जाति और धर्म को लेकर सभी दल खुद को सेक्युलर बताते हैं, जबकि चुनाव के दौरान इसका एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने के रूप में भी खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते देश में वोटरों के सामने जाति और धर्म एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। बंगाल के चुनाव में भी यह देखने को मिल रहा है। बंगाल में टीवी चैनल आजतक के लिए ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहीं एंकर अंजना ओम कश्यप ने फुरफुरा शरीफ से डिबेट के दौरान टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “एआईएमआईएम, एआईएसएफ और बीजेपी सभी एक ही सिक्के के इधर-उधर हैं। इस पर अंजना ओमकश्यप ने कहा कि “आप किस थाली के चट्टे-बट्टे हैं।”

टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता के बोलते ही उनकी बात काटते हुए राजनीतिक विश्लेषक संगीत रागी ने कहा, “रेडिकल इस्लाम के बारे में सबको पता है।” उन्होंने टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता से कहा, “बांग्लादेशी मुसलमानों का वोट जो है वह आपका वोटबैंक बन सकता है। इसीलिए आप नागरिकता सुधार कानून सीएए का विरोध कर रहे हैं।” दोनों लोग एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बोलते रहे। इससे एंकर अंजना ओमकश्यप को कई बार उनको शांत होने और एक-एक करके बोलने के लिए कहना पड़ा। हालांकि वे अपना बोलना जारी रखे हुए थे।

अंजना ओम कश्यप ने कहा कि यहां फुरफुरा शरीफ एक धार्मिक स्थल है। सबको यह पता है। यहां पर सभी पार्टियों के नेता पहुंचते हैं। टीएमसी के नेता तो पहुंचते ही हैं, अब तो मुकुल रॉय भी बीजेपी में आ गए हैं। धार्मिक स्थल है तो उसका महत्व है, यहां लोग आएंगे ही। कहा कि यह ध्रुवीकरण क्यों हो रहा है।

इस दौरान एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी खेतों में चंडी पाठ कर रही थीं। अगर मैं भी एक दिन खेत में कुरान की आयते पढ़ लूं तो देश में बवाल शुरू हो जाएगा।

हालांकि डिबेट में तीनों नेता अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए थे, लेकिन एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि वे जिस सवाल को उठा रही हैं, उन्हें उसका जवाब देना चाहिए। बेवजह सबको ज्ञान नहीं बांटना है।