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने किया किनारा: महाराष्ट्र के गवर्नर के बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा प्रायोजित मुख्यमंत्री के सत्ता में आते ही मराठी व्यक्ति का अपमान शुरू हो जाता है। संजय राउत ने ट्वीट किया कि सीएम शिंदे, कम से कम राज्यपाल की निंदा करें। यह मेहनती मराठी लोगों का अपमान है। वहीं इस बयान से राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने किनारा कर लिया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मैं राज्यपाल के बयान से सहमत नहीं हूं। मराठी लोगों ने महाराष्ट्र के विकास की प्रक्रिया में योगदान दिया है। इस विकास यात्रा में और भी कई लोग शामिल हुए लेकिन इससे मराठी लोगों का महत्व कम नहीं हो सकता।”
वहीं, दूसरी ओर ईडी की टीम संजय राउत के घर पहुंची तो वह ट्वीट करने लगे। संजय राउत ने एक ट्वीट किया, “मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। यह मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर कह रहा हूं। बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया है। मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा।” एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “झूठी कार्रवाई, झूठा सबूत। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा, जय महाराष्ट्र।”